वाह रे दूल्हे राजा: दुलहनिया की चाह में उठाई साइकिल, फिर चल दिये 850 किमी दूर
देश में जारी लॉकडाउन के बीच एक व्यक्ति ने 850 किलोमीटर का लंबा सफ़र अपनी साइकिल से ही तय कर डाला। व्यक्ति ने 6 दिन में लगभग 850 किलोमीटर की दूरी तय कर डाली।
पूरे देश में कोरोना वायरस के फैले प्रकोप के चलते लॉकडाउन लागू है। जिसके चलते पूरे देश में बंदी की स्थिति है। ऐसे में देश में जारी सारी सेवायें व सुविधाएं बंद हैं। ऐसे कोई भी ट्रांसपोर्ट की सेवा चालू नहीं है। लॉकडाउन के चलते देश में कोई भी कार्यक्रम समारोह आदि पर भी रोक है। क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना आवश्यक है। ऐसे में आप कहीं भी भीड़ को इकठ्ठा नहीं कर सकते। ट्रांसपोर्ट बंद होने केचलते जो जहां है वो वहीँ फंस गया है। लेकिन ऐसी स्थिति में भी एक व्यक्ति ने 850 किलोमीटर का लंबा सफ़र अपनी साइकिल से ही तय कर डाला। जानिए पूरा मामला।
साइकिल से तय किया 850 किलोमीटर का सफ़र
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बचाव के चलते पूरे देश में लॉकडाउन लागू है। ऐसे में पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरी तरह से बंद हैं। जिसके चलते लोगों की आवाजाही बिलुल ही बंद है। ऐसे में एक युवक ने 850 किलोमीटर का लम्बा सफर अपनी साइकिल से तय कर डाला। अब जानने वाली बात ये है कि इस व्यक्ति को ऐसे मुश्किल समय में भी इतना लम्बा सफ़र तय करने की ऐसी कौनसी जरूरत आन पड़ी थी। जो वो साइकिल से इतनी दूरी तय कर डाला।
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तो व्यक्ति के इतना लम्बा सफ़र तय करने की असल वजह है इस व्यक्ति की शादी। दरअसल 15 अप्रैल को इस व्यक्ति की शादी होनी थी। अपनी शादी में शामिल होने के लिए ये व्यक्ति इतनी लंबी दूरी को तय करके आया। लेकिन इस आदमी की किस्मत कि इतनी मेंहनत और मशक्कत के बाद भी इस व्यक्ति की 15 अप्रैल को शादी न हो सकी। बल्कि उल्टा उस बेचारे व्यक्ति को क्वारंटाइन सेंटर में दाल दिया गया। और अब वो शादी की बजाय उस क्वारंटाइन सेंटर में अपने दिन काट रहा है।
6 दिन में तय किया इतना लंबा सफ़र
ये कहानी महाराजगंज जिले के पिपरा रसूलपुर गांव के रहने वाले सोनू कुमार चौहान की है। सोनू पंजाब के लुधियाना में टाइल्स लगाने का काम करता। लॉकडाउन के चलते उसका काम तो जालंधर में बंद हो गया। उधर सोनू की शादी भी 15 अप्रैल को तय थी। सोनू की बरात उसी के गांव से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर जानी थी। 10 अप्रैल को उसने घर पहुंचने के लिए रिजर्वेशन भी करा लिया था। लेकिन देश में लॉकडाउन के बाद सभी ट्रेनें निरस्त हो गईं और पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद हो गए। लेकिन शादी की ख़ुशी और उत्साह किसे नहीं होता।
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नतीजन सोनू ने घर तक पहुंचने का सफर अपने तीन साथियों वीरेंद्र कुमार पासवान, दिलीप चौहान और राकेश के साथ साइकिल से ही करने की ठानी। 6 दिन में लगभग 850 किलोमीटर की दूरी तय करते हुये सोनू अपने साथियों के साथ बलरामपुर अपने शहर पहुंच भी गया। लेकिन किस्मत तो देखो कि बलरामपुर सीमा पर पहुंचते ही पुलिस ने इन लोगों को रोक लिया। इनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया उसके बाद पुलिस ने सोनू और इसके साथियों को आगे जाने की इजाजत नही दी।
घर पहुँचने से पहले ही पुलिस ने किया क्वारंटाइन
बेचारे सोनू को अपने घर तक पहुंचने से पहले ही लॉकडाउन का पालन करा रही पुलिस ने पकड़ लिया और क्वारंटाइन कर दिया गया। पुलिस ने सोनू को बलरामपुर के क्वारंटाइन सेन्टर में रखा है। क्वारंटाइन में रखे जाने की वजह से सोनू की शादी भी नहीं हो सकी। इस समय सोनू बलरामपुर के रिश्ता दरबार में बनाए गये क्वारंटाइन सेन्टर में है। सोनू ने शादी का हवाला देते हुये घर जाने की इजाजत मांगी लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव की खातिर क्वारंटाइन पीरियड खत्म होने से पहले पुलिस-प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी।
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शादी न होने का अफ़सोस जताते हुए सोनू का कहना है कि यदि हम घर पहुंच गये होते तो बिना किसी तामझाम के शादी की संभावना बन सकती थी। अब जब शादी की तिथि भी आगे निकल गयी है तो सोनू ने भी इसे नियति मानते हुए कहा कि 'जिंदा रहना भी जरूरी है। जान है तो जहान है, यदि हम जिंदा रहेंगे तो शादी सब कुछ सामान्य होने के बाद भी हो जाएगी। फिलहाल सोनू अपने साथियों के साथ क्वॉरेंटाइन सेंटर में 14 दिन पूरे होने का इंतजार कर रहा है।