Assembly Election Result 2023: चुनाव नतीजों के बाद फिर निशाने पर EVM, दिग्विजय, कमलनाथ, अखिलेश सरीखे नेताओं ने उठाए सवाल

Assembly Election Result 2023: चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद एकबार फिर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम विपक्षी नेताओं के निशाने पर है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-12-05 13:33 IST

Digvijay singh , Kamal Nath , Akhilesh yadav   (photo: social media )

Assembly Election Result 2023: पांच राज्यों के चुनाव परिणाम ने देश की राजनीति को गरमा दिया है। पांच में से तीन राज्यों में बीजेपी, एक में कांग्रेस और एक में क्षेत्रीय दल जेपीएम की सरकार बन रही है। इन नतीजों ने कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों को बड़ा झटका दिया है, जो केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की करारी शिकस्त होने की उम्मीद लगाए बैठे थे। चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद एकबार फिर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम विपक्षी नेताओं के निशाने पर है।

तेलंगाना में बड़ी जीत हासिल करने वाली कांग्रेस के नेताओं को लगता है कि ईवीएम के कारण ही हिंदी पट्टी के राज्यों में उनका सूफड़ा साफ हुआ है। एमपी के पूर्व दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह से लेकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत तक इस पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने देश में ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की है।

दिग्गी राजा ने ईवीएम के खिलाफ दिया ये तर्क

मध्य प्रदेश में बड़ी जीत का दावा करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह हैरान हैं। एक तरफ जहां उनके भाई लक्ष्मण सिंह को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा तो उनकी पारंपरिक सीट राघोगढ़ में उनके बेटे जयवर्धन सिंह को जीत हासिल करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। दिग्गी राजा ने एक के बाद एक ट्वीट कर ईवीएम मशीन को दोष गिनाया है। उन्होंने कहा कि चिप वाली किसी भी मशीन को हैक किया जा सकता है।

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ने एक्स पर एक न्यूज वेबसाइट की खबर को शेयर करते हुए लिखा, चिप वाली किसी भी मशीन को हैक किया जा सकता है। मैंने 2003 से ही ईवीएम द्वारा मतदान का विरोध किया है। क्या हम अपने भारतीय लोकतंत्र को पेशेवर हैकरों द्वारा नियंत्रित करने की अनुमति दे सकते हैं! यह मौलिक प्रश्न है जिसका समाधान सभी राजनीतिक दलों को करना होगा। माननीय ईसीआई और माननीय सर्वोच्च न्यायालय क्या आप कृपया हमारे भारतीय लोकतंत्र की रक्षा करेंगे?

अपने एक अन्य ट्वीट में उन्होंने पोस्टल बैलेड के आंकड़ों की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, पोस्टल बैलेट के ज़रिए हमें यानी कांग्रेस को 199 सीटों पर बढ़त है। जबकि इनमें से अधिकांश सीटों पर ईवीएम काउंटिंग में हमें मतदाताओं का पूर्ण विश्वास न मिल सका। उन्होंने कहा कि सोचने की बात यह है कि जब जनता वही है तो वोटिंग पैटर्न इतना कैसे बदल गया?

कमलनाथ समेत अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी उठाए सवाल

एमपी कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ ने मंगलवार को सभी 230 उम्मीदवारों की भोपाल में बैठक बुलाई। बैठक में शामिल होन से पहले मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ विधायक मुझसे आज मिले और उन्होंने कहा कि उन्हें उनके गांव में ही 50 वोट मिले, ये कैसे संभव हो सकता है। लहार से चुनाव हारने वाले नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने भी ईवीएम के मत्थे दोष मढ़ा है। इसके अलावा लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी कहा कि ईवीएम को लेकर संदेह बना हुआ है।

बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग

ईवीएम के खिलाफ कांग्रेस को इंडिया गठबंधन की सहयोगी पार्टियों का भी साथा मिला है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि जब अमेरिका और जापान जैसे विकसित देश ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से चुनाव करा सकते हैं तो हम क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि जब अमेरिका में एक महीने तक काउंटिंग चल सकती है तो फिर यहां इतनी जल्दी क्या है। शिवसेना यूबीटी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि कम से कम कोई एक चुनाव तो बैलेट पेपर से कराया जाना चाहिए, जिससे अगर किसी के मन में संदेह हो तो दूर हो जाए।

बीजेपी ने किया पलटवार

भारतीय जनता पार्टी ने ईवीएम पर सवाल उठा रहे विपक्ष पर पलटवार किया है। दिल्ली से बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि ये लोग जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाता है और जब चुनाव हार जाते हैं तो ईवीएम के बटन को हटा करके उसी में समाधि लेने की स्थिति में चले जाते हैं। वहीं, यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि विपक्ष को जनता द्वारा किए गए जनादेश का सम्मान करना चाहिए।

बता दें कि साल 2019 में ईवीएम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई थी। याचिकाकर्ता ने इस पर त्वरित सुनवाई की मांग की थी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने ऐसा करने से मना कर दिया था। याचिका फिलहाल कोर्ट में लंबित है। इसके अलावा चुनाव आयोग ने भी सियासी दलों को ईवीएम हैक करने की चुनौती दी थी लेकिन कोई दल इसके लिए सामने नहीं आया था।

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