LAC पर कांपा चीन: भारत लाया अमेरिकी राइफल, मार गिराएगा चीनी सैनिकों को

पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल(LAC) पर जबरदस्त तनातनी बरकरार है। ऐसे में भारत को मजबूत होता देख चीन बौखलाया हुआ है। भारत के अमेरिकी राइफल्स खरीदने के फैसले से चीन की बेचैनी बढ़ती ही जा रही है।

Update: 2020-09-30 09:06 GMT
पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल(LAC) पर जबरदस्त तनातनी बरकरार है। ऐसे में भारत को मजबूत होता देख चीन बौखलाया हुआ है। भारत के अमेरिकी राइफल्स खरीदने के फैसले से चीन की बेचैनी बढ़ती ही जा रही है।

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल(LAC) पर जबरदस्त तनातनी बरकरार है। ऐसे में भारत को मजबूत होता देख चीन बौखलाया हुआ है। भारत के अमेरिकी राइफल्स खरीदने के फैसले से चीन की बेचैनी बढ़ती ही जा रही है। इसके चलते तिलमिलाई हुई चीनी सरकार की मीडिया ने लिखा है कि भारत का 2290 करोड़ रुपये में अमेरिका से हथियार खरीदना उसे सीमा पर बढ़त नहीं दिला सकता। इस पंक्ति से ही पता चल रहा है कि आखिर चीन के दिमाग में चल क्या रहा है।

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राइफलों की खरीद को इजाजत

ऐसे में चीनी विश्लेषकों ने लिखा है कि भारत की अमेरिका में बनी राइफल खरीद योजना चीन के साथ सीमा तनाव में फायदा नहीं पहुंचा सकती हैं। बता दें, 2,290 करोड़ रुपये (310 मिलियन डॉलर) में भारत की यह नई सैन्य डील है। वहीं हाल ही में भारत ने सैन्य और कूटनीतिक बातचीत के जरिए विवाद को सुलझाने की फिर से पहल उठाई थी।

साथ ही सूत्रों से सामने आई रिपोर्ट के अनुसार, भारत के रक्षा मंत्रालय ने चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं की रक्षा करने वाले सैनिकों के लिए अमेरिका से 72,000 सिग सोर असॉल्ट राइफलों की खरीद को इजाजत दे दी है।

फोटो-सोशल मीडिया

इस रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सेना 2017 से राइफलों, हल्की मशीनगनों और कार्बाइन की खरीद के साथ अपने पुराने और इन्फेंट्री सेना के हथियारों की जगह ले रही है।

भारत द्वारा अमेरिकी राइफल्स खरीदने पर चीनी सैन्य विश्लेषक ने ग्लोबल टाइम्स में लिखा, राइफल खरीद ने फिर से भारतीय सेना की कमजोर लड़ाकू तत्परता और अपने रक्षा उद्योग के निम्न स्तर को दिखाया, जैसा कि भारत के घरेलू स्तर पर विकसित, दोषपूर्ण इंसास राइफलों को बड़े पैमाने पर अमेरिकी हथियारों द्वारा बदला जा रहा है।

फोटो-सोशल मीडिया

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भारतीयों को ही नुकसान

इसी कड़ी में चीनी विशेषज्ञ ने कहा कि भारत दुनिया भर से खरीदे गए हथियारों का उपयोग कर रहा है, और कई अनुकूलता और रसद सहायता समस्याएं हैं, जो उनकी सेना के लिए गंभीर बोझ है।

इसके अलावा राइफल जैसे सामरिक इन्फेंट्री सेना के हथियारों की तैनाती से चीन और भारत के बीच शक्ति संतुलन में कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। चीनी विशेषज्ञ ने आगे कहा कि इससे कुछ भारतीयों को ही नुकसान होगा।

साथ ही चीन ने आरोप लगाया है कि सीमा पर दोनों देशों के बीच सैन्य कमांडर-स्तरीय वार्ता के नए दौर के बाद भारत लगातार सैन्य गतिविधियों का संचालन कर रहा है। वहीं चीनी अखबार में भारत पर सीमा क्षेत्र के पास सड़कों का निर्माण करने का गंभीर आरोप थोपा है।

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