Coromandel Express Accident: अस्पतालों में ब्लड डोनेट के लिए लोगों का मजमा, ट्रेनों में डॉग स्क्वॉड तलाश रहा जिंदगियां

Coromandel Express Accident: ओडिशा ट्रेन हादसे में जो लोग दुनिया छोड़कर जा चुके हैं, उनके खोने का गम तो पूरे भारतवासियों को है, लेकिन इस हादसे में जो लोग घायल हुए हैं, उनकी बचाने की जिम्मेदारी भी केंद्र सरकार व राज्य सरकार के साथ ओडिशा के लोकल लोग भी अपने कंधों पर उठाए हुए हैं।

Update:2023-06-03 20:16 IST
Coromandel Express Acciden (सोशल मीडिया)

Coromandel Express Accident: हम भारतीय हैं...हमारा तो इतिहास रहा है जब भी कोई मनावीय आपदा या फिर कोई बड़ी घटना घटी है तो हम सब ने कंधे से कंधा मिलाकर मुकाबला किया। इसका उदाहरण वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान दिखा चुका है। इसी कड़ी में शुक्रवार देर रात ओडिशा में हुए ट्रेन हादसे के बाद मदद के लिए आगे आए लोगों ने एक फिर यह साबित कर दिया। दरअसल, शुक्रवार को देर ओडिशा के बालासोर के बहानगा बाजार स्टेशन के नजदीक एक माल गाड़ी सहित दो यात्री ट्रेन आपस में भीड गई थी, जिसमें 280 लोगों की मौत हो चुकी है और 900 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इसके बाद भारत में एक बार फिर मातम लहर दौड़ी है। आज हर तरफ केवल और केवल लोगों की जुंबा में ओडिशा के बालासो में भीषण ट्रेन हादसा छाया हुआ है। हादसे में घायलों का इलाज बालासोर के आस-पास अस्पतालों में चल रहा है। घायलों की किसी भी प्रकार की इलाज से संबंधित कोई कमी ना हो, सरकार के साथ स्थानीय लोगों को भी इस ख्याल रखे हुए हैं।

ऐसा ही कुछ एक वीडियो सोशल मीडिया में तेजी वायरल हो रहा है, जिसमें घायलों को खून देने वाले लोगों का तंता लाग हुआ दिखाई दे रहा है। वहीं, हादसे का शिकार हुए ट्रेन अब लोगों की खोजबीन डॉग स्क्वॉड करें रहे हैं कि कहीं कोई फंसा हो तो उसके निकाला जा सके।

बालासो के लोग दे रहे खून

ओडिशा ट्रेन हादसे में जो लोग दुनिया छोड़कर जा चुके हैं, उनके खोने का गम तो पूरे भारतवासियों को है, लेकिन इस हादसे में जो लोग घायल हुए हैं, उनकी बचाने की जिम्मेदारी भी केंद्र सरकार व राज्य सरकार के साथ ओडिशा के लोकल लोग भी अपने कंधों पर उठाए हुए हैं। घायल हुए लोगों को खून की कमी न हो, इसलिए जिन जिनअस्पतालों में इनका इलाज चल रहा है, वहां पर बालासो के स्थानीय लोगों की खून देने की लंबी-लंबी लाइन लगे हुई हैं, हर किसी की कोशिश है कि जल्द से जल्द घायल लोग स्वस्थ होकर अपने घरों की ओर प्रस्थान करें। जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

देखें वायरल वीडियो

While Musl!ms are busy mocking the d€th of H!ndus in the Train Accident. Here's Odiya Hindus of Odisha queuing at midnight to donate blood for the surviving victims of the train accident. Irrespective of victim's religion.


That's the difference..pic.twitter.com/H1o0mXCCC3

— The Right Wing Guy (@rightwing_guy) June 3, 2023

वारयल वीडियो में देखा जा सकता है कि जब रात ट्रेन एक्सीटेंड हुआ तो उसके बाद से राहत बचाव का कार्य जारी होते सबसे पहले घायलों ट्रेन से निकाल निकाल कर घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिसके बाद से वहां पर लोगों का खून देने के लिए लंबी लंबी लाइनें लग गईं। लोगों की रात से ही लंबी लंबी लाइनें लगी हुई हैं। घंटो-घंटों इंतजार करने बाद भी लोग खून देने से पीछे नहीं हट रहे हैं। इसी प्रशंसा अब लोग सोशल मीडिया पर कर रहे हैं।

एक स्थानीय निवासी ने मीडिया से बात कर कहा कि जब यह दुर्घटना हुई, तब मैं पास में था। हम सभी लोगों को ने करीब 200-300 लोगों को बचाया है। लेखक आनंद रंगनाथन ने घायलों को खून देने वाले लोगों पर कहा कि बालासोर में भयानक ट्रेन दुर्घटना के बारे में सुनकर स्तब्ध और बिल्कुल भयभीत। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना और ओडिशा के अविश्वसनीय लोगों को हार्दिक धन्यवाद जो आधी रात को रक्तदान करने के लिए कतार में खड़े हैं। अगणनीय त्रासदी।

अन्य ट्विटर यूजर्स ऋषि बागरी ने ब्लड डोनेट वालों को वोडियो शेयर कर लिखा कि रेल दुर्घटना पीड़ितों के लिए रक्तदान करने के लिए बालासोर में रात से कतार में लगे स्थानीय लोग। उन्हें एक बड़ा सलाम...।

RSS और ABPV के लोगों ने किया रक्तदान

उधर, आरएसएस और एबीवीपी संगठन से जुड़े स्वयंसेवक भी मदद के लिए बालासोर ट्रेन दुर्घटना स्थल पर पहुंच गए हैं। यहां पर उन्होंने राहत और बचाव अभियान में कदम रखा। साथ ही, जरूरतमंदों के लिए रक्तदान कर रहे हैं। आरएसएस मित्र ने अपने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ट्विट कर कहा कि हम मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं।

घटना ओडिशा में मातम कई राज्यों में

वहीं, इस घटना में कई लोगों की मौत हो चुकी है, जो इस ट्रेन पर सफर कर रहे थे, जो कि कोई बेटा, कोई पति, कोई पिता तो कई किसी की मां, कोई किसी पत्नी या कोई किसी की बहन थी। इस घटना के मौत का मातम कई सैंकड़ों किलोमीटर दूर तक सुनाई दे रहा है। इस हादसे में अपना बच्चा खो चुकी पश्चिम बंगाल की मालदा जिले की रहने वाली एक मां ने कहा कि बालासोर ट्रेन हादसे में मेरे बेटे की मौत हो गई। वह चेन्नई जा रहा था। मेरा बेटा 26 साल का था और उसके दो बच्चे हैं।

देखें घटना के बाद कैसे फैली पड़ी बोग्गियां

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