बिहार के सीएम नीतीश कुमार की बढ़ेगी मुश्किलें, अब क्या होगा सुशासन बाबू का!

इस बीच राजस्थान के कोटा से खबर है कि यहां लॉकडाउन के कारण फंसे सैकड़ों छात्रों ने भूख हडताल शुरू कर दी है। उनकी बस एक ही मांग हैं कि उन्हें किसी भी तरह से यहां से उनके घर पहुंचाया जा सके।

Update: 2020-04-24 05:04 GMT

कोटा: कोरोना वायरस के कारण देश भर में लॉकडाउन लागू हैं। इसकी वजह से यूपी, बिहार, राजस्थान और महाराष्ट्र समेत अलग-अलग राज्यों में लाखों लोग फंसे हुए हैं। जो अपने घर वापस जाना चाहते हैं।

इस बीच राजस्थान के कोटा से खबर है कि यहां लॉकडाउन के कारण फंसे सैकड़ों छात्रों ने भूख हडताल शुरू कर दी है। उनकी बस एक ही मांग हैं कि उन्हें किसी भी तरह से यहां से उनके घर पहुंचाया जा सके।

उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से मदद की गुहार लगाई है। छात्रों का कहना है कि नीतीश सरकार उन्हें घर भेजने के लिए जल्द से जल्द बसों का इंतजाम करें।

हालांकि, बिहार सरकार ने इस पर पहले ही अपनी बात रख दी है। नीतीश कुमार का कहना है कि कोटा से छात्रों को लाना फिलहाल संभव नहीं है।

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लॉकडाउन के चलते कोटा में फंसे हैं बिहार के छात्र

लॉकडाउन की घोषणा के बाद मेडिकल (नीट) और इंजीनियरिंग प्रवेश (जेईई) परीक्षा की कोचिंग ले रहे करीब 40000 छात्र कोटा में अटक गए थे। अब तक वहां से पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के करीब 18 हजार विद्यार्थी अपने-अपने घर जा चुके हैं।

उनमें उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के करीब 12 हजार 500, मध्यप्रदेश के 2800, गुजरात के 350 और दादरा-नगर हवेली के 50 बच्चे शामिल हैं। इसी प्रकार कोटा संभाग के दूसरे जिलों के 2200 बच्चों को भी सकुशल उनके घर पहुंचाया गया है।

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नीतीश कुमार की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

यहां ये भी बता दें कि भले ही सीएम नीतीश कुमार कोटा से बिहार के छात्रों को वापस बुलाने को लेकर राजी नजर नहीं आ रहे हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत कई दूसरे राज्यों की सरकार की ओर से अपने छात्रों को कोटा से निकाले जाने के बाद बिहार के सीएम

नीतीश कुमार पर भी एक तरह का प्रेशर जरूर बन गया है। इतना ही नहीं अब तो कोटा में बिहार के छात्र अनशन पर बैठ गए हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में यदि समय रहते कोई जरूरी कदम नहीं उठाया गया ये तो मामला और तूल पकड़ सकता है।

कोटा में अभी भी हैं कई राज्यों के बच्चे

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अभी भी बिहार के करीब 11 हजार, झारखंड के 3 हजार, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के 2500-2500 बच्चे, महाराष्ट्र के 1800 और ओडिशा के करीब एक हजार बच्चे कोटा में फंसे हुए हैं।

सीएम अशोक गहलोत का कहना है कि जिन राज्यों के बच्चे अभी कोटा में हैं, वे भी मानवीय आधार पर उन्हें अपने-अपने परिवार के पास ले जाने के लिए राज्य सरकार की मदद करें।

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