Agneepath Scheme Protest: आंदोलन भड़काने में कोचिंग संचालकों का कनेक्शन, पुलिस का कड़ा एक्शन, कई राज्यों में गिरफ्तारियां

Agneepath Scheme Protest: युवाओं को भड़काने के आरोप में पुलिस ने बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हैदराबाद और राजस्थान में कई कोचिंग संचालकों को गिरफ्तार किया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-06-19 05:49 GMT

देश के कई राज्यों में जारी अग्निपथ योजना का विरोध प्रदर्शन।

Agneepath Scheme Protest: अग्निपथ भर्ती योजना (Agneepath Scheme) के खिलाफ देश के कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन (Agneepath Scheme Protest) का दौर जारी है। बिहार से शुरू हुआ यह आंदोलन अब देश के कई राज्यों में फैल गया है। दक्षिण भारत के युवाओं में भी सेना में भर्ती (Army Recruitment) की इस योजना के खिलाफ आक्रोश दिख रहा है। हिंसक प्रदर्शन का अभी तक सबसे ज्यादा असर बिहार (Bihar) और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में दिखा है। बिहार में अकेले रेलवे को 700 करोड़ रुपए की चपत लग चुकी है। नाराज युवाओं ने सरकारी बसों और अन्य सरकारी संपत्तियों को भी निशाना बनाया है।

विभिन्न राज्यों में भड़के युवाओं की नाराजगी के पीछे अब कोचिंग संस्थानों की भूमिका भी सामने आने लगी है। युवाओं को भड़काने के आरोप में पुलिस ने बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हैदराबाद और राजस्थान में कई कोचिंग संचालकों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अब इस मामले की जांच पड़ताल करने में लगी हुई है कि इन कोचिंग संचालकों ने किस तरह युवाओं को हिंसक प्रदर्शन और तोड़फोड़ के लिए भड़काया।

अलीगढ़ में नौ कोचिंग संचालक गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में भी अग्निपथ योजना के खिलाफ जमकर बवाल हुआ था। पुलिस ने इस मामले में कड़ा एक्शन लेना शुरू कर दिया है। तोड़फोड़ और आगजनी के मामलों में अभी तक 35 लोगों की गिरफ्तारी की गई है और इनमें नौ कोचिंग संचालक भी शामिल है। 

पुलिस इस मामले की जांच पड़ताल करने में जुटी हुई है कि युवाओं को भड़काने में कोचिंग संचालकों की क्या भूमिका रही। पुलिस अफसरों का कहना है कि जांच के बाद इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अलीगढ़ पुलिस का कहना है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है ताकि इनके जरिए युवाओं को न भड़काया जा सके।

ग्वालियर में कोचिंग संस्थानों पर कसा शिकंजा

मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में युवाओं ने कई स्थानों पर जमकर उत्पात मचाया था। पुलिस का कहना है कि इस मामले की शुरुआती जांच में कोचिंग संचालकों की ओर से युवाओं को भड़काए जाने का खुलासा हुआ है। ग्वालियर में एक कोचिंग संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है जबकि चार अन्य कोचिंग संचालकों की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए जांच पड़ताल की जा रही है। एफआईआर दर्ज होने के बाद कोचिंग संचालक फरार हो गया है और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है। इस कोचिंग संचालक के खिलाफ जल्द ही इनाम घोषित किया जाएगा। अन्य कोचिंग संचालकों के खिलाफ भी जांच के बाद रिपोर्ट दर्ज करने की तैयारी है।

ग्वालियर के जिला प्रशासन ने भी कोचिंग संचालकों पर शिकंजा कस दिया है। जिलाधिकारी ने आदेश दिया है कि सभी फिजिकल कोचिंग संचालकों को अब एसडीएम से अनुमति लेनी होगी। कोचिंग संचालकों को आवेदन के लिए तीन दिन का समय दिया गया है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में अभी तक की गई जांच पड़ताल में कोचिंग संस्थानों की ओर से युवाओं को भड़काऊ संदेश भेजे जाने की बात सामने आई है। इसके बाद ही युवाओं ने तीखा तेवर दिखाते हुए शहर के विभिन्न स्थानों पर जमकर उत्पात मचाया था।

बिहार में भी कोचिंग संस्थानों की भूमिका

अग्निपथ योजना का सबसे कड़ा विरोध बिहार में ही किया गया है। आगजनी व तोड़फोड़ की सबसे ज्यादा घटनाएं भी बिहार में ही देखने को मिली हैं। प्रदेश के विभिन्न जिलों में कई ट्रेनों को फूंकने की घटनाएं सामने आई हैं। इन घटनाओं के अलावा सरकारी संपत्तियों को भी जमकर नुकसान पहुंचाया गया है। बिहार के मसौढ़ी में भी युवाओं को भड़काने में कोचिंग संस्थानों की भूमिका सामने आई है।

मसौढ़ी में उग्र युवाओं ने एक रेलवे स्टेशन को आग लगाने के साथ जीआरपी जवानों को भी बंधक बना लिया था। प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों में आग भी लगा दी थी। पटना के जिलाधिकारी का कहना है कि दो कोचिंग संस्थानों से जुड़े लोगों ने युवाओं को भड़काया जिसके बाद युवाओं के तेवर उग्र हो गए। इन कोचिंग संस्थानों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

राजस्थान में भी पुलिस का सख्त एक्शन

राजस्थान के सीकर जिले में भी युवाओं को भड़का कर उपद्रव कराने के आरोप में एक कोचिंग संचालक को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का कहना है कि जिले के श्रीमाधोपुर में हुए बवाल के बाद 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और इनमें एक कोचिंग संचालक संयोग भावरिया भी शामिल है। पुलिस का कहना है कि प्रदर्शन के वीडियो और तस्वीरों से इस बात की पुष्टि हुई है कि उग्र प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व भावरिया ही कर रहा था। उसी ने युवाओं को भड़का कर सरकार की इस योजना के खिलाफ प्रदर्शन के लिए इकट्ठा किया था।

हैदराबाद में भी पुलिस ने एक कोचिंग संचालक को गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि व्हाट्सएप के जरिए युवाओं को भड़काने में इस कोचिंग संचालक की भूमिका सामने आई है। भड़काऊ संदेश मिलने के बाद ही युवा सड़कों पर निकल आए और उन्होंने जमकर उत्पात मचाया।

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