LIVE: अक्षय कुमार ने लिया प्रधानमंत्री का इंटरव्यू, ‘पूरी तरह से गैर राजनीतिक’

अभिनेता अक्षय कुमार ने मंगलवार को कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बुधवार को ‘‘निष्पक्ष और पूरी तरह से गैर राजनीतिक’’ बातचीत करेंगे। ये इंटरव्यू अभिनेता अक्षय कुमार

Update: 2019-04-24 03:50 GMT

मुंबई: अभिनेता अक्षय कुमार ने मंगलवार को कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बुधवार को ‘‘निष्पक्ष और पूरी तरह से गैर राजनीतिक’’ बातचीत करेंगे। ये इंटरव्यू अभिनेता अक्षय कुमार ने किया है। दिलचस्प बात ये है कि अक्षय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने इस इंटरव्यू को निष्पक्ष और पूरी तरह से गैर राजनीतिक बताया है। जिसमें पीएम मोदी अपनी जिंदगी के उन पहलुओं पर बातचीत करते नजर आएंगे, जिनके बारे में लोग कम ही जानते हैं।



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एक दिन पहले अक्षय (51) ने ट्वीट कर बताया था कि वह कुछ ‘‘अनोखा करने जा रहे हैं, जो उन्होंने पहले कभी नहीं किया।’’

अभिनेता ने ट्वीट कर बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी बातचीत चुनाव के समय में ‘‘सुकून भरा माहौल’’ देगी।

कुमार ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर लिखा, ‘‘देश में जहां हर ओर चुनाव और राजनीति की बात हो रही है, यहां आप चैन की सांस ले सकेंगे। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ निष्पक्ष और पूरी तरह गैर राजनीतिक बातचीत करने का अवसर पाकर मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने व्यस्त चुनावी कार्यक्रम से समय निकाल कर बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार को इंटरव्यू दिया। अभिनेता अक्षय ने मंगलवार को ट्वीट किया कि मैं पीएम मोदी के साथ बुधवार को 'निष्पक्ष और पूरी तरह से गैर राजनीतिक' बातचीत करूंगा। पीएम मोदी ने इंटरव्यू में क्या-क्या कहा, आप नीचे पढ़ सकते हैं और सुन सकते हैं।

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इंटरव्यू में पीएम मोदी से जुड़े अनसुने किस्से

इस इंटरव्यू में राजनीति से अलग पीएम मोदी के निजी जीवन की चर्चा होगी। अक्षय कुमार ने भी इस बात का खुलासा किया है कि इस इंटरव्यू को देखकर पीएम मोदी के बारे में अनजाने तथ्यों को जानिए।

पीएम मोदी ने इंटरव्यू में कहा-

कभी नहीं सोचा था पीएम बनूंगा, बचपन से ही बड़े लोगों की जीवनी पढ़ने का शौक था। किताबें पढ़ने का शौक था। परिवार चाहता था कोई अच्छी नौकरी करे लेकिन मैं देश के लिए जीना मरना चाहता था। मैंने जो सोचा वो बन गया। मैं सीखता हूं और सिखाता हूं। मैं टीम बनाकर चलता हूं। मैं अनुसाशित हूं किसी का अपमान नहीं करता।

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समय नहीं खराब करता हूं

पीएम मोदी ने कहा, मेरे आसपास एक वर्क कल्चर डेवलप होता है। मैंने Human Resource Development में ही जिंदगी खपाई है। हां, मैं काम के वक्त काम में रहता हूं। समय नहीं खराब करता हूं।

मैं आम खाता हूं और मुझे आम पसंद भी है

पीएम मोदी ने कहा, मैं आम खाता हूं और मुझे आम पसंद भी है। वैसे जब मैं छोटा था तो हमारे परिवार की स्थिति ऐसी नहीं थी की खरीद कर खा सकें। लेकिन हम खेतों में चले जाते थे और वहां पेड़ के पके आम खाते थे।

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पीएम ने कहा, बहुत छोटी उम्र में बहुत सबकुछ छोड़ दिया। मैं पीएम बनकर घर से नहीं निकला। देर से घर आने पर मां को दुख होता था। मां ने कहा मेरे पीछे वक्त क्यों खराब करते हो। मेरी कड़क छवि जो बनाई गई है वह सही नहीं है। काम के लिए किसी पर दबाव नहीं डालता। मैं काम के समय काम में रहता हूं। इधर उधर की बातें नहीं करता हूं।

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बचपन में मेरा स्वाभाव था किताबें पढ़ना

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कभी मेरे मन में प्रधानमंत्री बनने का विचार नहीं आया और सामान्य लोगों के मन में ये विचार आता भी नहीं हैं और मेरा जो फैमिली बैकग्राउंड हैं उसमें मुझे कोई छोटी नौकरी मिल जाती तो मेरी मां उसी में पूरे गाओं को गुड़ खिला देती। बचपन में मेरा स्वाभाव था किताबें पढ़ना, बड़े बड़े लोगों का जीवन पढ़ता था। कभी फ़ौज वाले निकलते थे तो बच्चों की तरह खड़ा होकर उन्हें सेल्यूट करता था।

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सीखता हूं और सिखाता भी हूं और टीम बनाता चला जाता हूं

