कम्यूनिटी ट्रांसमिशन पर AIIMS के डायरेक्टर का बड़ा बयान, कोरोना पर कही ये बात

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने ऐसा बयान दिया है जिसके बाद चिंता बढ़ गई है। अब इस बीच एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण से मृत्यु दर दूसरे देशों से काफी कम है।

Update:2020-07-20 20:20 IST

नई दिल्ली: देश में कोरोना महामारी के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने ऐसा बयान दिया है जिसके बाद चिंता बढ़ गई है। अब इस बीच एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण से मृत्यु दर दूसरे देशों से काफी कम है।

एम्स के डायरेक्टर ने कहा कि अगर हम बात इटली, स्पेन या फिर अमेरिका की करें, तो हमें अच्छी तरह से पता है कि वहां क्या हुआ है। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरे दक्षिणपूर्वी देशों में मृत्यु दर कम है।

कम्युनिटी ट्रांसमिशन को लेकर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि देश भर में यह हो रहा है इसके पर्याप्त सबूत नहीं हैं। हालांकि देश में कई हॉटस्पॉट हैं, शहरों में कोरोना के मामले में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है, जिससे ऐसा कहा जा सकता है कि वहां लोकल ट्रांसमिशन हो रहा है। यही वजह है कि हॉटस्पॉट में केस इतने ज्यादा मिल रहे हैं।

यह भी पढ़ें...दिल्ली में राहत: कोरोना पर लगाई ऐसी लगाम, दो महीने बाद मिला ये परिणाम

उन्होंने कहा कि कई क्षेत्र ऐसे हैं जो अपने चरम पर पहुंच चुके हैं, दिल्ली ने अपने चरम को छू लिया है यही वजह है कि वहां केस कम होने लगे हैं, लेकिन कई क्षेत्र ऐसे हैं जिसने अपने पीक को अभी नहीं छुआ है, इसलिए वहां अभी भी नए मामले बढ़ रहे हैं। वे कुछ दिनों में अपने चरम पर होंगे।

यह भी पढ़ें...कानून मंत्री ने CMO को दिए डोर-टू-डोर सर्वे, कांटेक्ट ट्रेसिंग और मानीटरिंग के निर्देश

एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने आगे बताया कि कोरोना वायरस के वैक्सीन का ह्यूमन ट्रॉयल चल रहा है। पहले फेज का ट्रॉयल 18-55 साल के स्वस्थ लोगों पर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों पर ट्रायल होना है ऐसे 1125 लोगों का सैंपल एकत्र किया जायेगा। पहले चरण में 375 और दूसरे चरण में 750 लोगों के सैंपल का अध्ययन होगा।

यह भी पढ़ें...मोदी सरकार का बड़ा एलान: जम्मू-कश्मीर पर लिया बड़ा फैसला, मिलेगी ये राहत

इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) ने कहा कि देश में कोरोना का कम्यूनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो गया है। यानी हालात आगे और बिगड़ सकते हैं। कम्यूनिटी ट्रांसमिशन में संक्रमित शख्स को नहीं पता होता कि वह वायरस कहां से संक्रमित हुआ। ऐसे में वायरस का सोर्स ढूंढना मुश्किल हो जाता है जो चिंता बढ़ाता है।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News