कश्मीर में अतिरिक्त 10 हजार सैनिक होंगे तैनात, शाह फैसल बोले- कुछ भयानक होने वाला है
कश्मीर घाटी में सीआरपीएफ की 50, बीएसएफ की 10, एसएसबी की 30, आईटीबीपी की 10 कंपनियां तैनात की जाएंगी। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल के कश्मीर दौरे से लौटते के बाद वहां 10 हजार अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजने के फैसला लिया गया है। कुछ जवान वहां पहुंचाए भी जा चुके हैं।
नई दिल्ली: शुक्रवार को गृह मंत्रालय की तरफ से बयान जारी कहा गया था जिसके मुताबिक कश्मीर घाटी में सीआरपीएफ की 50, बीएसएफ की 10, एसएसबी की 30, आईटीबीपी की 10 कंपनियां तैनात की जाएंगी। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल के कश्मीर दौरे से लौटते के बाद वहां 10 हजार अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजने के फैसला लिया गया है। कुछ जवान वहां पहुंचाए भी जा चुके हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ जारी आदेश में कहा गया है कि अतिरिक्त केंद्रीय बलों की तैनाती से कश्मीर में आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने का अभियान मजबूत होगा। साथ ही, राज्य में कानून-व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाए रखने में मदद मिलेगी।
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक देश के अलग-अलग हिस्सों में तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों को एयरलिफ्ट कर सीधे कश्मीर पहुंचाया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि कश्मीर में सुरक्षा बलों की 100 और कंपनियां तैनात की जा रही हैं। हर कंपनी में 100 जवान होंगे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 25 जुलाई को केंद्रीय सशस्त्र बलों की अतिरिक्त 100 कंपनियों की तैनाती का ऑर्डर जारी किया था। इन केंद्रीय बलों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) शामिल हैं।
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Centre’s decision to deploy additional 10,000 troops to the valley has created fear psychosis amongst people. There is no dearth of security forces in Kashmir. J&K is a political problem which won’t be solved by military means. GOI needs to rethink & overhaul its policy.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) July 27, 2019
महबूबा मुफ्ती ने जताया विरोध
राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने केंद्र के इस फैसले का विरोध किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि केंद्र के फैसले ने घाटी में भय का वातावरण पैदा कर दिया है। उन्होंने लिखा, 'घाटी में अतिरिक्त 10 हजार जवान तैनात करने का केंद्र का फैसला लोगों के मन में भय पैदा कर रहा है। कश्मीर में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं है। जम्मू-कश्मीर की समस्या राजनीतिक है जिसे सैन्य संसाधनों से नहीं सुलझाया जा सकता है। भारत सरकार को दोबारा सोचने और अपनी नीति बदलने की जरूरत है।'
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This MHA communique regarding deployment of additional 100 Coys of CAPF is fueling huge anxiety in Kashmir. No one knows why this sudden mobilization of forces is being done.
Rumor is that something sinister is about to happen.
Article 35a?
— Shah Faesal (@shahfaesal) July 26, 2019
'कुछ बड़ा भयानक होने वाला'
पूर्व आईएएस अधिकारी और जम्मू-कश्मीर पीपल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) के अध्यक्ष शाह फैसल ने शुक्रवार को गृह मंत्रालय के कश्मीर घाटी में अतिरिक्त फोर्स की तैनात किए जाने के फैसले पर सवाल उठाए हैं। फैसल ने कहा है कि इस बात की अफवाह है कि घाटी में कुछ बड़ा भयानक होने वाला है।
शाह फैसल ने ट्वीट कर कहा, ‘घाटी में अचानक सुरक्षाबलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती क्यों हो रही है, इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस बात की अफवाह है कि घाटी में कुछ बड़ा भयानक होने वाला है। क्या यह अनुच्छेद 35ए को लेकर है?