सेना प्रमुख पहुंचे लद्दाख: पैंगोंग में आमने-सामने दोनों देश, मजबूती से खड़ा है भारत

सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे (Army Chief General Manoj Mukund Naravane) आज यानी गुरुवार सुबह लद्दाख पहुंचे हैं। जहां उन्होंने दक्षिण पैंगोंग और अन्य जगहों पर हालात का जायजा लिया।

Update:2020-09-03 11:55 IST
राष्ट्रपति भी ईश्वर पोखरेल के काम-काज से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं थी। उन्होंने ओली सरकार पर पोखरेल को रक्षामंत्री के पद से हटाने के लिए दवाब भी बनाया था।

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में स्थिति काफी तनावपूर्ण है। दोनों सेनाएं पैंगोंग में आमने-सामने हैं। इस बीच सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे (Army Chief General Manoj Mukund Naravane) आज यानी गुरुवार सुबह लद्दाख पहुंचे हैं। जहां उन्होंने दक्षिण पैंगोंग और अन्य जगहों पर हालात का जायजा लिया।

ऑपरेशनल तैयारियों का करेंगे मुआयना

चीन के साथ बढ़े सीमा तनाव के बीच सेना प्रमुख फील्ड कमांडरों के साथ तैनाती और तैयारियों की समीक्षा करेंगे। साथ ही वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC पर रणनीतिक ढांचागत परियोजनाओं का भी रिव्यू करेंगे। इस दो दिवसीय दौरे के दौरान सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे सैनिकों की ऑपरेशनल तैयारियों की भी समीक्षा करेंगे।

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बेनतीजा रही ब्रिगेडियर स्तर की बैठक

बता दें कि चीन और भारतीय सेना के बीच हुई झड़प के बाद तनाव को कम करने के लिए बुधवार को ब्रिगेडियर स्तर की एक और बैठक हुई। लेकिन इस बैठक का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है। कहा जा रहा है गुरुवार को फिर से एक बार बैठक हो सकती है। वर्तमान में सीमा पर तनाव वाली जगह भारत काफी मजबूत है, जिसके चलते बैठक में भारत का पलड़ा भारी नजर आ रहा है।

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फिंगर 4 पर भी भारत का कब्जा

भारत ने लद्दाख में काला टॉप हिल को भी अपने अंडर में लिया है, जिससे चीन को गहरा सदमा लगा है। भारतीय सेना ने ऊंची पहाड़ी पर कब्जा कर लिया है, जिससे भारत की स्थिति मजबूत हो गई है। इसलिए बैठक में भारत ने सख्त रवैया अपनाया और अपनी बात पर अड़ा है। इस बातचीत के बीच भारत ने लद्दाख में पैंगोंग क्षेत्र में नॉर्थ फिंगर 4 को फिर अपने कब्जे में ले लिया है।

जून के बाद पहली बार भारत के में ये क्षेत्र पूरी तरह से आ चुका है। अब यहां से सबसे पास की चीनी पोस्ट फिंगर 4 के पूर्व हिस्से में हैं। यह भारतीय सेना की पॉजिशन से कुछ मीटर की दूरी पर है।

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चीनी सैनिकों को मार खदेड़ा था भारतीय जवानों ने

गौरतलब है कि इससे पहले चीन ने 29-30 अगस्त की रात और फिर 31 अगस्त की रात को भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश की। 29-30 की रात को चीन ने पैंगोंग इलाके के दक्षिण क्षेत्र में जबकि 31 सितंबर की रात को काला टॉप के पास घुसपैठ की कोशिश की। लेकिन भारतीय सेना के जाबांज जवानों ने चीनी सैनिकों की कोशिश को नाकाम कर दिया और उन्हें खदेड़ दिया। इससे चीन में बौखलाहट बढ़ गई है और एक बार फिर उसने भारत पर ही इसका दोष मढ़ा है।

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