सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा, भारतीय सीमा पर बड़ी साजिश रच रहा चीन
लद्दाख में सीमा पर कई जगहों पर भारत और चीन के सैनिक आमने सामने हैं। हाल ही में कुछ सैटेलाइट तस्वीरों में पता चल रहा है कि चीन ने सीमा पर 1000 सैनिक तैनात कर दिए हैं।
नई दिल्ली: लद्दाख में सीमा पर कई जगहों पर भारत और चीन के सैनिक आमने सामने हैं। दोनों देशों की सेनाओं के बीच बातचीत भी हुई लेकिन कोई हल नहीं निकल सका है। सूत्रों के अनुसार भारतीय सेना ऐसी स्थिति में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर खींचतान के लिए तैयार है। यह चाहे भले ही लंबी चले। दोनों देशों ने सैनिकों की तैनाती को बढ़ा दिया है। दोनों ओर से करीब एक-एक हजार सैनिक तैनात हैं।
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पिछले महीने से बढ़ा हुआ है मूवमेंट
यूरोपियन स्पेस एजेंसी द्वारा सैटेलाइट से ली गई तस्वीरें लद्दाख में पैंगोंग झील के पास ITBP कैम्प के सामने चीनी सैनिकों के बिल्ड-अप की पुष्टि करती हैं। इन तस्वीरों में पता चलता है कि पिछले एक महीने से LAC के दूसरी ओर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) का मूूवमेंट ज्यादा हुआ है। 24 मई की तस्वीरों में ITBP शिविर से करीब तीन किलोमीटर पर नावों के इस्तेमाल से चीनी सैनिकों के मूवमेंट दिखाई देते हैं।
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6 मई को बढ़ी थी चहल-पहल
ऐसी भी रिपोर्ट मिली हैं कि चीनी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश भी की लेकिन भारतीय सैनिकों ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। पूर्वी लद्दाख में 5 मई को सैनिकों के आमने-सामने होने के बाद 6 मई की सुबह तक ये स्थिति बनी ही रही थी।
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तैनाती में बढ़ा दी है
पैंगॉन्ग झील और गलवान घाटी के नजदीकी इलाके हॉटस्पॉट बने हुए हैं, जहां तनाव जारी है। सूत्रों ने बताया कि पूर्वी लद्दाख के पैंगॉन्ग त्सो सेक्टर और गलवान घाटी इलाके में बारीकी से नजर रखी जा रही है, जहां चीन ने सैनिकों की तैनाती हाल ही में बढ़ा दी गई है।
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यह है विवादित जगह
सूत्रों के अनुसार तनाव के बीच चीनी सैनिकों ने पैंगॉन्ग झील के किनारे गश्त भी बढ़ा दी है। उन्होंने नावों की संख्या बढ़ा दी है। पूर्वी लद्दाख में पैंगॉन्ग झील विवादित है। बता दें कि भारत ने अपने इलाके में सड़क निर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास को लेकर चीन को आपत्ति थी और इस वजह से आमने-सामने आ गए।
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सेना ने यह कहा है
सूत्रों के अनुसार पैंगॉन्ग त्सो बेहद संवेदनशील है। उसके अलावा हालिया तनाव में जो इलाके विस्फोटक बने हुए हैं, वो लद्दाख में चुमार, ट्रिग हाइट्स और डेमचोक हैं। ये सभी भारत-चीन सीमा के पश्चिमी सेक्टर को दर्शाते हैं। अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम में कई दूसरी संवेदनशील जगह हैं, जो पूर्वी सेक्टर में आते हैं। हालांकि, सेना ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि पूर्वी लद्दाख में पैंगॉन्ग त्सो में कोई जारी फेस-ऑफ नहीं है।
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