पीएम की मंजूरी के बाद बनी खतरनाक कमांडो फोर्स, सबसे निपट लेंगे

भारत ने भविष्य के संभावित बड़े खतरों से निपटने के लिए आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल आपरेशंस डिविजन का गठन किया है। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने मेजर जनरल एके ढींगरा आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल आपरेशंस की जिम्मेदारी सौंप दी है।

Update: 2019-05-17 04:27 GMT

नई दिल्ली : भारत ने भविष्य के संभावित बड़े खतरों से निपटने के लिए आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल आपरेशंस डिविजन का गठन किया है। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने मेजर जनरल एके ढींगरा आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल आपरेशंस की जिम्मेदारी सौंप दी है। इस डिविजन में सेना की पैराशूट रेजिमेंट, नौसेना की मार्कोस और वायु सेना के गरुड़ कमांडों शामिल होंगे।

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आपको बता दें, ये पहला मौका होगा जब तीनों सेनाओं की सबसे खतरनाक फोर्स एक नियंत्रण बोर्ड के अंतर्गत काम करेंगी।

मेजर जनरल एके ढींगरा ने अमेरिका में स्पेशल ऑपरेशंस कोर्स भी किए हैं। वो श्रीलंका में पीसकीपिंग फोर्स ऑपरेशन का हिस्सा रहे हैं।

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क्या है खास

आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल आपरेशंस डिविजन के अंतर्गत 3 हजार कमांडो होंगे।

मुख्यालय आगरा या बैंगलूरू में होगा।

यूएस स्पेशल ऑपरेशंस कमांड फोर्स की तरह काम करेगी।

डिविजन देश के भीतर और बाहर आतंकवाद-विरोधी अभियान को अंजाम देगा।

डिविजन को हथियार, सर्विलांस, हेलीकॉप्टर, इंटेलिजेंस, ट्रांसपोर्ट के लिए किसी पर निर्भर नहीं होना होगा।

पिछले साल पीएम नरेंद्र मोदी ने जोधपुर में संयुक्त कमांडरों सम्मेलन में आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल आपरेशंस डिवीजन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।

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