ब्रिक्स शिखर सम्मेलन: तनाव के बीच आज फिर मोदी और शी जिनपिंग आमने-सामने
पूर्वी लद्दाख में जबर्दस्त तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आज एक बार फिर आमने-सामने होंगे। पिछले एक महीने के दौरान यह दूसरा मौका होगा जब भारत और चीन के इन दोनों शीर्ष नेताओं का आमना-सामना होगा।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में जबर्दस्त तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आज एक बार फिर आमने-सामने होंगे। पिछले एक महीने के दौरान यह दूसरा मौका होगा जब भारत और चीन के इन दोनों शीर्ष नेताओं का आमना-सामना होगा। पीएम मोदी मंगलवार को ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी इस बैठक में हिस्सा लेना है।
हालांकि इस बैठक का आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगा मगर पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच टकराव को देखते हुए हर किसी की नजर इन दोनों नेताओं पर ही टिकी हुई है।
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एससीओ की बैठक में भी हुआ था आमना-सामना
हाल में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के दौरान भी भारत और चीन के इन दोनों शीर्ष नेताओं का आमना-सामना हुआ था। ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन के बाद 21 व 22 नवंबर को जी-20 की बैठक होनी है और वहां भी दोनों नेता आमने-सामने होंगे।
कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर होगी चर्चा
ब्रिक्स के सदस्य देशों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। मंगलवार को होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस सम्मेलन में आतंकवाद, स्वास्थ्य, व्यापार और ऊर्जा के साथ ही कोरोना संकट और उससे निपटने के उपायों पर चर्चा होगी। चीन के राष्ट्रपति के अलावा ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
सम्मेलन पर टिकी है हर किसी की नजर
ब्रिक्स सम्मेलन के बारे में विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस बार सम्मेलन की थीम वैश्विक स्थिरता, साझा सुरक्षा और अभिनव विकास रखी गई है। ब्रिक्स देशों के संगठन में दुनिया की पांच तेज गति से उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों को रखा गया है। भारत और चीन के शीर्ष नेताओं के इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के कारण हर किसी की नजर इस सम्मेलन पर टिकी हुई है।
पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच तनाव
पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच इन दिनों जबर्दस्त तनाव है। दोनों देशों के बीच हिंसक झड़प के दौरान दोनों पक्षों के काफी संख्या में सैनिक हताहत हुए थे। हालांकि दोनों देश ऊंचाई वाले इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने के प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं मगर अभी भी दोनों देशों के बीच तनाव पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। चीन अभी भी शातिर चाल चलने में जुड़ा हुआ है।
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सम्मेलन में पुतिन भी लेंगे हिस्सा
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति पुतिन के निमंत्रण पत्र प्रधानमंत्री मोदी रूस की मेजबानी में हो रहे ब्रिक्स के इस 12वें शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। मंत्रालय के मुताबिक इस बैठक में अगले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए भारत को अध्यक्षता भी सौंपी जाएगी। अगले साल होने वाले ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत करेगा। भारत इससे पहले 2012 और 2016 में भी ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर चुका है।
काफी प्रभावी संगठन है ब्रिक्स
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए वैसे तो दुनिया में कई संगठन काम कर रहे हैं मगर ब्रिक्स को काफी प्रभावी संगठन माना जाता है क्योंकि यह संगठन विश्व की कुल आबादी के आधे हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है। खासतौर पर ब्रिक्स के सदस्य देशों में भारत और चीन के शामिल होने के कारण इस बार के सम्मेलन पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई है।
पूरी दुनिया के निशाने पर है चीन
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद चीन सबके निशाने पर है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तो कोरोना वायरस को चीनी वायरस तक की संज्ञा दे चुके हैं। अमेरिका की अगुवाई में दुनिया के कई अन्य प्रमुख देशों ने कोरोना संक्रमण के लिए चीन को जिम्मेदार बताते हुए उस पर निशाना साधा है। इसके साथ ही चीन की साम्राज्यवादी नीतियों के कारण भी कई प्रमुख देश चीन से नाराज हैं। ऐसे में हर किसी की नजर इस सम्मेलन पर टिकी हुई है।
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