इतने लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहा लेकिन मुझे कभी गुस्सा व्यक्त करने का अवसर नहीं आया। मैं सख्त हूं, अनुशासित हूं लेकिन कभी किसी को नीचा दिखाने का काम नहीं करता। अक्सर कोशिश करता हूं कि किसी काम को कहा तो उसमें खुद इन्वॉल्व हो जाऊं। सीखता हूं और सिखाता भी हूं और टीम बनाता चला जाता हूं। अगर मैं प्रधानमंत्री बनकर घर से निकला होता, तो मेरा मन रहता की सब वहीं रहे। लेकिन मैंने बहुत छोटी उम्र में घर छोड़ दिया था और इसलिए लगाव, मोहमाया सब मेरी ट्रैनिग के कारण छूट गया।

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गुस्सा मनुष्य के स्वभाव का हिस्सा है

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राजी, नाराज और गुस्सा मनुष्य के स्वभाव का हिस्सा है। ये खुद को तय करना होता है कि आपको क्या करना है। पीएम मोदी ने कहा कि मैं लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहा, प्रधानमंत्री रहा लेकिन चपरासी से लेकर प्रिंसिपल सेक्रेटरी तक मुझे गुस्सा व्यक्त करना का अवसर कभी नहीं मिला। हालांकि, पीएम मोदी ने ये जरूर कहा कि वो सख्त हैं, लेकिन साथ ही ये भी बताया कि मैं अनुशासित हूं लेकिन कभी किसी को नीचा नहीं दिखाता हूं, उन्हें प्रेरित करता हूं।

परिवार के साथ रहने का मन करता है?

पीएम मोदी ने बताया कि मैंने जिंदगी की बहुत छोटी उम्र में घर छोड़ दिया, क्योंकि वो जिंदगी बहुत अलग थी। हालांकि, परिवार के साथ मन करता है और कभी मां को बुला लेता हूं। लेकिन मां कहती हैं कि मेरे पीछे अपना समय क्यों खराब करते हो।वो कहती हैं कि मैं यहां क्या करूंगी, इसलिए वो वापस चली जाती हैं। पीएम मोदी ने बताया कि यहां जब मां आती हैं तो उन्हें वक्त नहीं दे पाता हूं. एक-दो बार खाना खा लेता था।

आने वाली पीढ़ियों को ये अलादीन के चिराग वाली थ्योरी पढ़ानी बंद कर दें

पीएम ने कहा, सरकार की तरफ से एक प्लॉट मिलता है, कुछ कम दाम में मिलता है। फिर मैंने वो पार्टी को दे दिया। हालांकि कुछ नियम है जिस पर सुप्रीम कोर्ट में मामला है। जैसे ही वह क्लीयर होगा, प्लॉट मैं पार्टी के नाम कर दूंगा।

अगर मुझे अलादीन का चिराग मिल जाये तो मैं उसे कहूंगा की ये जितने भी समाजशास्त्री और शिक्षाविद हैं उनके दिमाग में भर दो कि वो आने वाली पीढ़ियों को ये अलादीन के चिराग वाली थ्योरी पढ़ानी बंद कर दें। उन्हें मेहनत करने की शिक्षा दें।

प्रधानमंत्री बनते समय शायद और प्रधानमंत्रियों को ये बेनिफिट नहीं मिला है जो मुझे मिला है वो ये है कि मैं गुजरात का इतने समय तक मुख्यमंत्री रहा और उस पद पर रहते हुए आपको बारीकियों से काम करना पड़ता है, मुद्दे आपके सामने सीधे आते हैं और उनका समाधान भी आपको सीधा ही करना पड़ता है।

पीएम ने कहा, सरकार की तरफ से एक प्लॉट मिलता है, कुछ कम दाम में मिलता है। फिर मैंने वो पार्टी को दे दिया। हालांकि कुछ नियम है जिस पर सुप्रीम कोर्ट में मामला है। जैसे ही वह क्लीयर होगा, प्लॉट मैं पार्टी के नाम कर दूंगा।

मैं गुजरात से CM बना तो मेरा बैंक अकाउंट नहीं था

पीएम ने कहा, जब मैं गुजरात से CM बना तो मेरा बैंक अकाउंट नहीं था। जब MLA बना तो सेलरी आनी लगी। स्कूल में देना बैंक के लोग आए थे। उन्होंने बच्चों को गुल्लक दिया और कहा कि इसमें पैसे जमा करें और बैंक में जमा कर दें। लेकिन हमारे पास होता तब तो डालते। तब से अकाउंट यूं ही पड़ा रहा।

शेख हसीना जी साल में 3-4 बार खास तौर पर ढाका से मिठाई भेजती हैं

पीएम ने कहा, ममता दीदी साल में आज भी मेरे लिए एक-दो कुर्ते भेजती है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना जी साल में 3-4 बार खास तौर पर ढाका से मिठाई भेजती हैं। ममता दीदी को पता चला तो वो भी साल में एक-दो बार मिठाई जरूर भेज देती हैं।

पीएम ने कहा, मैं कभी किसी से मिलता हूं तो मेरा कभी कोई फोन नहीं आता है। मैंने खुद को जीवन को ऐसा अनुशासित बनाया है। जहां तक ह्यूमर का सवाल है तो मेरे परिवार में मैं हमेशा पिता जी की नाराजग होते थे तो पूरे माहौल को हल्का कर देता था।

(भाषा)

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