भारत सावधान! पहले भी पीछे हट चुकी चीनी सेना, 91 दिनों बाद उठाया था ये बड़ा कदम
LAC में चीनी सेना जिस क्षेत्र से पीछे हटी हैं, वह भारत की जमीन है और चीन ने यहां अपना दावा करते हुए सैनिकों को खड़ा कर दिया था।
लखनऊ: लद्दाख में कई महीनों से जारी भारत-चीन सीमा विवाद में बीते दिन उस समय भारत को बड़ी सफलता मिली जब चीनी सेना गलवान में पीछे हट गयी। इसे लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच करीब 3 घंटे सीमा विवाद पर चर्चा हुई। यहां ये जानना जरूरी है कि LAC में चीनी सेना जिस क्षेत्र से पीछे हटी हैं, वह भारत की जमीन है और चीन ने यहां अपना दावा करते हुए सैनिकों को खड़ा कर दिया था।
गलवान में भारतीय सीमा के अंदर 800 किलोमीटर तक घुस गया था चीन
दरअसल, लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना भारतीय सीमा क्षेत्र के अंदर 800 किलोमीटर से घुस गयी। पेट्रोल पॉइंट 14 के इस क्षेत्र में चीन ने अपने सैनिकों को तैनात कर दिया और दावा किया कि ये उनका क्षेत्र हैं। इसी बात पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हो गयी थी। जिसमें 20 जवान शहीद हो गए।
इस साल पहली बार चीन ने 'पेट्रोल पॉइंट 14' पर किया अपना दावा
सबसे पहले उन्होंने इसी साल अप्रैल में बटालियन लेवल की मीटिंग पेट्रोल पॉइंट 14 पर अपना दावा किया। हालंकि इसके बाद भारत ने गलवान में श्योक नदी के बीच पुल बनाने का काम शुरू कर दिया। चीन इस बात से भी नाराज था और एतराज जता रहा था।
ये भी पढ़ेंः LAC पर बनेंगी भारतीय सड़कें, हुआ बड़ा एलान, चीन की आपत्ति से फर्क नहीं पड़ा
1959 में भारत-चीन के बीच 'पेट्रोल प्वाइंट 14' पर बनी थी आम सहमति
बता दें की जिस पेट्रोल प्वाइंट 14 की स्थिति को लेकर दोनों देशों की सेनाएं भिड़ गयीं, उसपर 61 साल पहले ही सहमति बन गयी थी। ऐसे में भारतीय सेना पूरी तरीके से अपनी स्थिति को लेकर स्पष्ट थी। दरअसल, साल 1959 में भारत-चीन के बीच इसी पेट्रोल प्वाइंट 14 को लेकर एक आम सहमति बनी थी, जिसके बाद इस जगह को लेकर दोनों देशों की सेनाओं के बीच कभी भी संघर्ष के हालात नहीं बने। .
ये भी पढ़ेंः पाक-चीन ने मिल कर भारतीय सीमा पर रची साजिश, गुपचुप कर रहे ये काम
सोशल मीडिया पर 1962 की पेपर कटिंग वायरल
वहीं अब जैसे ही चीनी सेना गलवान से पीछे हटी सोशल मीडिया पर 1962 के एक अखबार की कटिंग वायरल हो गयी। इस अखबार की हेडलाइन है- 'गलवान पोस्ट से चीनी सैनिक पीछे हटे।' इसके साथ ही एक सब हेडिंग भी दी गयी, जिसमे लिखा है 'दिल्ली की चेतावनी ने दिखाया असर'।
पहले भी सेना के पीछे हटने के बाद हुआ 1962 का युद्ध
इस अखबार से हमे ये तो पता चला की चीनी सेना इसके पहले भी गलवान पर अपने दावों के बाद पीछे हटी थी लेकिन इस बात और संज्ञान में आयी कि उस दौरान गलवान से पीछे हटने वाली खबर के आने के 91 दिनों बाद 1962 का भारत चीन युद्ध हो गया था और चीन ने गलवान समेत कई हिस्सों पर अपनी सेना भेज दी थी। यानी भारत को सतर्क रहने की जरूरत है।
देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।