बढ़ी मांग के बाद शराब कंपनियों ने शुरू किया सेनिटाइजर बनाना
जिस हैंड सेनिटाइजर को पहले बहुत कम ही लोग इस्तेमाल करते थे और चंद कंपनियाँ ही इसका निर्माण करती थीं आज उसकी भारी मांग है। बाजार से हैंड सेनिटाइजर गायब से हो गए हैं और इनकी कालाबाजारी भी हो रही है।
नई दिल्ली: जिस हैंड सेनिटाइजर को पहले बहुत कम ही लोग इस्तेमाल करते थे और चंद कंपनियां ही इसका निर्माण करती थीं आज उसकी भारी मांग है। बाजार से हैंड सेनिटाइजर गायब से हो गए हैं और इनकी कालाबाजारी भी हो रही है।
अब हैंड सेनिटाइजर की कमी को दूर करने के लिए कई शराब निर्माता कंपनियाँ भी मैदान में आ गई हैं। इन कंपनियों द्वारा अपने पास मौजूद ईएनए यानी एक्सट्रा न्यूट्रल अल्कोहल से सैनिटाइजर बनाया जा रहा है।
एक्सट्रा न्यूट्रल अल्कोहल शीरे से निकाला जाता है और इसका इस्तेमाल स्प्रिट, शराब और सेनिटाइजर बनाने में किया जाता है। भारत पूरी दुनिया में सैकड़ों शराब कंपनियों ने अपने स्टॉक में मौजूद अल्कोहल का इस्तेमाल सेनिटाइजर बनाने में कर दिया है।
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अमेरिका और यूरोप में कई नामचीन शराब कंपनियाँ तो अपने प्रसिद्ध शराब ब्राण्डों के नाम पर ही हैंड सेनिटाइजर बाजार में ले आई हैं। इन कंपनियों में मेकेंज़ी, पेर्नोर्ड रिचर्ड, सीग्राम, पुरेल आदि शामिल हैं।
अमेरिका की ऐसी कंपनियों ने अब सरकार से शराब पर उत्पादन पर लगने वाले टैक्स में छूट की मांग भी की है।भारतीय कंपनी रेडिको खेतान ने कहा है कि वह रामपुर स्थित अपने मुख्य डिस्टिलरी में एक्सट्रा न्यूट्रल अल्कोहल से सेनिटाइजर बनाएगी।
कंपनी ने इसके लिए सरकार से अनुमति मांगी है। उधर गोवा स्थित गोवा ब्रेविंग कंपनी ने कहा है कि वह स्वास्थ्य कर्मियों को और ग्रामीणक्षेत्रों में मुफ्त में सेनिटाइजर बाटेंगी।
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