गहलोत सरकार ने दूर की मंदिर निर्माण की बड़ी बाधा, फैसले से विहिप और संत भी खुश
अयोध्या के बहुप्रतीक्षित राम मंदिर के निर्माण में भरतपुर के प्रसिद्ध गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल किया जाएगा। भरतपुर जिले के बांसी पहाड़पुर में पाया जाने वाला यह पत्थर दुनिया भर में प्रसिद्ध है और अब राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने बांसी पहाड़पुर में खनन को वैध बना दिया है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: अयोध्या के बहुप्रतीक्षित राम मंदिर के निर्माण में भरतपुर के प्रसिद्ध गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल किया जाएगा। भरतपुर जिले के बांसी पहाड़पुर में पाया जाने वाला यह पत्थर दुनिया भर में प्रसिद्ध है और अब राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने बांसी पहाड़पुर में खनन को वैध बना दिया है। विश्व हिंदू परिषद और अयोध्या के संतों में गहलोत सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। कांग्रेस नेताओं से हमेशा गुत्थमगुत्था रहने वाली विहिप का कहना है कि गहलोत सरकार का यह फैसला सराहनीय है।
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गुलाबी पत्थरों के खनन को बनाया वैध
दरअसल इस मुद्दे को लेकर और अयोध्या के संतों ने राजस्थान सरकार को कड़ी चेतावनी दी थी। उनका कहना था कि बांसी पहाड़पुर में खनन के मुद्दे का समाधान नहीं किया गया तो देशव्यापी प्रदर्शन किया जाएगा। अब गहलोत सरकार की ओर से बड़ा कदम उठाते हुए बांसी पहाड़पुर में खनन को वैध बनाने का फैसला किया गया है। विहिप के क्षेत्रीय प्रवक्ता शरद शर्मा का कहना है कि राजस्थान सरकार के इस फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए।
गहलोत सरकार के फैसले का स्वागत
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने भी गहलोत सरकार के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने सही फैसला लेकर मंदिर निर्माण की एक बड़ी बाधा को दूर किया है। उन्होंने कहा कि भगवान राम सभी के हैं। इसलिए राम मंदिर के निर्माण में सभी को पूरी मदद करनी चाहिए।
अयोध्या में भव्य राम मंदिर की नींव का काम शुरू किया जा चुका है और अब जल्द ही निर्माण के लिए गुलाबी पत्थरों की जरूरत होगी। गहलोत सरकार के फैसले से इन पत्थरों की उपलब्धता में काफी आसानी हो जाएगी।
विहिप और संतों ने दी थी चेतावनी
राम मंदिर निर्माण में इन पत्थरों की जरूरत को देखते हुए विहिप और संतों की ओर से कांग्रेस को चेतावनी दी गई थी। विहिप और संतों का कहना था कि राजस्थान सरकार ने बांसी पहाड़पुर के खनन के मुद्दे का समाधान नहीं किया तो इसके विरोध में प्रदर्शन किया जाएगा। विहिप नेता शरद शर्मा ने चेतावनी के साथ यह भी कहा था कि सरकार को इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान करना चाहिए क्योंकि राम मंदिर का निर्माण अब तेजी से किया जाएगा। इसके बाद पत्थरों की नक्काशी का काम भी शुरू हो जाएगा।
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उनका कहना था कि मंदिर निर्माण का काम शुरू होने के बाद पत्थरों की आपूर्ति को लेकर राजस्थान सरकार की ओर से कोई बहाना नहीं बनाया जाना चाहिए। अगर ऐसा किया गया तो माना जाएगा कि कांग्रेस पार्टी की ओर से राम मंदिर के निर्माण में बाधाएं खड़ी की जा रही हैं।
शुरू हो चुका है मंदिर की नींव का काम
अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए प्राधिकरण की ओर से नक्शा पहले ही पास किया जा चुका है और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की देखरेख में 11 सितंबर से नींव के परीक्षण का काम भी शुरू हो चुका है। मंदिर की नींव में जमीन से 100 फीट नीचे लगभग 1200 पिलर बनाए जाएंगे।
एक मीटर व्यास के एक पिलर को शुरुआती तौर पर लगाया गया है और एक महीने के दौरान इसकी अलग अलग तरीके से जांच पड़ताल की जाएगी। जानकारों का कहना है कि जांच का काम पूरा होने के बाद 15 अक्टूबर के आसपास अन्य पिलर्स के निर्माण का काम शुरू कर दिया जाएगा।
प्रदेश सरकार ने भी शुरू कीं योजनाएं
सूत्रों के मुताबिक मंदिर निर्माण का काम तीन से साढ़े तीन साल के भीतर पूरा करने की योजना बनाई गई है। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से भी अयोध्या के सौंदर्यीकरण के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की गई है। प्रदेश सरकार की ओर से ये योजनाएं इसलिए बनाई गई है ताकि राम मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद दुनिया भर से आने वाले पर्यटकों को किसी प्रकार की भी असुविधा का सामना न करना पड़े।
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