भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों की कोरोना से मौत, सबसे ज्यादा खतरे में ये लोग

मध्य प्रदेश में बढ़ते कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले मरीजों में से पांच वो लोग है,जो करीब 36 साल पहले हुई भोपाल गैस त्रासदी की ही चपेट में आये थे, तब इनकी जान बच गयी थी। लेकिन इस महामारी ने इन पाँचों की जान ले ली।

Update:2020-04-15 10:54 IST

भोपाल: मध्य प्रदेश में बढ़ते कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले मरीजों में से पांच वो लोग है,जो करीब 36 साल पहले हुई भोपाल गैस त्रासदी की ही चपेट में आये थे, तब इनकी जान बच गयी थी। लेकिन इस महामारी ने इन पाँचों की जान ले ली। दरअसल प्रदेेश में कोरोना से मरने वालों को संख्या 53 है, जिसमें से पांच लोग भोपाल गैस त्रासदी के भी पीड़ित थे।

कोरोना से भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों की मौत

राज्य में कोरोना वायरस मरीजों की संख्या 757 हो गयी है, वहीं 53 लोगों की अब तक वायरस की चपेट में आने से मौत हो गयी। राजधानी भोपाल में पांच लोगों की मौत हुई। यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि जिन पांच लोगों की जान कोरोना वायरस ने ले ली, वो 36 साल पुराने भोपाल गैस त्रासदी के सर्वाइवर रहे हैं। उस समय तो वो आपदा से बच गए थे, लेकिन अब महामारी की चपेट में आ गए।

गैस त्रासदी और कोविड-19 से जुड़ा बीएमएचआरसी

पाँचों कोरोना संक्रमितों की की मौत निजी अस्पताल में हुई। गौरतलब बात ये रही कि इन सभी को भोपाल मेडिकल हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर (BMHRC) में इलाज का मौका तक नहीं मिला।

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दरअसल, BMHRC विशेष रूप से गैर त्रासदी से जुड़े पीड़ितों के लिए ही बना था, हालाँकि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने इसे कोविड-19 के मरीजों के लिए समर्पित कर दिया। ऐसे में न तो बतौर गैस त्रासदी पीड़ित के तौर पर और न ही कोरोना संक्रमितों के रूप में पांचों को बीएमएचआरसी में इलाज का मौका मिल सका।

इलाकों को सील कर सैनिटाईजेशन का काम शुरू

इन सभी की मौत के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आयी और इलाकों को सील कर सैनिटाईजेशन का काम शुरू कर दिया गया। बता दें कि भोपाल के इब्राहिमपुरा, चौकी इमामबाड़ा और जहांगीराबाद में गैस त्रासदी के पीड़ित बड़ी संख्या में रहते हैं। मृतक भी यहीं के रहने वाले थे। ऐसे में इन इलाकों को सील कर दिया गया और यहां रह रहे करीब 50 हजार से 60 हजार लोगों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी।

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भोपाल गैस त्रासदी से पीड़ितों को कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा

बता दें कि भोपाल गैस त्रासदी से पीड़ितों को कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा है। दरअसल, इनमें से सैकड़ों लोगों को फेफड़े और गुर्दे की बीमारी है। वहीं कई पीड़ितों को कैंसर, मधुमेह और हार्ट की समस्याएं हैं। ऐसे में कोरोना से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता इनमे काम है। एनजीओ भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने बताया कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन से गैस पीड़ितों पर विशेष ध्यान देने की अपील पहले ही की जा चुकी है।

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