धोखेबाज चीन से पाकिस्तान को तगड़ा झटका, भीख मांगने की नौबत पर पीएम इमरान
चीन के खूब सारी उम्मीदों की आस लगाए पाकिस्तान की इमरान सरकार की बड़ा धक्का लगने वाला है। असल में पाकिस्तािन को ऊर्जा के क्षेत्र से कई महत्वपूर्ण सेक्टरों को चीन से मदद मिलने के बाद पीएम इमरान खान की सरकार अब पाकिस्तान रेलवे को ट्रैक पर बनाए रखने के लिए बुरी तरह से जूझना पड़ रहा है।
नई दिल्ली। चीन और पाकिस्तान के रिश्ते अब खत्म होते दिखाई दे रहे हैं। चीन के खूब सारी उम्मीदों की आस लगाए पाकिस्तान की इमरान सरकार की बड़ा धक्का लगने वाला है। असल में पाकिस्तािन को ऊर्जा के क्षेत्र से कई महत्वपूर्ण सेक्टरों को चीन से मदद मिलने के बाद पीएम इमरान खान की सरकार अब पाकिस्तान रेलवे को ट्रैक पर बनाए रखने के लिए बुरी तरह से जूझना पड़ रहा है। साथ ही बीजिंग अब चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के तहत जारी प्रमुख परियोजनाओं की फंडिंग से अपने हाथ में ले रहा है।
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हाथ फैलाने की नौबत
जानकारी के लिए बता दें, चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा सीपीईसी चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) की महत्वपूर्ण परियोजना का बेहद अहम हिस्सा है। हालत ये है कि पाकिस्तान की सरकार को रेलवे को चलाने के लिए भी अब हाथ फैलाने की नौबत आन पड़ी है।
ऐसे में चीन पाकिस्तान को बिना गारंटी के कर्ज देने से अब बचने की लगातार कोशिशें कर रहा है। इस बारे में पाकिस्तानी अखबार 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन की शी चिनफिंग की सरकार ने पाकिस्तान की कमजोर वित्तीय स्थिति के कारण मेन लाइन -1 (ML-1) परियोजना के लिए 6 अरब डॉलर के कर्ज को मंजूर करने से पहले अतिरिक्त गारंटी की मांग की थी।
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नए अध्याय की शुरुआत
गौरतलब है कि मेन लाइन -1 (ML-1) पाकिस्तान की पहली और सबसे बड़ी परिवहन क्षेत्र परियोजना है जिसे सीपीईसी के तहत चार पाकिस्तानी प्रांतों से होते हुए पेशावर से कराची तक जाना है। इस बारे में दिसंबर में आई 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की रिपोर्ट के अनुसार, मेन लाइन -1 परियोजना को लेकर आशंकाओं के बादल मंडराने लगे हैं।
लेकिन इस पर पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान का कहना है कि चिंता की बात नहीं है। यह परियोजना पाकिस्तान और चीन के संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत करेगी। आगे कहते हुए इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद पाकिस्तानी बंदरगाह सड़क मार्गों से बेहतर तरीके से जुड़ेंगे जिससे देश में बने सामान समय पर अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचेंगे।
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