Bank Merge: देश की सरकारी बैंकों का जल्द होगा दोबारा विलय, कहीं इन बैंकों में आपका खाता तो नहीं

Bank Merge : देश की केंद्र सरकार जल्द ही सरकारी सेक्टर के बैंकों के विलय का एलान कर सकती है। जिसमें देश के करीब 4 से 5 बड़े सरकारी बैंकों के मर्ज होने की संभावना है।

Report :  Vidushi Mishra
Update:2022-07-17 11:16 IST

बैेंकों का विलय (फोटो-सोशल मीडिया)

Bank Merge : एक बार फिर से देश के बड़े सरकारी बैंकों के मर्ज होने की खबर मिल रही है। सरकारी सेक्टर के बैंकों के विलय के इस दूसरे दौर की जल्द ही शुरूआत होने की संभावनाएं हैं। इस बारे में वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, देश की केंद्र सरकार जल्द ही सरकारी सेक्टर के बैंकों के विलय का एलान कर सकती है। जिसमें देश के करीब 4 से 5 बड़े सरकारी बैंकों के मर्ज होने की संभावना है। फिलहाल इस समय देश में सरकारी सेक्टर के 7 बड़े और 5 छोटे बैंक हैं।

बैंकों के मर्ज की जानकारी देते हुए वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार जल्द ही सरकारी सेक्टर के बैंकों के विलय (Bank Merger) के अगले दौर की शुरुआत कर सकती है। इसमें 4 से 5 बड़े बैंक होने की उम्मीद है। 

आगे उन्होंने बताया कि इस विलय के साथ, केंद्र को देश के सबसे बड़े ऋणदाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की तरह 4 से 5 बड़े और मजबूत बैंक होने के अस्तित्व में आने की उम्मीद है।

जानकारी देते हुए बता दें कि सन् 2019 में देश की केंद्र सरकार ने 10 राष्ट्रीयकृत बैंकों के चार बड़े ऋणदाताओं में विलय किया था। इस विलय के बाद से देश में सरकारी बैंकों की संख्या कम होकर 12 हो गई थी।

जबकि इस विलय से पहले सन् 2017 में भारत में 27 राज्य संचालित बैंक थे। लेकिन विलय अप्रैल सन् 2020 से प्रभावी हो गया था। ऐसे में पीएसबी के प्राइवेटाइजेशन पर नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (NCAER) की सामने आई रिपोर्ट में एसबीआई (SBI) को छोड़कर सभी पीएसबी के निजीकरण के पक्ष में तर्क दिया गया है।

ये बैंक बने इतिहास

गौरतलब है कि सन् 2019 में सार्वजनिक क्षेत्र के 6 बैंकों जिनमें ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक, आंध्रा बैंक, कॉरपोरेशन बैंक और इलाहबाद बैंक देश के चार बड़े बैंकों में मर्ज हो गए थे, जोकि अब एक इतिहास बन रहे गए हैं।



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