Bournvita: क्या आपका लाडला भी पीता है बॉर्नविटा? Ingredient पर उठे सवाल तो कंपनी ने दी सफाई
Bournvita Controversy: 01 अप्रैल को न्यूट्रिशन इंफ्लूएंसर रेवंत हिमतसिंगका ने एक वीडियो शेयर करते हुए बॉर्नविटा की गुणवत्ता पर सवाल उठाये थे। उन्होंने कहा कि बॉर्नविटा की टैग लाइन 'तैयारी जीत की' है लेकिन इसे 'तैयारी डायबिटीज की' होना चाहिए।' हालांकि, जब कंपनी ने लीगल नोटिस भेजा तो बाद में उन्होंने माफी मांग ली है।
Bournvita Controversy: टेलीविजन पर चल रहे विज्ञापन में साफ दिखता है कि बॉर्नविटा पीकर एक बेटा कैसे अपनी मां को रेस में हरा देता है। यही कारण है कि दूध में मिलाकर पिए जाने वाला बॉर्नविटा आज कमोबेश हर घर में पहुंच चुका है। क्योंकि हर मां-बाप चाहते हैं कि उनके बेटा-बेटी मजबूत हों और तेजी से ग्रो करें।लेकिन, अब यह विवादों में है। खुद को न्यूट्रीशियन बताने वाले रेवंत हिमतसिंगका के उस बयान पर हंगामा मचा हुआ है जिसमें उन्होंने प्रोडक्ट पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया था कि इसमें कैंसरकारी रंग मिलाए जाते हैं जबकि बॉर्नविटा बच्चों के लिए हेल्दी ड्रिंक बताकर बेचा जाता है। इसके बाद से सोशल मीडिया पर बॉर्नविटा को लेकर बहस छिड़ गई है।
बॉर्नविटा पर उठाये सवाल, कहा- तैयारी डायबिटीज की
01 अप्रैल को न्यूट्रिशन इंफ्लूएंसर रेवंत हिमतसिंगका ने एक वीडियो शेयर करते हुए बॉर्नविटा की गुणवत्ता पर सवाल उठाये थे। उन्होंने कहा कि बॉर्नविटा की टैग लाइन 'तैयारी जीत की' है लेकिन इसे 'तैयारी डायबिटीज की' होना चाहिए।' एक वीडियो दिखाते हुए उन्होंने कहा कि पूरे पैकेट में आधी मात्रा तो सिर्फ चीनी की है। यह हेल्थ ड्रिंक नहीं है। उन्होंने कहा कि बॉर्नविटा में कलर और चॉकलेट भी है। इसमें कैरेमल कलर का इस्तेमाल हुआ है, जिससे कैंसर की संभावना कहीं ज्यादा बढ़ जाती है। और यह इम्यूनिटी घटाते का काम करता है।
कंपनी ने कहा- हम बढ़ा रहे इम्युनिटी
बॉर्नविटा ने 09 अप्रैल को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें कंपनी ने कहा कि बोर्नबिटा ने सात दशकों से अधिक समय से उपभोक्ताओं का प्यार और विश्वास प्राप्त किया है। इसमें कहा गया, "बॉर्नविटा को 70 साल से ग्राहकों का प्यार मिल रहा है। इसमें विटामिन ए,सी,डी, आयरन, जिंक, कॉपर और सेलेनियम न्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो इम्युनिटी बढ़ाने का काम करते हैं। हमने हमेशा से (कोरोना से पहले) अपने पैक के पीछे ये चार विशेषताएं डाली हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली के स्वस्थ कामकाज में मदद करता है।"
— BournvitaIndia (@BournvitaIndia) April 9, 2023
नोटिस मिला तो हटाया वीडियो
13 अप्रैल को कैडबरी की तरफ से हिमतसिंग्का को कानूनी नोटिस भेजा गया। इसके बाद उन्होंने वीडियो को हटा लिया। इंस्टाग्राम पर लिखा, "मैं इस वीडियो के लिए कैडबरी से मांफी मांगता हूं। मेरी किसी कंपनी को बदनाम करने की मंशा नहीं थी। न ही मैं कोर्ट केस में पड़ना चाहता हूं।"
FSSAI ने क्या कहा?
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने कहा कि वह उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए झूठे या भ्रामक दावे करने में शामिल खाद्य व्यवसाय परिचालकों (फूड बिजनेस) के खिलाफ कार्रवाई करना जारी रखेगा। FSSAI बॉर्नविटा का नाम तो नहीं लिया लेकिन यह जरूर कहा कि जो खाद्य उत्पादों के बारे में किसी भी तरह के झूठे या भ्रामक दावे करने में शामिल हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
क्या है हेल्थ एक्सपर्ट्स की राय
हिमतसिंगका ने भले ही माफी मांगते हुए वीडियो हटा लिया है, लेकिन बॉर्नविटा के इस्तेमाल को लेकर अभी भी चर्चा जोरों पर है। भले ही कंपनी ने दावा किया है कि बॉर्नविटा बच्चों के लिए फायदेमंद है, बावजूद गार्जियन बाल चिकित्सकों से सलाह ले रहे हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो बच्चों के दो साल के होने से पहले, उन्हें दूध में बॉर्नविटा, हॉर्लिक्स और कॉम्प्लैन जैसे ड्रिंक नहीं पिलाने चाहिए। क्योंकि, दो साल से कम उम्र के बच्चों की किडनी और लिवर इन ड्रिंक्स को पचाने के लिए तैयार नहीं होते हैं। हालांकि, कुछ की राय इससे भिन्न भी है।
बॉर्नविटा Ingredients
बॉर्नविटा की टैगलाइन है 'तन की शक्ति, मन की शक्ति'। इसके Ingredients जो पैक पर लिखे होते हैं, वह हैं- Malt Extract (50%*),Sugar , Milk Solids ,Maltodextrin ,Cocoa Solids , Emulsifiers (471,322), Raising agent (500(ii)) , Vitamins ,Minerals , Salt .Contains Permitted natural colour (150 c) and Added flavour (Natural Identical Flavouring Substances).
बॉर्नविटा कंपनी का इतिहास
बॉर्नविटा कंपनी का इतिहास करीब 200 साल पुराना है। साल 1824 में जॉन कैडबरी ने पहला ग्रॉसरी आउलेट खोला था। और उन्हीं के नाम से कैडबरी की शुरूआत हुई। बाजार में चॉकलेट आने के बाद कैडबरी की लोकप्रियता में और इजाफा हुआ था। खासकर तब जब 1905 में Dairy Milk चॉकलेट आई थी। 1920 में कंपनी ने बॉर्नविटा को हेल्थ ड्रिंक के रूप में ब्रिटेन के बाजार पेश किया था। तबसे आज तक इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई। 1948 में बॉर्नविटा ब्रांड भारत पहुंचा और छा गया। लगातार प्रोडक्ट में चीजें ऐड होती गईं और समय के साथ विज्ञापन भी बदलते चले गये। मां-बेटे वाला विज्ञापन भी बॉर्नविटा का नया ऐड है जिसे खूब पसंद किया जा रहा है।