बॉर्डर पर चीनी सेना अब नहीं कर पाएगी ज्यादा उछल-कूद, गलती की मिलेगी ऐसी सजा

पूर्वी लद्दाख में सीमा पर भारत और चीन के बीच पिछले पांच महीने से भी अधिक समय से टकराव की स्थिति बनी हुई है, जिससे दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ चुके हैं। दोनों पक्षों के बीच राजनयिक एवं सैन्य स्तर पर कई दौर की वार्ता हो चुकी है।

Update: 2020-11-01 08:21 GMT
उन्होंने ये भी कहा कि तीन दशकों तक दोनों देशों के बीच संबंध स्थिर रहे क्योंकि दोनों देशों ने नयी परिस्थितियों और विरासत में मिली चुनौतियों का समाधान किया।

नई दिल्लीः भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के मसले को लेकर तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है। दोनों देशों के बीच कई दौर की वार्ताएं भी हुई लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका।

जिसके बाद से दोनों देशों की तरफ से भारी संख्या में सेना की तैनाती कर दी है। सीमा पर हलचल तेज हो गई है। यहां पर युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं।

भारत –चीन सीमा गतिरोध के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर का ताजा बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने चीन को साफ-साफ़ ये बात बता दी है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति में परिवर्तन का कोई भी एकतरफा प्रयास भारत को 'अस्वीकार्य' है।

मार्क एस्पर और माइक पॉम्पियो के साथ राजनाथ सिंह और एस जयशंकर(फोटो:सोशल मीडिया)

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सीमा पार से हो रहे आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत को एकजुट होना होगा

ये बात उन्होंने सरदार पटेल स्मारक व्याख्यान को सम्बोधित करते वक्त कही। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा पार से हो रहे आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत को एकजुट होना होगा।

सीमावर्ती क्षेत्रों में शांतिपूर्ण माहौल ने भारत और चीन के बीच अन्य क्षेत्रों में समन्वय के विस्तार के लिए आधार उपलब्ध कराया लेकिन महामारी सामने आने के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं।

भारत के पीएम नरेंद्र मोदी, पाकिस्तान के पीएम इमरान खान और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की फोटो(सोशल मीडिया)

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तीन दशकों तक भारत और चीन दोनों देशों के बीच संबंध स्थिर रहे

उन्होंने ये भी कहा कि तीन दशकों तक दोनों देशों के बीच संबंध स्थिर रहे क्योंकि दोनों देशों ने नयी परिस्थितियों और विरासत में मिली चुनौतियों का समाधान किया। भारत उभरती वैश्विक व्यवस्था के विभिन्न ध्रुवों को साथ लेते हुए अपने निकट पड़ोसी देशों पर फोकस करना जारी रखेगा।

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में सीमा पर भारत और चीन के बीच पिछले पांच महीने से भी अधिक समय से टकराव की स्थिति बनी हुई है जिससे दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ चुके हैं। दोनों पक्षों के बीच राजनयिक एवं सैन्य स्तर पर कई दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन तनाव को खत्म नहीं किया जा सका है।

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