CBI ने पकड़े तत्काल टिकटों के हाईटेक घोटालेबाज, डमी सॉफ्टवेयर से होता था खेल
नई दिल्ली/जौनपुर: जरूरत के समय आप जब भी तत्काल टिकट की बुकिंग करते थे तो कुछ सेकेंडों में ही सीटें ख़त्म हो जाती थी। जिससे आम लोगों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ता था। इतना ही नहीं यदि आपको तत्काल टिकट चाहिए होता था तो एजेंट दोगुने-तिगुने दाम पर देते थे। यह सब एक चोरी के सॉफ्टवेयर से संभव होता रहा।
इसका मास्टरमाइंड सीबीआई का प्रोग्रामर है, जिसे अब सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। उम्मीद है कि अब तत्काल टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग आसानी से हो सकेगी।
ऐसे होता था खेल
सीबीआई अधिकारियों ने बताया, कि अजय गर्ग के बनाए सॉफ्टवेयर को बुकिंग एजेंटों तक जौनपुर के अनिल कुमार गुप्ता नाम का आदमी पहुंचाता था। एजेंटों को अजय गर्ग के बारे में कोई जानकारी नहीं होती थी। एक बार सॉफ्टवेयर मिलने के बाद बुकिंग एजेंट एक साथ सैंकड़ों तत्काल टिकट बुक कर सकता था। इसके लिए वह आम लोगों से अधिक कीमत वसूलता रहा। तत्काल टिकट से होने वाली अतिरिक्त कमाई का एक हिस्सा अनिल कुमार गुप्ता के पास जाता था, जो बाद में अजय गर्ग तक उसका हिस्सा पहुंचा देता था।
बिटक्वाइन और हवाला से होती थी लेनदेन
इस हाईटेक घोटाले में सॉफ्टवेयर के मार्फत ही अजय गर्ग एक-एक टिकट की जानकारी रखता था और उसी के हिसाब से अपना कमीशन लेता था। सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार गर्ग अपना हिस्सा भी हाईटेक अंदाज में लेता था। अनिल कुमार गुप्ता से वह बिटक्वाइन में हिस्सा लेता था। कभी भी नकदी की जरूरत पड़ने पर हवाला के जरिये भी पैसे मंगा लेता था। यही नहीं, जब भी अनिल कुमार गुप्ता दिल्ली आता था, तो वह सीधे नकद भी गर्ग को हिस्सा दे देता था।
सीबीआई के शिकंजे में घोटालेबाज
सीबीआई ने अजय गर्ग और अनिल कुमार गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है। अजय गर्ग को साकेत की विशेष अदालत ने पांच दिन के लिए सीबीआई की रिमांड पर भेज दिया है, जहां उससे पूछताछ हो रही है। वहीं, जौनपुर में गिरफ्तार किए गए अनिल कुमार गुप्ता को ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया जा रहा है। साथ ही सीबीआई ने सबूत जुटाने के लिए दिल्ली, मुंबई और जौनपुर में 14 स्थानों पर छापा मारा।