अमेजॉन की भारत में छाने की तैयारी

Update: 2018-09-14 09:39 GMT
अमेजॉन की भारत में छाने की तैयारी

नई दिल्ली : ऑनलाइन शॉपिंग की बड़ी कंपनी अमेजॉन भारतीय बाजार में छा जाने की पूरी तैयारी कर ली है। इसी के तहत कंपनी ने अब अपनी वेबसाइट का हिंदी वर्जन बाजार में उतारा है। अमेजॉन की हिन्दी वेबसाइट का यह वर्जन मोबाइल और स्मार्टफोन ऐप के लिए बनाया गया है। इसका मकसद भारतीय ग्राहकों के और ज्यादा करीब पहुंचना है। अमेजॉन ने बहुत सोची समझी रणनीति के तहत यह कदम उठाया है। एक स्टडी में बताया गया है कि साल 2021 तक हिंदी भाषी इंटरनेट यूजर की संख्या अंग्रेजी भाषी लोगों से ज्यादा हो जाएगी।

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माना जा रहा है कि अमेजॉन फ्लिपकार्ट को टक्कर देने के लिए कर रही है। अमेजॉन के इस कदम को फ्लिपकार्ट के लिए एक बड़ी चुनौती के तौर पर माना जा रहा है। अमेजॉन के निशाने पर फ्लिपकार्ट इसलिए भी है क्योंकि वह भारत की सबसे बड़ी ऑनलाइन रिटेलर कंपनी है जिसका स्वामित्व वॉलमार्ट के पास है। भारत के बाजार पर प्रभुत्व कायम करने के लिए लड़ाई इसलिए चल रही है क्योंकि भारत में ई-कॉमर्स का बाजार लगभग 3300 करोड़ डॉलर का है। इस बाबत अमेजॉन इंडिया में कैटेगरी मैनेजमेंट के उपाध्यक्ष मनीष तिवारी ने बताया कि अमेजॉन की हिंदी वेबसाइट बनाना एक बेहद अहम कदम है। इसके जरिये कंपनी का लक्ष्य 10 करोड़ और ग्राहकों तक पहुंच बनाना है।

छोटे शहरों के ग्राहकों पर नजर

जानकारों का कहना है कि भारत में बहुत से ग्राहक छोटे शहरों और गांवों के रहने वाले हैं और उनके लिए अंग्रेजी एक मुश्किल माध्यम है। अमेजॉन ने ऐसे ग्राहकों को लुभाने के लिए नई रणनीति तैयार की है। माना जा रहा है कि अमेजॉन ने यह कदम तब उठाया जब उसे भारत में वॉलमार्ट की तरफ से लगातार चुनौती मिल रही थी। उल्लेखनीय है कि वॉलमार्ट ने हाल में ई-कॉमर्स की दुनिया का सबसे बड़ा अधिग्रहण करते हुए 1600 करोड़ डॉलर में फ्लिपकार्ट को खरीदा था। अमेजॉन की आर्थिक ताकत दिनोंदिन बढ़ती जा रही है और वह हाल में अमेरिका की दूसरी कंपनी बनी है जिसकी मार्केट वैल्यू एक खरब डॉलर से ज्यादा है। अमेजॉन से पहले एप्पल कंपनी भी यह मुकाम हासिल कर चुकी है।

अन्य भारतीय भाषाओं में भी आ सकती है वेबसाइट

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार अगर अमेजॉन की हिंदी वेबसाइट को कामयाबी मिली तो वह इसे अन्य भारतीय भाषाओं में भी लाएगी जिसमें बंगाली और तमिल भाषाएं अहम हैं। जहां तक स्थानीय भाषाओं में वेबसाइट की बात है तो स्नैपडील ने भी 2015 में इस ओर कदम बढ़ाए थे। कंपनी ने बाद में अपने कदम वापस खींच लिए क्योंकि कंपनी को दूसरी भाषाओं में बहुत अच्छे नतीजे नहीं मिले थे। वैसे माना जा रहा है कि अमेजॉन ने काफी सोचसमझकर इस दिशा में कदम बढ़ाया है और कंपनी को इसके अच्छे नतीजे मिल सकते हैं।

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