Delhi Ordinance: कांग्रेस ने दिया केजरीवाल को बड़ा झटका, दिल्ली संबंधी अध्यादेश पर संसद सत्र के दौरान होगा फैसला

Congress on Delhi Ordinance: आप को जवाब देते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि संसद सत्र के दौरान पार्टी इस संबंध में फैसला लेगी। पटना की बैठक में हिस्सा लेने के लिए रवाना होने से पूर्व उन्होंने दिल्ली में यह बात कही।

Update: 2023-06-23 05:59 GMT
Congress on Delhi Ordinance (Photo: Social Media)

Congress on Delhi Ordinance: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को कांग्रेस ने बड़ा झटका दिया है। दिल्ली के संबंध में मोदी सरकार की ओर से लाए गए अध्यादेश के संबंध में पार्टी ने संसद सत्र के दौरान फैसला करने की बात कही है। पटना में विपक्षी की बैठक के दौरान अध्यादेश पर चर्चा न होने पर आप ने बैठक का बहिष्कार करने की चेतावनी दी थी।

इस संबंध में आप को जवाब देते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि संसद सत्र के दौरान पार्टी इस संबंध में फैसला लेगी। पटना की बैठक में हिस्सा लेने के लिए रवाना होने से पूर्व उन्होंने दिल्ली में यह बात कही। कांग्रेस के रुख को लेकर पार्टी अध्यक्ष हां या ना में जवाब देने से बचते हुए दिखे।

कांग्रेस के रुख से केजरीवाल नाराज

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल इस अध्यादेश पर कांग्रेस के रुख को लेकर काफी नाराज बताए जा रहे हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर विपक्ष के कई बड़े नेताओं के साथ चर्चा की है। विपक्ष के कई नेताओं ने संसद में इस अध्यादेश का विरोध करने का वादा किया है मगर कांग्रेस ने अभी तक इस मुद्दे पर अपना रुख साफ नहीं किया है। केजरीवाल ने इस बाबत चर्चा करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे और पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से मुलाकात की कोशिश की थी मगर कांग्रेस की ओर से उन्हें समय नहीं दिया गया।

अब कांग्रेस ने इस मुद्दे पर टालमटोल की नीति अपनाते हुए संसद सत्र के दौरान फैसला लेने की बात कही है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी के अधिकांश नेता इस मुद्दे पर केजरीवाल का साथ देने के खिलाफ हैं। पार्टी के नेता संदीप दीक्षित ने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखी है और केजरीवाल का साथ देने का विरोध किया है।

संसद सत्र के दौरान होगा फैसला

अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस बाबत बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि किसी अध्यादेश के समर्थन या विरोध का फैसला बाहर नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि संसद सत्र के दौरान सभी पार्टियां मिलकर इस संबंध में अपना एजेंडा तय करेंगी। उन्होंने कहा कि पटना की बैठक दिल्ली संबंधी अध्यादेश पर चर्चा करने के लिए नहीं बल्कि भाजपा को हराने के लिए रणनीति बनाने के सिलसिले में आयोजित की गई है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हमारा एजेंडा है कि सभी विपक्षी दल एकजुट होकर भाजपा को हराने के लिए काम करें। भाजपा को हराने के लिए सभी लोगों को मिलकर काम करना होगा। इस संबंध में हम पहले से ही प्रयास करते रहे हैं। पार्टी के नेता राहुल गांधी की ओर से इस बाबत ठोस शुरुआत की गई थी और उसी का नतीजा है कि पटना बैठक में रणनीति बनाने की तैयारी की गई।

केजरीवाल ले सकते हैं बड़ा फैसला

केजरीवाल की बैठक से वॉकआउट करने की धमकी के संबंध में पूछे जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें भी इस बात की बखूबी जानकारी है कि अध्यादेश के समर्थन या विरोध का फैसला बाहर नहीं किया जाता। जब संसद सत्र की शुरुआत होगी तो सभी विपक्षी दल मिल-बैठकर इस बाबत चर्चा करेंगे और उसके बाद ही आखिरी फैसला लिया जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष के इस बयान के बाद अब सबकी निगाहें केजरीवाल के अगले कदम पर लगी हुई हैं।

केजरीवाल पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि गैर भाजपाई राज्य सरकारों को इस बाबत निश्चिंत नहीं रहना चाहिए। मोदी सरकार की ओर से जो कदम दिल्ली के संबंध में उठाया गया है,वह कदम आगे चलकर अन्य गैर भाजपाई राज्यों में भी उठाया जा सकता है। उन्होंने इस संबंध में सभी विपक्षी दलों के नेताओं को पत्र भी लिखा था। ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस का रुख स्पष्ट होने के बाद केजरीवाल कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।

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