IAS रानी नागर लॉकडाउन खत्म होने के बाद पद से देंगी इस्तीफा
हरियाणा कैडर की IAS अफसर रानी नागर एक बार फिर सुर्खियों बटोर रही हैं। लेकिन इस बार उनके सुर्खियों में आने की वजह उनका इस्तीफा है।
चंड़ीगढ़: हरियाणा कैडर की IAS अफसर रानी नागर एक बार फिर सुर्खियों बटोर रही हैं। लेकिन इस बार उनके सुर्खियों में आने की वजह उनका इस्तीफा है। दरअसल, रानी नागर ने लॉकडाउन और कर्फ्यू हटने के बाद इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। उन्होंने खुद इसकी जानकारी एक फेसबुक पोस्ट के जरिए दी है। उन्होंने गुरूवार सुबह करीब 5 बजे एक फेसबुक पर एक पोस्ट डाला था, जिसमें उन्होंने अपने इस्तीफा देने की बात लिखी है। इस पोस्ट के बाद से अफसरशाही में हलचल मची हुई है।
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अपनी और बहन की जान को बताया था खतरा
बता दें कि उन्होंने अपनी और अपनी बहन रीमा नागर की जान को खतरा बताया है। IAS अफसर रानी नागर अपनी बहन रीमा नागर के साथ दिसंबर 2019 से चंडीगढ़ के सेक्टर-6 स्थित यूटी गेस्ट हाउस में किराए पर रह रही हैं। IAS अफसर ने इससे पहले 17 अप्रैल को फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट की थी, जिसमें उन्होंने अपनी और अपनी बहन की जान को खतरा बताया था। बता दें कि रानी नागर 14 नवंबर 2018 से अतिरिक्त निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और 7 मार्च 2020 से निदेशक आर्काइव की जिम्मेदारी सभाल रही हैं।
रानी ने फेसबुक पर लिखा कि....
IAS अफसर रानी नागर ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, मैं रानी नागर पुत्री श्री रतन सिंह नागर निवासी ग़ाज़ियाबाद गाँव बादलपुर तहसील दादरी ज़िला गौतमबुद्धनगर आप सभी को सूचित करना चाहती हूँ कि मैंने यह निर्णय लिया है कि मैं आई. ए. एस. के पद से इस्तीफ़ा दूँगीं। अभी चंडीगढ़ में कर्फ़्यू लगा हुआ है इस कारण से मैं व मेरी बहन रीमा नागर चंडीगढ से बाहर नहीं निकल सकते।
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उन्होंने आगे कहा कि चंडीगढ़ से आगे मार्ग में गाजियाबाद तक रास्ते भी बन्द हैं। लॉकडाऊन व कर्फ़्यू खुलने के बाद मैं अपने कार्यालय में इस्तीफ़ा देकर व सरकार से नियमानुसार अनुमति लेकर मैं व मेरी बहन रीमा नागर वापस अपने पैतृक शहर ग़ाज़ियाबाद आयेंगे। हम आपके आशीर्वाद व साथ के आभारी रहेंगे।
https://www.facebook.com/ias.raninagar/posts/658992881563339
तत्कालीन एसीएस सुनील गुलाटी पर लगाए थे उत्पीड़न के आरोप
बता दें कि रानी नागर जून 2018 में सबसे पहली बार सुर्खियां तब बटोरी थीं, जब उन्होंने पशुपालन विभाग में अतिरिक्त सचिव रहते हुए तत्कालीन एसीएस सुनील गुलाटी पर उत्पीड़न के आरोप लगाए थें। उत्तर प्रदेश की मूल निवासी रानी ने इस मामले में मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा था।
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वीडियो जारी करके जान को बताया खतरा
17 अप्रैल 2020 को जारी किए गए एक वीडियो में उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें कुछ भी हो जाता है या फिर वो लापता हो जाती हैं तो इस वीडियो को बयान के तौर पर सीजेएम चंडीगढ़ की अदालत में विचाराधीन केस में दर्ज करा दिया जाए। बता दें कि उन्होंने वरिष्ठ आईएएस सुनील गुलाटी और चंडीगढ़ पुलिस के कुछ अफसरों के खिलाफ कोर्ट का सहारा लिखा था।
उन्होंने तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सुनील गुलाटी पर उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। यह मामला मुख्यमंत्री तक भी पहुंचा था। हालांकि सुनील गुलाटी इन आरोपों को खारिज करते आए हैं और इसके लेकर सरकार को भी जवाब दे दिया था, लेकिन कोर्ट में मामला विचाराधीन है।
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