Manipur Violence: सर्वदलीय बैठक में सपा ने कहा- मणिपुर में लगाएं राष्ट्रपति शासन, RJD बोली CM में लोगों का भरोसा नहीं

Manipur Violence: मणिपुर हिंसा पर सर्वदलीय बैठक में सपा ने राष्ट्रपति शासन की मांग की। वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने हफ्ते भर के भीतर एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मणिपुर भेजने का प्रस्ताव रखा।

Update:2023-06-24 21:50 IST
सर्वदलीय बैठक में अमित शाह एवं अन्य (Social Media)

Manipur Violence: मणिपुर में जारी जातीय हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। इसी के मद्देनजर शनिवार (24 जून) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) की अध्यक्षता में संसद भवन में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। बैठक में भारतीय जनता पार्टी (BJP), आम आदमी पार्टी (AAP), कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC) और वाम दलों सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया।

सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने अपनी-अपनी राय रखी। समाजवादी पार्टी ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की मांग की। वहीं, शिवसेना (UBT) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिपुर हिंसा को देखना चाहिए।

RJD: प्रशासन चलाने वाले में विश्वास नहीं

मणिपुर हिंसा के लिए आयोजित सर्वदलीय बैठक में बिहार की प्रमुख क्षेत्रीय पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) भी मौजूद रही। राजद सांसद मनोज झा (RJD MP Manoj Jha) ने बताया, 'खुले मन से बात हुई। हम सबने अपनी-अपनी राय रखी। मणिपुर के राजनीतिक नेतृत्व में लोगों का विश्वास नहीं है। यह बात सारे विपक्षी दलों ने रखी। हमने कहा, जो इंसान प्रशासन चला रहा है, उसमें ही विश्वास नहीं है। अगर, आपको शांति बहाल करनी है तो आप ऐसे शख्स के रहते नहीं कर सकते।' राजद ने मणिपुर के मुख्यमंत्री को हटाने की मांग की।

TMC: एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मणिपुर भेजा जाए

पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद डेरेक ओ ब्रायन (Derek O'Brien) ने अपनी पार्टी की तरफ से बैठक में शामिल हुए। उन्होंने कहा, 'एक हफ्ते के भीतर एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मणिपुर भेजा जाए। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार ने अब तक इस मामले की अनदेखी की। यदि वहां शांति-सद्भाव बहाल करना है तो इस मामले पर ध्यान देना होगा।' तृणमूल नेता ने कहा, मणिपुर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है।'

Congress: चुप्पी तोड़ें प्रधानमंत्री, मणिपुर नहीं देश की पीड़ा

सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस की तरफ से मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह (Okram Ibobi Singh) ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा, 'जब मैंने अपने सुझाव देने शुरू किए तो मुझे लगता है कि गृह मंत्री अमित शाह सुनना नहीं चाहते थे। मैंने ये भी कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति करने का समय नहीं है। क्योंकि, राज्य में सामान्य स्थिति लाने की आवश्यकता है।'

DMK : मणिपुर पर पीएम ने एक शब्द नहीं बोले

बैठक में तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) भी शामिल हुई। डीएमके सांसद तिरुचि शिवा (DMK MP Tiruchi Siva) ने कहा, 'हमने मणिपुर को लेकर अपनी चिंताएं रखी हैं। अब तक 100 लोग मारे गए। करीब 60,000 लोग विस्थापित हुए। लेकिन, सबसे दुखद यह है कि प्रधानमंत्री ने इस पर एक शब्द नहीं बोला। उन्होंने कहा, वहां की स्थिति का अच्छे से पता लगाने के लिए एक सर्वदलीय दल को मणिपुर भेजा जाना चाहिए। इसके लिए गृह मंत्री ने हमें आश्वासन दिया।'

CPI को बैठक में नहीं किया आमंत्रित, साधा निशाना

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (सीपीआई) ने मणिपुर के ताजा हालात पर बुलाए गए सर्वदलीय बैठक में पार्टी को आमंत्रित नहीं किए जाने को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। CPI ने कहा, 'यह गृह मंत्री के संवेदनहीन रवैये को दिखाता है। सीपीआई महासचिव डी राजा (CPI general secretary D Raja) ने एक ट्वीट में लिखा, 'सीपीआई एक मान्यता प्राप्त पार्टी है। मणिपुर में शांति निर्माण और सद्भाव में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।'

BJP: सभी दलों ने सकारात्मक तरीके से बात रखी

सर्वदलीय बैठक पर बीजेपी नेता संबित पात्रा (BJP leader Sambit Patra) ने कहा कि, 'बैठक में सभी राजनीतिक दलों ने अपने प्रतिनिधि भेजे थे। सभी राजनीतिक दलों ने अपने विषयों को सकारात्मक तरीके से रखा। सभी प्रतिनिधियों को सुनने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी दलों के सुझावों पर चर्चा करने का आश्वासन दिया।'

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