अर्नब पर हाहाकार: BJP ने याद किया आपातकाल, शिवसेना ने कही ये बात

न्यूज चैनल रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर बड़े-बड़े राजनेताओं ने प्रतिक्रिया दी है और इस गिरफ्तारी की निंदा की है। वहीं संजय राउत का कहना है कि यह कार्रवाई बदले की भावना से नहीं की गई है।

Update:2020-11-04 15:17 IST
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि उच्च न्यायालय, निचली अदालतों को राज्य द्वारा आपराधिक कानून का दुरुपयोग करने के खिलाफ जागरुक रहना चाहिए।

लखनऊ: न्यूज चैनल रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को मुंबई पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आत्महत्या के एक पुराने मामले में अर्नब की गिरफ्तारी की है। वहीं इस बीच राजनेताओं से लेकर अभिनेताओं की अर्नब की गिरफ्तारी को लेकर प्रतिक्रिया सामने आ रही है। कई नेताओं ने इस गिरफ्तारी की निंदा की है तो वहीं संजय राउत का कहना है कि यह कार्रवाई बदले की भावना से नहीं की गई है। गौरतलब है कि हाल ही में अर्नब गोस्वामी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा था।

जेपी नड्डा ने की गिरफ्तारी की निंदा

रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी यह बताती है कि कांग्रेस और महाराष्ट्र सरकार की मानसिकता किस तरह से प्रजातंत्र का गला घोटने के लिए उतारू है। मैं इसकी घोर निंदा करता हूं। यह पत्रकारिता प्रजातंत्र पर भारी आघात है, जिसे लेकर भारत की जनता को आगे आना चाहिए।



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प्रकाश जावड़ेकर ने दी ऐसी प्रतिक्रिया

वहीं केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट करते हुए कहा कि मुंबई में प्रेस-पत्रकारिता पर जो हमला हुआ है वह निंदनीय है। यह इमरजेंसी की तरह ही महाराष्ट्र सरकार की कार्यवाही है। हम इसकी भर्त्सना करते हैं।



पीयूष गोयल ने गिरफ्तारी को बताया सत्ता का दुरुपयोग

वहीं रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी को सत्ता का दुरुपयोग बताया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि महाराष्ट्र में प्रेस की स्वतंत्रता पर इस हमले की कड़ी निंदा करता हूं। यह फासीवादी कदम अघोषित आपातकाल का संकेत है। पत्रकार अर्नब गोस्वामी पर हमला करना सत्ता के दुरुपयोग का एक उदाहरण है। हम सभी को भारत के लोकतंत्र पर इस हमले के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।



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स्मृति ईरानी ने खड़े किए कई सवाल

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि स्वतंत्र प्रेस में जो लोग आज अर्नब के समर्थन में नहीं खड़े हैं, वे फासीवाद के समर्थन में हैं। आप उसे पसंद नहीं कर सकते हैं, आप उसे स्वीकार नहीं कर सकते हैं, आप उसके अस्तित्व को तुच्छ समझ सकते हैं लेकिन यदि आप चुप रहते हैं तो आप दमन का समर्थन करते हैं। अगर आप अगले हैं तो कौन बोलेगा?



संजय राउत ने दिया ये बयान

वहीं शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा है कि महाराष्ट्र की सरकार कभी बदले की भावना से कार्रवाई नहीं करती, महाराष्ट्र में कानून का राज है। यहां कानून का पालन किया जाता है। अगर किसी के खिलाफ सबूत हैं तो पुलिस कार्रवाई कर सकती है। उन्होंने कहा कि ठाकरे सरकार के गठन के बाद से किसी के खिलाफ बदला लेने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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