भारत का रॉकेट लॉन्चर: चीन मांगेगा अब रहम की भीख, कांप रहा अब थर-थर

पिनाका रेजीमेंट को सैन्य बलों की संचालन तैयारियां बढ़ाने को चीन और पाकिस्तान की सीमा के साथ तैनात किया जाएगा। बीईएमएल ऐसे वाहनों की आपूर्ति करेगी जिस पर रॉकेट लॉन्चर को रखा जाएगा।

Update: 2020-09-01 08:29 GMT
भारत का रॉकेट लॉन्चर: चीन मांगेगा अब रहम की भीख, कांप रहा अब थर-थर

नई दिल्ली: भारत और चीन के सैनिकों के बीच सोमवार को फिर से झड़प हो गई थी। इस बीच भारत-चीन के हालात को लेकर NSA अजीत डोभाल शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। सीमा पर अभी तनाव बरक़रार है। चीन आये दिन अपनी बात से मुकर रहा है और चालबाजी दिखा रहा है। चीन का कहना है कि भारत का हाल 1962 जैसा कर देगा। चीन को अब ये पता नहीं कि अब आज का भारत पहले वाला भारत नहीं रहा, जैसा साल 1962 में था।

1962 जितना आसान नहीं होगा चीन के लिए

भारत की सैन्य शक्ति चीन को नाकों चने चबाने पर मजबूर कर देगी। 1962 जितना आसान नहीं होगा चीन के लिए। क्योंकि हमारी सेना लगातार अपग्रेड हो रही है। भारत के पास कई अत्याधुनिक हथियार हैं। इस बीच सेना को मजबूत करने के लिए देश के रक्षा मंत्रालय ने बड़ा करार किया है।

मंत्रालय ने छह सैन्य रेजीमेंट के लिए 2580 करोड़ रुपए की लागत से पिनाका रॉकेट लॉन्चर खरीदने को लेकर दो अग्रणी घरेलू रक्षा कंपनियों के साथ समझौता किया है। इस समझौते के तहत टाटा पावर कंपनी लिमिटेड (टीपीसीएल) और लार्सन एंड टूब्रो (एल एंड टी) के साथ कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर हुए हैं। रक्षा क्षेत्र के सरकारी उपक्रम भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) को भी इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनाया गया है।

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पिनाका रेजीमेंट को चीन और पाकिस्तान की सीमा के साथ तैनात किया जाएगा

सेना के सूत्रों ने बताया कि पिनाका रेजीमेंट को सैन्य बलों की संचालन तैयारियां बढ़ाने को चीन और पाकिस्तान की सीमा के साथ तैनात किया जाएगा। बीईएमएल ऐसे वाहनों की आपूर्ति करेगी जिस पर रॉकेट लॉन्चर को रखा जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि 6 पिनाका रेजीमेंट में ‘ऑटोमेटेड गन एमिंग एंड पोजिशनिंग सिस्टम’के साथ 114 लॉन्चर, 45 कमान पोस्ट भी होंगे। मिसाइल रेजीमेंट का संचालन 2024 तक शुरू करने की योजना है।

आइए जानते हैं कि आखिर इस रॉकेट लॉन्चर की क्षमता और ताकत कितनी है। ये कितनी दूर तक हमला कर सकता है।

भारत के रॉकेट लॉन्चर, 12 पिनाका रॉकेट दागे जा सकते हैं

रॉकेट लॉन्चर के तीन वैरिएंट्स हैं। MK-1 ये 40 किलोमीटर हमला करने के लिए है। MK-2 लॉन्चर से 90 किलोमीटर और MK-3 लॉन्चर से 120 किलोमीटर तक हमला किया जा सकता है। इस लॉन्चर की लंबाई 16 फीट 3 इंच से लेकर 23 फीट 7 इंच तक है। इसका व्यास 8.4 इंच है।

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214 कैलिबर के इस लॉन्चर से एक के बाद एक 12 पिनाका रॉकेट दागे जा सकते हैं। एक लॉन्चर बैटरी से 44 सेकेंड में 72 पिनाका रॉकेट दागे जा सकते हैं। यानी दुश्मन के ठिकाने को कब्रिस्तान में बदलने के लिए ये सबसे बेहतरीन हथियार है। रॉकेट लॉन्चर की रेंज 7 किलोमीटर के नजदीकी टारगेट से लेकर 90 किलोमीटर दूर बैठे दुश्मन को नेस्तानाबूत कर सकता है।

रॉकेट 100 किलोग्राम तक के वजन के हथियार उठाने में सक्षम

इस लॉन्चर से छोड़े जाने वाले पिनाका रॉकेट के ऊपर हाई एक्सप्लोसिव फ्रैगमेंटेशन (HMX), क्लस्टर बम, एंटी-पर्सनल, एंटी-टैंक और बारूदी सुरंग उड़ाने वाले हथियार लगाए जा सकते हैं। यह रॉकेट 100 किलोग्राम तक के वजन के हथियार उठाने में सक्षम हैं।

पिनाका रॉकेट की स्पीड 5757.70 किलोमीटर प्रतिघंटा

पिनाका रॉकेट की स्पीड 5757.70 किलोमीटर प्रतिघंटा है। यानी एक सेकेंड में 1.61 किलोमीटर की गति से हमला करता है। दुश्मन को इतना भी मौका नहीं मिलता की वह टारगेट से दूर भाग सके। पिनाका रॉकेट मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) है। इसे भारतीय सेना के लिए DRDO ने बनाया है।

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इस रॉकेट ने दुश्मन के ठिकानों की धज्जियां उड़ा दी थीं

बता दें कि करगिल युद्ध के दौरान इस मिसाइल को टट्रा ट्रक पर लोड करके ऊंचाई वाले इलाकों में भेजा गया था। वहां पर इस रॉकेट ने दुश्मन के ठिकानों की धज्जियां उड़ा दी थीं। सभी पाकिस्तानी दुश्मनों को पहाड़ पर बनाए अपने बंकरों को छोड़कर भागना पड़ा या फिर मारे गए। क्योंकि ये रॉकेट इतनी गति से हमला करता है कि दुश्मन को संभलने का मौका ही नहीं मिलता।

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