बिकेंगी 5 सरकारी कंपनियां, मोदी सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला

केंद्र की मोदी सरकार ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) समेत पांच कंपनियों के विनिवेश का फैसला किया है। इसमें सबसे बड़ी यह है कि इनमें से कई कंपनियों में मैनेजमेंट कंट्रोल भी सरकार ने छोड़ने की घोषणा की है।

Update: 2019-11-21 08:53 GMT

नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) समेत पांच कंपनियों के विनिवेश का फैसला किया है। इसमें सबसे बड़ी यह है कि इनमें से कई कंपनियों में मैनेजमेंट कंट्रोल भी सरकार ने छोड़ने की घोषणा की है।

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि ये सभी कंपनियां मुनाफे में हैं और बिजली उत्पादन से लेकर पावर प्लांट के लिए गैस आपूर्ति जैसे कई महत्वपूर्ण-संवेदनशील क्षेत्रों में काम कर रही हैं।

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बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि सरकार ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) में 53.29 फीसदी हिस्सेदारी के विनिवेश का फैसला किया है, हालांकि इसमें नुमालीगढ़ रिफाइनरी की 61 फीसदी हिस्सेदारी शामिल नहीं है।

इसके अलावा नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन में सौ फीसदी विनिवेश होगा, यानी इसका पूरा हिस्सा सरकार बेच देगी। बीपीसीएल और नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन के अलावा जिन और तीन कंपनियों में विनिवेश का फैसला किया गया है, उनमें शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और टीएचडीसीआईएल शामिल हैं।

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कैबिनेट ने एससीआई में सरकार की पूरी 63.75 प्रतिशत हिस्सेदारी तथा कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में 30.9 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने को भी मंजूरी दे दी। सरकार की कॉनकार में फिलहाल 54.80 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

वित्त मंत्री ने कहा कि इसके अलावा सरकार टीएचडीसी इंडिया तथा नार्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनईईपीसीओ) में सरकार की हिस्सेदारी को सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी लिमिटेड को बेच दिया जायेगा।

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सरकार ने इसके साथ ही इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) जैसे चुनिंदा सार्वजनिक उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से नीचे लाने को मंजूरी दे दी। हालांकि, इनमें प्रबंधन नियंत्रण सरकार अपने पास ही रखेगी। विनिवेश की जाने वाली कंपनी की हिस्सेदारी दूसरे सार्वजनिक उपक्रमों को बेचे जाने के आधार पर सरकार का उस इकाई में प्रबंधन नियंत्रण होगा।

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