इस महिला के चलते चिदंबरम की गर्दन तक पहुंच गए सीबीआई के हाथ

कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की गिरफ्तारी का आधार सीबीआई ने इंद्राणी मुखर्जी का बयान बनाया है। जिसमें इंद्राणी मुखर्जी ने पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदम्बरम के सामने यह कहा कि इंद्राणी कार्ति को पी. चिदंबरम के नाते जानती हैं पी.चिदंबरम के कहने पर ही वह कार्ति चिदम्बरम से मिलने आईं।

Update:2019-08-20 18:39 IST
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योगेश मिश्रा

लखनऊ: कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की गिरफ्तारी का आधार सीबीआई ने इंद्राणी मुखर्जी का बयान बनाया है। जिसमें इंद्राणी मुखर्जी ने पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदम्बरम के सामने यह कहा कि इंद्राणी कार्ति को पी. चिदंबरम के नाते जानती हैं पी.चिदंबरम के कहने पर ही वह कार्ति चिदम्बरम से मिलने आईं। कार्ति का नंबर भी उनके पिता ने ही उन्हें दिया था। इंद्राणी मुखर्जी के इस बयान ने ही पी. चिदम्बरम की मुश्किलें बढ़ा कर रख दी थीं। इसी बयान ने सीबीआई के हाथ पी. चिदम्बरम की गर्दन तक पहुंचा दिए।

सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया मामले की पड़ताल करते हुए। मुंबई जेल में अपनी बेटी शीना बोरा हत्याकांड में बंद इंद्राणी मुखर्जी और कार्ति का आमना सामना कराया था।

पिता पी चिदंबरम के साथ कार्ति चिदंबरम

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सूत्र बताते हैं कि इस पूछताछ में इंद्राणी मुखर्जी ने साफ तौर पर कहा कि आईएनएक्स मीडिया के लिए विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड की मंजूरी के लिए कार्ति ने दस लाख डालर की मांग की थी।

कार्ति के पिता पी. चिदंबरम ने अपने बेटे का नंबर देते हुए इस मामले में उससे बात करने को इंद्राणी मुखर्जी को कहा था। सीबीआई के सामने पूछताछ में इंद्राणी ने कहा कि कार्ति का नंबर भी उनके पिता व तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने ही उन्हें मुहैया कराया था।

पूछताछ में इंद्राणी मुखर्जी ने कहा कि जब वह आईएनएक्स मीडिया में डायरेक्टर थीं तब उन्होंने कार्ति को पैसे दिये थे। आईएनएक्स मीडिया का नाम ही आगे चलकर 9एक्स पड़ा।

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कार्ति और इंद्राणी का आमना सामना कराने के वक्त ही सीबीआई को यह तथ्य भी हाथ लगा कि रिश्वत की दूसरी किश्त तब दी गई जब इंद्राणी मुखर्जी कंपनी की डायरेक्टर नहीं रह गई थीं।

इंद्राणी मुखर्जी

सीबीआई ने मुंबई की बायकुला महिला जेल में इंद्राणी और कार्ति चिदंबरम का आमना सामना कराया तकरीबन चार घंटे चली पूछताछ के तथ्य ही कार्ति की गिरफ्तारी का कारण बने। आज जब सीबीआई के हाथ पी. चिदंबरम की गर्दन तक पहुंच गए हैं उसका आधार भी यही पूछताछ है।

गौरतलब है कि कार्ति को लंदन से वापस लौटते ही चेन्नई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले ईडी ने मई 2017 में कार्ति और अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था और 19 जनवरी 2018 को उनसे ईडी ने करीब 11 घंटे लंबी पूछताछ की थी।

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इंद्राणी और कार्ति चिदंबरम का आमना सामना कराये जाने के बाद कार्ति की गिरफ्तारी इसलिए की गई है, क्योंकि उन पर आरोप साबित हो रहे थे कि उन्होंने कर संबंधी जांच से बचने के लिए पीटर और इंद्राणी मुखर्जी के स्वामित्व वाली मीडिया कंपनी आईएनएक्स से धन लिया था। हालांकि, कार्ति और उनके पिता पी. चिदंबरम अपने ऊपर लगाए गए आरोपों से लगातार इंकार करते रहे हैं।

पी. चिदंबरम

जिस समय आईएनएक्स मीडिया के लिए फंड को विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड की मंजूरी मिली थी उस वक्त पी. चिदंबरम वित्तमंत्री थे। सीबीआई द्वारा इस मामले में दर्ज की गई एफआईआर में इंद्राणी मुखर्जी, पीटर मुखर्जी और कार्ति चिदंबरम के नाम शामिल रहे।

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सूत्र बताते हैं कि इस मामले में यह तथ्य भी आ चुके हैं कि मॉरीशस से निवेश हासिल करने के लिए विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड की शर्तों का उल्लंघन किया गया। इसके अलावा आईएनएक्स मीडिया के खिलाफ चल रही टैक्स जांच में हेर-फेर के लिए प्रभाव का इस्तेमाल भी किया गया था और बदले में धन लिया गया था।

सूत्र यह भी बताते हैं कि कथित तौर से सीबीआई को 10 लाख रुपए के वाउचर भी मिले थे जो सेवाओं के बदले दिए गए थे। सीबीआई ने आरोप लगाया था कि ये वाउचर एडवांटेज स्ट्रैटजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए थे और इस कंपनी पर परोक्ष रूप से कार्ति का ही स्वामित्व है।

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