Budget 2019: जानिए निर्मला सीतारमण ने क्यों पढ़ा 'मंजूर हाशमी' का शेर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में बजट पेश कर रही हैं। बतौर पूर्णकालिक वित्त मंत्री बजट पेश करने वालीं वह देश की पहली महिला हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण के दौरान एक शेर भी पढ़ा। निर्मला ने कहा, 'यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट भी ले कर चराग जलता है'।

Update: 2019-07-05 06:19 GMT

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में बजट पेश कर रही हैं। बतौर पूर्णकालिक वित्त मंत्री बजट पेश करने वालीं वह देश की पहली महिला हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण के दौरान एक शेर भी पढ़ा। निर्मला ने कहा, 'यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट भी ले कर चराग जलता है'। ये शेर मशहूर शायर मंजूर हाशमी का है।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो शेर पढ़ा वो इस प्रकार है...

“यक़ीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट भी ले कर चराग़ जलता है

सफ़र में अब के ये तुम थे कि ख़ुश-गुमानी थी, यही लगा कि कोई साथ साथ चलता है

ग़िलाफ़-ए-गुल में कभी चाँदनी के पर्दे में, सुना है भेस बदल कर भी वो निकलता है

लिखूँ वो नाम तो काग़ज़ पे फूल खिलते हैं, करूँ ख़याल तो पैकर किसी का ढलता है

रवाँ-दवाँ है उधर ही तमाम ख़ल्क़-ए-ख़ुदा, वो ख़ुश-ख़िराम जिधर सैर को निकलता है

उम्मीद ओ यास की रुत आती जाती रहती है, मगर यक़ीन का मौसम नहीं बदलता है”

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जानें कौन थे मंजूर हाशमी

मंजूर हाशमी एक मशहूर शायर थे। हाशमी का जन्म 1935 में उत्तर प्रदेश के बदाऊं में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई हल्द्वानी से की थी। इसके बाद उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ा ई की है। मंजूर हाशमी मौलाना आजाद लाइब्रेरी से डिप्टी लाइब्रेरियन के पदे से रिटायर हुए थे।

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