उड़े नक्सलियों के चिथड़े: सेना को मारने के लिए लगाया बम, पेड़ पर लटके परखच्चे
छत्तीसगढ़ में कांकेर जिले के अमाबेडा थाना इलाके में दूसरों की मौत की साजिश रच रहे नक्सली खुद की ही मौत के जिम्मेदार हो गए। असल में ये पूरा नक्सली प्रभावित इलाका है। तो यहां पर नक्सली सेना की टुकड़ी को उड़ाने के लिए साजिशें रच रही थी।
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में कांकेर जिले में बड़ा धमाका हो गया। यहां के अमाबेडा थाना इलाके में दूसरों की मौत की साजिश रच रहे नक्सली खुद की ही मौत के जिम्मेदार हो गए। असल में ये पूरा नक्सली प्रभावित इलाका है। तो यहां पर नक्सली सेना की टुकड़ी को उड़ाने के लिए साजिशें रच रही थी। इस साजिश के तहत नक्सली बम बनाने में लगे हुए थे। तभी अचानक से बम फट गया। और सेना को खत्म करने के लिए बम बना रहे नक्सली खुद ही खत्म हो गए।
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नक्सलियों ने पर्चे भी फेंके और बैनर भी
कांकेर जिले में नक्सली जो बम बना रहे थे, वहा इतना शक्तिशाली था कि डीवीसी मेम्बर के चीथड़े पेड़ पर लटके मिले। जबकि दो नक्सली गंभीर रूप से घायल हो गए। इस बारे में नक्सलियों ने पर्चे भी फेंके और बैनर भी लगाया। इसमें लिखा था कि 18 फरवरी को आमाबेड़ा के गांव चुकपाल में सुबह 6.15 पर एक हादसा हुआ। वहीं इस हादसे में डीवीसी मेम्बर सोमाजी उर्फ सहदेव वेड़दा की मौत हो गई।
बता दें, यह पर्चा उत्तर बस्तर के डिविजनल कमेटी के प्रवक्ता सुखदेव कावड़े की तरफ से जारी किया गया जिसमें फ़ोर्स को उड़ाने के लिए बम लगाते वक्त विस्फोट का होना बताया।
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एक साथ कई प्रेशर बम
जिले के चुकपाल के इलाके में जहां विस्फोट हुआ, वहां आस पास में एक साथ कई प्रेशर बम लगाए गए थे, जिसे विस्फोट के बाद नक्सलियों ने वापस निकाल लिया और वहां उसके छोटे-छोटे गड्ढे मिले। साथ ही यहां बम के कई तार भी मिले हैं।
इस बारे में मिली जानकारी के अनुसार, यहां से कुछ दूर पर बोड़ागांव में बीएसएफ के कैम्प है। जहां गश्त में निकलने वाले जवान वापसी में कैम्प के करीब आने पर थोड़े सामान्य हो जाते है और कैम्प के बाहर कहीं जगह देख कर बैठ कर आराम करते हैं। और इस बात को ध्यान में रखकर ये साजिश रची गई थी।
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