दाऊद पर मेहरबान BMC: कोर्ट की फटकार, फिर भी नहीं गिराया डॉन का आशियाना

अभिनेत्री कंगना रनौत के ऑफिस पर बुलडोजर चलाए जाने के बाद महाराष्ट्र की सियासत गरमाई हुई है। अब इस मामले को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव सरकार को घेरा है।

Update: 2020-09-11 16:29 GMT

अंशुमान तिवारी

मुंबई। अभिनेत्री कंगना रनौत के ऑफिस पर बुलडोजर चलाए जाने के बाद महाराष्ट्र की सियासत गरमाई हुई है। अब इस मामले को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव सरकार को घेरा है। उन्होंने बीएमसी की कार्रवाई पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि आप दाऊद इब्राहिम का घर तोड़ने तो नहीं गए, लेकिन आपने कंगना का घर जरूर तोड़ दिया। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि मुंबई में दुनिया के मोस्ट वांटेड आतंकी दाऊद इब्राहिम का वह कौन सा घर है जिसका जिक्र फडणवीस कर रहे हैं।

फडणवीस का बीएमसी पर बड़ा हमला

पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस की बातों में काफी दम है क्योंकि हाईकोर्ट के आदेश और फटकार लगाने के बाद भी बीएमसी ने आज तक उस इमारत को नहीं गिराया है जिसमें दाऊद इब्राहिम रहा करता था। कंगना के मामले में इतनी हड़बड़ी दिखाने वाले बीएमसी पर इसीलिए सवालों की बौछार हो रही है।

फडणवीस ने भी इसे लेकर बीएमसी पर हमला बोला है और कहा है कि कंगना के मामले में बीएमसी इतनी जल्दबाजी दिखाई मगर दाऊद इब्राहिम का घर तोड़ने के लिए बीएमसी के अफसरों के पास आज तक फुर्सत नहीं है।

इस इमारत में रहता था दाऊद इब्राहिम

फडणवीस ने दाऊद की जिस संपत्ति की ओर इशारा किया है वह संपत्ति मुंबई के भेंडी बाजार में है। यहां की एक इमारत को हाजी इस्माइल मुसाफिरखाना के नाम से जाना जाता है। मुंबई बम कांड के भगोड़े आतंकी दाऊद इब्राहिम ने इसी इमारत में अपना आशियाना बना रखा था और वह 1986 में इस इमारत के दूसरे फ्लोर पर रहा करता था।

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उसने इमारत की पूरी दूसरी फ्लोर पर कब्जा कर रखा था। दाऊद के भागने के बाद इमारत की दूसरी फ्लोर पर उसकी मां अमीना बाई का कब्जा था।

हाईकोर्ट ने दिया था ध्वस्त करने का आदेश

मुंबई में 1993 में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे और इन धमाकों में काफी संख्या में लोगों की जान गई थी। इन धमाकों में दाऊद इब्राहिम का हाथ था। धमाकों के बाद दाऊद इब्राहिम भारत से भाग निकला था।

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बाद में टाडा कोर्ट ने इस पूरी संपत्ति को अटैच करने का आदेश दिया था क्योंकि दाऊद इब्राहिम भगोड़ा साबित हो चुका था। मुंबई हाईकोर्ट ने पिछले साल दिसंबर में इस इमारत को ध्वस्त करने की इजाजत दे दी थी। 80 साल पुरानी यह इमारत अब काफी जर्जर हो चुकी है।

इमारत को न गिराने पर कड़ी फटकार

कोर्ट के इस आदेश के बाद भी बीएमसी की ओर से इमारत को ध्वस्त करने की कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसी साल जून में मुंबई हाईकोर्ट नेइसे लेकर बीएमसी और महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी को कड़ी फटकार लगाई थी।

हाईकोर्ट ने बीएमसी से पूछा भी था कि भेंडी बाजार की इस जर्जर इमारत को अभी तक ध्वस्त क्यों नहीं किया गया? हाईकोर्ट की एकल पीठ की ओर से मानसून के दौरान मौसम को लेकर चेतावनी भी दी गई थी। हाईकोर्ट का कहना था कि मानसून के दौरान इमारत का कोई हिस्सा गिरने पर जानमाल का काफी नुकसान हो सकता है।

फिर भी बीएमसी अफसरों पर असर नहीं

कंगना रनौत के मामले में तो बीएमसी अफसरों ने इतनी जल्दबाजी दिखाई मगर दाऊद इब्राहिम की इस इमारत को तोड़ने की जहमत अभी तक नहीं उठाई गई। हाईकोर्ट की कड़ी फटकार के बावजूद बीएमसी अफसरों के कान पर जूं नहीं रेंगी।

इस इमारत की देखरेख का जिम्मा सैफी बुरहानी अपलिफ्टमेंट ट्रस्ट के हाथों में है और इस ट्रस्ट ने पहले ही साफ कर दिया था कि किरायेदारों से मिलने वाले पैसों से इस इमारत की मरम्मत कराना संभव नहीं है। मुंबई में दाऊद इब्राहिम का अंतिम ठिकाना मुसाफिरखाना इमारत ही थी और उसके बाद वह मुंबई बम धमाकों में पकड़े जाने के डर से भारत से फरार हो गया था।

बीएमसी पर इसलिए उठ रहे सवाल

बीएमसी अफसरों के इस रवैये को लेकर ही अब सवाल उठाए जा रहे हैं। इसे लेकर सियासी नेताओं की ओर से ही नहीं बल्कि आम लोगों की ओर से भी सवाल पूछे जा रहे हैं। बीएमसी की ओर से कंगना को जवाब देने के लिए सिर्फ 24 घंटे का समय दिया गया था मगर हाईकोर्ट की ओर से आदेश दिए जाने के कई महीनों के बावजूद दाऊद इब्राहिम की इमारत आज तक ध्वस्त नहीं की गई है।

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