तबाही से कांपेगा देश: अब चीन ला रहा ऐसी मुसीबत, ब्रह्मपुत्र नदी पर तैयारी तेज

चीन ने घोषणा करते हुए कहा है कि वह तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाकर उससे बिजली उत्पादन करेगा। बता दें, तिब्बत और चीन में ब्रह्मपुत्र नदी को यारलंग जांग्बो कहते हैं। ऐसे में अब चीन की इस घोषणा से भारत के लिए दिक्कत पैदा हो सकती है।

Update: 2020-11-30 11:47 GMT
चीन ने घोषणा करते हुए कहा है कि वह तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाकर उससे बिजली उत्पादन करेगा। बता दें, तिब्बत और चीन में ब्रह्मपुत्र नदी को यारलंग जांग्बो कहते हैं।

नई दिल्ली। भारत के सामने अब एक और परेशानी खड़ी करने के लिए चीन ने नया ऐलान किया है। घोषणा करते हुए चीन ने कहा है कि वह तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाकर उससे बिजली उत्पादन करेगा। बता दें, तिब्बत और चीन में ब्रह्मपुत्र नदी को यारलंग जांग्बो कहते हैं। ऐसे में अब चीन की इस घोषणा से भारत के लिए दिक्कत पैदा हो सकती है। क्योंकि 2900 किलोमीटर लंबी ब्रह्मपुत्र नदी का बड़ा हिस्सा और उसकी डाउनस्ट्रीम भारत में आती है। जिसके चलते चीन जब चाहेगा तब पानी के बहाव को अपने हिसाब से नियंत्रित कर सकता है।

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सूखे और बाढ़ दोनों का सामना

सूत्रों से सामने आई रिपोर्ट में पता चला है कि चीन इस बांध का निर्माण अगले साल से शुरू होने वाली 14वीं पंचवर्षीय योजना के जरिए तिब्बत में करेगा। इस बांध के निर्माण का काम पावर कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन ऑफ चाइना को दिया गया है। इस निर्माण काम के अध्यक्ष यांग जियोंग ने बताया कि हम यारलंग जांग्बो मतलब ब्रह्मपुत्र नदी के निचले हिस्से में हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहे हैं।

ऐसे में चीन का दावा है कि इस योजना से जल संसाधनों और घरेलू सुरक्षा को मजबूत करने में उन्हें मदद मिलेगी। लेकिन इस बांध के बन जाने के बाद भारत, बांग्लादेश समेत कई पड़ोसी देशों को सूखे और बाढ़ दोनों का सामना करना पड़ सकता है।

फोटो-सोशल मीडिया

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प्रोजेक्ट को साल 2035 तक पूरा

चीन की हरकत से अब जब उसका मन करेगा वो बांध का पानी रोक देगा और जब मन करेगा तब बांध के दरवाजे खोल देगा। साथ ही इससे पानी का बहाव तेजी से भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों की तरफ आएगा। ऐसे में अरुणाचल प्रदेश, असम सहित कई राज्यों में बाढ़ आ सकती है।

चीनी अध्यक्ष यांग जियोंग ने कहा कि चीन की सरकार ने देश की 14वीं पंचवर्षीय योजना तैयार करने के प्रस्तावों में इस प्रोजेक्ट को भी शामिल किया है। इस प्रोजेक्ट को साल 2035 तक पूरा किया जाएगा।

लेकिन अभी तक इस प्रोजेक्ट के बारे में चीनी सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। फिलहाल ये माना जा रहा है कि अगले साल तक चीन की सरकार इस योजना की आधिकारिक घोषणा कर देगी।

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