Adani Hindenburg Row: अडानी-हिंडनबर्ग मामले को और गरमाएगी कांग्रेस, राजभवन तक मार्च और ब्लॉक स्तर पर प्रदर्शन की रणनीति
Adani Hindenburg Row: सियासी जानकारों का मानना है कि पार्टी लगातार इस मुद्दे को गरम रखना चाहती है और इसी कारण पार्टी की ओर से आने वाले दिनों में आक्रामक रणनीति अपनाने का फैसला किया गया है।
Adani Hindenburg Row: अडानी-हिंडनबर्ग मामले को लेकर लगातार हमलावर रुख अपनाने वाली कांग्रेस ने आने वाले दिनों में भी इस मामले को गरमाए रखने की रणनीति तैयार की है। पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर 6 मार्च को देशभर में ब्लॉक स्तर पर प्रदर्शन करने का फैसला किया है। साथ ही संसद के बजट सत्र के दौरान भी इस मामले को उठाकर पार्टी मोदी सरकार को घेरेगी।
संसद के बजट सत्र के दूसरे हिस्से की शुरुआत 13 मार्च को होने वाली है। पार्टी ने इस दिन सभी राज्यों में राजभवन तक मार्च निकालने का फैसला किया है। सियासी जानकारों का मानना है कि पार्टी लगातार इस मुद्दे को गरम रखना चाहती है और इसी कारण पार्टी की ओर से आने वाले दिनों में आक्रामक रणनीति अपनाने का फैसला किया गया है।
रैलियों के जरिए हमला बोलेगी कांग्रेस
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अडानी मामले को कांग्रेस मोदी सरकार को घेरने का बड़ा हथियार मान रही है। इसी कारण पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर आक्रामक रवैया अपनाए रखने का फैसला किया है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जिला स्तर पर कई रैलियों को संबोधित करेंगे। इन रैलियों के दौरान पूरे प्रकरण की जेपीसी जांच कराने की मांग दोहराई जाएगी।
कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन के दौरान भी इस मुद्दे की गूंज सुनाई पड़ी है। कांग्रेस ने शनिवार को भी सरकार से मांग की थी कि इस मामले की जेपीसी जांच कराई जाए ताकि देश के लोगों के सामने सच्चाई उजागर हो सके। पार्टी का कहना है कि वह सरकार की ओर से समर्थित निजी एकाधिकार के पूरी तरह खिलाफ है। पार्टी का कहना है कि सरकार इस मुद्दे पर जेपीसी जांच से भाग रही है जबकि जेपीसी जांच के जरिए मामले का पूरी तरह खुलासा हो सकता है।
आर्थिक प्रस्ताव में भी अडानी प्रकरण का जिक्र
रायपुर अधिवेशन के दौरान कांग्रेस की ओर से पारित आर्थिक प्रस्ताव में भी अडानी प्रकरण का जिक्र किया गया है। कांग्रेस की ओर से इसे महा मेगा घोटाला बताते हुए कहा गया है कि इस मामले में सरकार को जिम्मेदारी से नहीं भागने दिया जा सकता। इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद में बेबाकी से अपनी राय रखते हुए सरकार से कई प्रश्न पूछे थे मगर उनके भाषण के अंश संसदीय रिकॉर्ड से हटा दिए गए। कांग्रेस ने कहा कि सत्ता पक्ष के दबाव में भले ही राहुल गांधी की बातों को संसदीय रिकॉर्ड से हटा दिया गया हो मगर देश की जनता ने सबकुछ देखा है कि संसद में किस तरीके से काम किया जा रहा है।
राहुल गांधी ने फिर मोदी सरकार को घेरा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रायपुर अधिवेशन के दौरान रविवार को अपने भाषण में अडानी प्रकरण को जोर-शोर से उठाया। उन्होंने कहा कि मैंने संसद में एक तस्वीर दिखाई थी जिसमें अडानी प्रधानमंत्री मोदी के साथ प्लेन में बैठे हुए हैं। मैंने संसद में सवाल किया था कि आखिरकार यह रिश्ता क्या है? संसद में मेरे सवाल पूछने के बाद पूरी सरकार और सभी केंद्रीय मंत्री अडानी को बचाने में जुट गए।
राहुल गांधी ने कहा कि सबसे बड़ा सवाल यह है कि उद्योगपति अडानी की इस तरह रक्षा क्यों की जा रही है। शेल कंपनियों की ओर से हजारों करोड़ रुपया हिंदुस्तान भेजा जा रहा है मगर यह शेल कंपनियां किसकी हैं। सरकार अडानी के मामले में जेपीसी जांच से क्यों भाग रही है? भाजपा और संघ के लोग एक उद्योगपति की रक्षा करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने इस मामले में सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि इस मामले में सच्चाई सामने आने तक उनकी पार्टी सवाल पूछना बंद नहीं करेगी।