एयर मार्शल एमएसजी मेनन व एयर मार्शल विभास पांडे ने संभालीं नई जिम्मेदारी
एयर मार्शल एमएसजी मेनन वीएसएम ने भारतीय वायु सेना के वायु प्रभारी-अधिकारी प्रशासन के रूप में पदभार संभाल लिया है, जो 1 जनवरी, 2020 से प्रभावी हो गया है। इसी के साथ एयर मार्शल विभास पांडे वीएसएम ने भारतीय वायु सेना के वायु प्रभारी-अधिकारी रखरखाव के रूप में पदभार संभाल लिया है, जो 1 जनवरी, 2020 से प्रभावी हो गया है।
नई दिल्लीः एयर मार्शल एमएसजी मेनन वीएसएम ने भारतीय वायु सेना के वायु प्रभारी-अधिकारी प्रशासन के रूप में पदभार संभाल लिया है, जो 1 जनवरी, 2020 से प्रभावी हो गया है। इसी के साथ एयर मार्शल विभास पांडे वीएसएम ने भारतीय वायु सेना के वायु प्रभारी-अधिकारी रखरखाव के रूप में पदभार संभाल लिया है, जो 1 जनवरी, 2020 से प्रभावी हो गया है।
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एयर मार्शल एमएसजी मेनन वीएसएम दिसंबर, 1982 में भारतीय वायु सेना की प्रशासनिक शाखा से जुड़े थे। उन्होंने कालीकट विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने कॉलेज ऑफ एयर वारफेयर से उच्च वायु कमान पाठ्यक्रम पूरा किया है। वह डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और प्रतिष्ठित नेशनल डिफेंस कॉलेज के पूर्व विद्यार्थी हैं।
हवाई यातायात नियंत्रक हैं एयर मार्शल मेनन
एयर मार्शल एमएसजी मेनन एक कैट ‘एवाईई’ हवाई यातायात नियंत्रक हैं और उन्होंने एक प्रमुख फ्लाइंग स्टेशन में एक परिचालनरत रडार यूनिट की कमान संभाली है। उन्होंने एक प्रमुख एएफ स्टेशन में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी और नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी में निदेशक की नियुक्तियों की व्यवस्था की है। उन्होंने प्रतिष्ठित एयर फोर्स एडमिनिस्ट्रेटिव कॉलेज, कोयम्बटूर के कमांडेंट और मुख्य निदेशक परिचालन (हवाई यातायात सेवाएं) के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान की हैं। एयर वाइस मार्शल के पद पर पदोन्नति होने पर उन्होंने वायु स्टाफ के सहायक प्रमुख (संगठन एवं औपचारिक) और वायु स्टाफ के सहायक प्रमुख (एएफ कार्य) की नियुक्ति की व्यवस्था की है।
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वायु प्रभारी-अधिकारी प्रशासन के रूप में कार्यभार संभालने से पहले वह वायु सेना के मुख्यालय में महानिदेशक (कार्य एवं औपचारिक) थे। उनकी विशिष्ठ सेवा के लिए एयर मार्शल की सराहना वीसीएएस ने वर्ष 2007 में की थी। उन्हें भारत के माननीय राष्ट्रपति ने वर्ष 2016 में विशिष्ट सेवा मेडल (वीएसएम) से नवाजा था। उनका विवाह श्रीमती लक्ष्मी मेनन से हुआ और उनकी एक सुपुत्री है जो एक सूक्ष्म जीवविज्ञानी हैं।
वैमानिकी अभियंता (मैकेनिकल) के रूप में जुड़े थे एयर मार्शल विभास
उधर एयर मार्शल विभास पांडे 29 अगस्त, 1984 को भारतीय वायु सेना में वैमानिकी अभियंता (मैकेनिकल) के रूप में जुड़े थे। उन्होंने लड़ाकू विमान के साथ भारतीय वायु सेना में अभियांत्रिकी अधिकारी के रूप में अपना करियर शुरू किया था और बाद में उन्होंने परिवहन विमानों एवं हेलिकॉप्टरों से जुड़े रखरखाव कार्यों का भी अनुभव हासिल किया था। उन्होंने फ्लाइट इंजीनियर के रूप में हेलिकॉप्टरों पर लगभग 1200 घंटे तक उड़ने का अनुभव हासिल किया है। वह रोटरी विंग विमानों के लिए वायु सेना परीक्षक भी रह चुके हैं।
वह आईआईटी पवई, मुंबई से रिलायबिलिटी इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर हैं। वह कॉलेज ऑफ एयर वारफेयर और नेशनल डिफेंस कॉलेज के भी एक पूर्व विद्यार्थी हैं।
इन जिम्मेदारियों को सम्हाल चुके हैं एयर मार्शल विभास
वह 11 बेस रिपेयर डिपो में सीनियर प्रोडक्शन इंजीनियर, कॉलेज ऑफ एयर वारफेयर के वायु आयुध निरीक्षण प्रकोष्ठ, खमरिया, निर्देशन स्टाफ के कमांडिंग ऑफिसर और डब्ल्यूएसी के मुख्यालय में कमान इंजीनियरिंग अधिकारी के पदों पर काम कर चुके हैं। उन्होंने 1 सीआईएमडी के सीओ के रूप में भारतीय वायु सेना में स्वदेशीकरण अभियान का भी नेतृत्व किया है। उन्होंने जिन कुछ महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है उनमें एक प्रमुख बेस रिपेयर डिपो की कमान संभालना, ईएसी के मुख्यालय में वरिष्ठ रखरखाव स्टाफ अधिकारी और वायु सेना के मुख्यालय में एसीएएस इंजीनियरिंग (टीएंडएच) के रूप में सेवाएं देना भी शामिल हैं। वर्तमान पदभार संभालने से पहले वह महानिदेशक (विमान) के पद पर कार्यरत थे।