Delhi Ordinance: केन्द्र सरकार के अध्यादेश पर ममता से मिले केजरीवाल, बोले-ये जनतंत्र को बचाने की लड़ाई

Delhi Ordinance: केजरीवाल ने कहा कि आठ साल तक दिल्ली की जनता के परीश्रम के बाद जब सुप्रीम कोर्ट में जीत गई, तो मोदी सरकार नें अध्यादेश लाकर फैसले को पलट दिया। इन्होने अध्यादेश भी उस दिन लाया जिस दिन सुप्रीम कोर्ट में छुट्टी होने जा रही थी। इसका मतलब इनके दिल में कुुछ काला।

Update:2023-05-23 23:11 IST
cm arvind kejriwal meets mamata banerjee (Photo-Social Media)

Arvind Kejriwal meets Mamata Banerjee: दिल्ली के मुख्यमंत्री व आमआदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण पर केन्द्र सरकार द्वारा जारी अध्यादेश को लेकर आज पश्चिम बंगार की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। इस दौरान उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, मंत्री अतिशी, सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा मौजूद रहे। गौरतलब है कि काफी समय से आप सराकार प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण को लेकर केन्द्र के खिलाप विपक्षों का समर्थन हासिल करने में जुटी हुई है। केजरीवाल ने कहा कि आठ साल तक दिल्ली की जनता के परीश्रम के बाद जब सुप्रीम कोर्ट में जीत गई, तो मोदी सरकार नें अध्यादेश लाकर फैसले को पलट दिया। इन्होने अध्यादेश भी उस दिन लाया जिस दिन सुप्रीम कोर्ट में छुट्टी होने जा रही थी। इसका मतलब इनके दिल में कुुछ काला।

जनतंत्र को बचाने की लड़ाई

ममता से मिलने के बाद केजरीवाल ने कहा कि यह लड़ाई मात्र दिल्ली वालों का नहीं है ये जनतंत्र को बचाने की लड़ाई है। बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को बचाने की लड़ाई है। न्यायपालिका को बचाने की लड़ाई है। देश को बचाने की लड़ाई है। इसमें सबका साथ चाहता हूं।

मिलने से पहले क्या बोले थे?

केजरीवाल ने ममता बेनर्जी से मिलने से पहले एक ट्वीट शेयर करते हुए लिखा था कि, “आज से देश भर में निकल रहा हूँ। दिल्ली के लोगों के हक़ के लिए। SC ने बरसों बाद आदेश पारित करके दिल्ली के लोगों के साथ न्याय किया, उन्हें उनके हक़ दिये। केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर वो सारे हक़ वापिस छीन लिये जब ये क़ानून राज्य सभा में आएगा तो इसे किसी हालत में पास नहीं होने देना। सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों से मिलकर उनका साथ माँगूँगा।“

इन लोगों से कर चुके हैं मुलाकात

इससे पहले केजरीवाल बिहार के मुख्यमंत्री केजरीवाल व तेज प्रताप यादव से मुलाकात कर चुके हैं। नीतीश कुमार ने केन्द्र सरकार से लड़ाई में आप को समर्थन देने का आश्वासन दिया था। इसके अलाला केजरीवाल उद्धव ठाकरे और शरद पवार से भी मुलाकात कर चुके हैं।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट अफसरों के ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को देने का फैसला सुनाया था। केन्द्र सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सवा और दानिक्स कैडर के अधिकारियों तबादले एवं उनके खिलाफ प्रशासनिक कार्यवाही के लिए राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण गठित करने के लिए 19 मई को अद्यादेश लाई थी। किसी भी अध्यादेश को कानून बनने के लिए छह महीने के अंदर संसद से मंजूरी मिलना आवश्यक होता है। माना जा रहा है कि संसद के मानसून सत्र में अध्यादेश से संबंधित विधेयक पेश किया जाएगा, जिसके लिए अरविन्द केजरीवाल विपक्षी पार्टियों से सहयोग मांग रहे है।

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