अब बैंक होंगे बंद: विलय के बाद होने जा रहा ऐसा, कहीं आपका खाता तो नहीं इसमें

देश की अर्थव्यस्था को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने का फैसला किया है। इस फैसले का बैंक के ग्राहक, कर्मचारियों ,कारोबारी और निवेशको पर काफी असर पड़ने वाला है।

Update:2019-09-03 19:23 IST
अब बैंक होंगे बंद: विलय के बाद होने जा रहा ऐसा, कहीं आपका खाता तो नहीं इसमें

नई दिल्ली : देश की अर्थव्यस्था को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने का फैसला किया है। इस फैसले का बैंक के ग्राहक, कर्मचारियों ,कारोबारी और निवेशको पर काफी असर पड़ने वाला है। इस पर बैंकिंग विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में बैंकों में आईएफएससी कोड सहित तमाम नए बदलाव किए जाएगें।

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बैंकों के विलय होने के बाद ये होंगे बदलाव

अगर बैंक के खाताग्राहक हैं-

-- आपको नए बैंक से नई चेकबुक लेनी पड़ सकती है।

-- नई पासबुक और नया एटीएम कार्ड भी बनवाना पड़ सकता है।

-- अगर जिस बैंक का विलय हो रहा है उस बैंक के बचत बैंक खाताधारक हैं तो खाता संख्या में बदलाव हो सकता है।

-- बैंक जो भी फैसले लेंगे उसके बारे में ग्राहकों को पहले सूचित करेंगे और इसके लिए समय भी देंगे।

-- अगर आपका बचत खाता विलय होने वाले सरकारी बैंक में है तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

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लोन पर मिलेगी राहत

बड़े बैंको की कर्ज पर ब्याज दरें छोटे बैंकों के मुकाबले कम हैं। ऐसे में आपने जिस बैंक से कर्ज लिया है और उसका विलय किसी बड़े बैंक में हो रहा है तो आपको फायदा हो सकता है। कर्ज पर आपको ब्याज कम चुकाना पड़ेगा जिससे ईएमआई घट सकती है।

ईसीएस- इलेक्ट्रॉनिक समाशोधन सेवा

-- किसी भी तरह के परिवर्तन होने पर नई चेकबुक लेनी पड़ती है तो ईसीएस के लिए उसे तुरंत अपडेट कराना होगा। जिससे ईएमआई समय पर जाए और कोई परेशानी नहीं हो।

-- आपने आवास ऋण (होम लोन), कार लोन या किसी अन्य तरह का कर्ज लिया है जिसकी मासिक किस्त (ईएमआई) ईसीएस से चुकाते हैं या बिजली-पानी, टेलीफोन बिल का भुगतान ईसीएस के जरिये करते हैं तो बैंकों के विलय के बाद उसमें कुछ बदलाव करने पड़ सकते हैं।

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आईटीआर में ये बदलाव

आयकर रिटर्न भरते समय सभी खातों की जानकारी देने के साथ उनमें से एक खाते का रिफंड के लिए भी चयन करना पड़ता है। विलय के बाद आपकी खाता संख्या, आईएफएससी कोड या कोई अन्य बदलाव होता है तो उसकी जानकारी रिटर्न भरते समय देनी पड़ेगी।

एचआर को देनी होगी सूचना

बैंक खाता में किसी भी तरह के बदलाव की स्थिति में आपको अपने नियोक्ता को उसकी जानकारी देनी होगी। अपने एचआर को नए बदलाव के बारे में सूचित कराना होगा। जिससे आपका वेतन सही समय पर उस खाते में आ सके।

आईएफएससी कोड में बदलाव संभव

-- बैंक विलय के बाद शाखाओं के आईएफएससी कोड बदल सकते हैं।

-- बैंक विलय के बाद आस-पास की शाखाओं को आगे भविष्य में आपस में जोड़ा जा सकता है।

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बैंक कर्मचारियों पर ये होगा असर

देश के 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाने के फैसले के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आश्वस्त किया है कि किसी बैंक कर्मचारी की छंटनी नहीं की जाएगी। हालांकि, काम के समय में बदलाव हो सकता है। बैंक ऑफ बड़ौदा में देना बैंक और विजया बैंक के विलय होने के बाद इन दोनों बैंकों के कर्मचारियों को काम के घंटे मे बदलाव करने को कहा गया था। विलय से पहले देना बैंक और विजया बैंक में काम करने का समय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे था जिसे बदलकर सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे कर दिया गया था। इसके अलावा तबादले के लिए बैंक कर्मचारियों को तैयार रहना होगा। ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को किसी दूसरे शाखा या शहर में तबादला किया जा सकता है।

जीवन-स्वास्थ्य बीमा का प्रीमियम भुगतान

-- अगर आप स्वास्थ्य बीमा या जीवन बीमा का प्रीमियम ईसीएस के जरिये चुकाते हैं, तो बैंक खाता या उसमें किसी भी बदलाव की जानकारी बीमा कंपनी को तुरंत देनी पड़ेगी।

-- जीवन बीमा पॉलिसी के मामले में परिपक्वता के बाद क्लेम सेटलमेंट के लिए जिस बैंक और खाता संख्या को आपने दिया है। उसमें कोई बदलाव आता है तो उसकी जानकारी भी आपको बीमा कंपनी को देनी पड़ेगी। बता दें कि नॉमिनी के मामले भी ऐसा ही करना होगा।

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बैंक लॉकर के स्थान में हो सकता है परिवर्तन

-- विलय के बाद बैंक एक ही जगह की आसपास की शाखाओं को आपस में जोड़ता है या एक करता है तो लॉकर भी नई शाखा में शिफ्ट हो सकता है। इसके बारे में बैंक ग्राहकों को पहले से सूचित करेगा।

-- अलग-अलग बैंकों में लॉकर के लिए शुल्क की दर भिन्न है। ऐसे में आपको नई दर से भुगतान करना पड़ सकता है।

-- बैंक लॉकर के शुल्क के लिए भी खाता से सीधे राशि काटने का विकल्प देते हैं जो ईसीएस के जरिये होता है। बदलाव की स्थिति में आपको इसे भी अपडेट करवाना होगा।

आपको बता दें कि बैंकों के विलय से घबराने की जरूरत नहीं है। बैंकिंग विशेषज्ञों के अनुसार, बैंकों के विलय की प्रक्रिया पूरी होने में कम से कम 6 महीने लगेंगे।

 

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