कोरोना: सफदरगंज हॉस्पिटल ने लगाई ऑपरेशन पर रोक, एम्स ने की लोगों से ये अपील
दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल ने सर्जरी को पूरी तरीके से बंद कर दिया है।
नई दिल्ली: कोरोना कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल ने सर्जरी को पूरी तरीके से बंद कर दिया है। अस्पताल की ओर से बुधवार शाम को जारी आदेश में कहा गया कि अगली सूचना आने तक अस्पताल में कोई सर्जरी नहीं होगी। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया जाता है। दिल्ली में कोरोना के संक्रमण के मामले 10 तक पहुंच गए हैं।
एम्स ने लोगों से न आने की करी अपील
दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने देश भर के लोगों से अपील की है कि कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए बेहद जरूरी होने पर ही मरीज आएं। एम्स ने ये भी कहा है कि जिन लोगों की पहले से बुकिंग है उनके लिए अगर संभव हो तो वे अपनी अप्वाइंटमेंट डेट आगे बढ़ा लें।
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के पुष्ट मामलों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है, इनमें एक विदेशी नागरिक भी शामिल है। इस बीच, दिल्ली सरकार ने बुधवार को कहा कि अब तक ऑटो रिक्शा समेत 7,877 सार्वजनिक सेवा वाहनों को संक्रमण मुक्त किया गया है।
विदेश से सौटे 1.86 लाख लोगों की हुई स्क्रीनिंग
मंगलवार रात तक राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण के आठ मामले थे। भारत में शुक्रवार को इस वायरस के चलते दूसरी मौत एक 68 वर्षीय महिला की हुई थी, जोकि दिल्ली की रहने वाली थी। मुख्य सचिव ने मंगलवार को उपायुक्तों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पृथक करने की सुविधाओं की समीक्षा की थी।
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दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा था कि 17 मार्च तक कोरोना वायरस संक्रमण से प्रभावित देशों से लौटने वाले करीब 1.86 लाख यात्रियों की दिल्ली हवाईअड्डे पर स्क्रीनिंग की गई थी।
स्वास्थ्य मंत्री ने की बैठक
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बुधवार को मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों व दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों के अधीक्षकों व निदेशकों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की।
डॉ. हर्षवर्धन ने सफदरजंग अस्पताल, राम मनोहर लोहिया अस्पताल और अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सा अधीक्षकों व निदेशकों के साथ कोरोना वायरस (कोविड-19) से निपटने की तैयारियों पर बैठक की। स्वास्थ्य मंत्री ने सबसे पहले केंद्रीय एवं राज्य स्तरों के विभिन्न मंत्रालयों के साथ-साथ विदेश स्थित भारतीय दूतावासों के बीच आपसी सहयोग से उठाए जा रहे विभिन्न कदमों की सराहना की।
पर्याप्त मात्रा में रखें सुरक्षा सामग्री
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डॉ. हर्षवर्धन ने कहा ‘कोरोना वायरस को नियंत्रण में रखने के लिए अत्यंत सक्रियतापूर्वक निगरानी करने, रोगियों के संपर्क में आए लोगों का प्रभावकारी ढंग से पता लगाने और इस दिशा में ठोस तैयारी करने के लिए राज्यों की भूमिका सराहनीय है।’
इस दौरान उन्होंने अस्पतालों में समुचित प्रबंधन जैसे कि ओपीडी ब्लॉकों की व्यवस्था, टेस्टिंग किट, निजी सुरक्षात्मक उपकरणों (पीपीई) एवं दवाओं की उपलब्धता के साथ ही पर्याप्त संख्या में आइसोलेशन (एकांतवास) वार्डों के इंतजाम के संबंध में की जा रही तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने अस्पतालों को सभी स्वास्थ्य कर्मियों के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षात्मक सामग्री या उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया
एकांतवास केंद्रों के निरीक्षण का दिया आदेश
बैठक में डॉ. हर्षवर्धन को यह जानकारी दी गई कि पर्याप्त संख्या में निजी सुरक्षात्मक उपकरण जैसे मास्क, सेनेटाइजर, थर्मामीटर, इत्यादि खरीदे जा रहे हैं और मांग के अनुसार निर्दिष्ट स्थानों पर इन्हें मुहैया कराया जा रहा है।
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डॉ. हर्षवर्धन ने हवाई अड्डों व अन्य महत्वपूर्ण निकासी मार्गों से बाहर से आने वाले संक्रमित यात्रियों के लिए स्थापित किए गए एकांतवास केंद्रों के साथ-साथ वहां तक इन यात्रियों की आवाजाही की व्यवस्था, स्वास्थ्य की जांच इत्यादि के बारे में विस्तृत समीक्षा की। स्वास्थ्य मंत्री ने इस कार्य के लिए तैनात किए जाने वाले दलों को एकांतवास केंद्रों का नियमित निरीक्षण एवं निगरानी करने का निर्देश दिया है, ताकि वहां आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की जा सके।
मल्टी-मीडिया संचार शुरू करने की दी सलाह
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘आवश्यक सुविधाओं को बेहतर करने के उद्देश्य से संबंधित राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के साथ पूरी स्थिति की समीक्षा की जा रही है।’ संकट से निपटने का एक उपयुक्त साधन मानी जाने वाली प्रभावकारी संचार व्यवस्था के विशेष महत्व पर प्रकाश डालते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने मल्टी-मीडिया संचार अभियान शुरू करने की सलाह दी, जो विभिन्न पहलुओं पर फोकस करेगा। इस अभियान के तहत वायरस के प्रसार को रोकने के उपाय, अफवाहों पर लगाम कसने और आम जनता को संबंधित दिशानिर्देश व टेस्टिंग लैब इत्यादि के बारे में विस्तृत सूचनाएं दी जाएगी।
भारतीय रेल करेगा रैपिड रिस्पांस टीम का गठन
कोरोना से लड़ने के लिए भारतीय रेल रैपिड रिस्पांस टीम का गठन करेगा। इससे रियल टाइम में इस वायरस पर नजर रखी जा सकेगी। इसका फैसला आज एक उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया। इस बैठक की अध्यक्षता रेल मंत्री पीयूष गोयल ने की। बैठक में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी.के. यादव के अलावा बोर्ड के सभी सदस्य मौजूद थे।
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बैठक में सभी जोन के जेनरल मैनेजर और डीआरएम विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मौजूद थे। बैठक में फैसला किया गया कि हर जोन में एक क्वारंटाइन फेसिलिटी बने और स्वच्छता और सफाई पर खास ध्यान रखा जाए। यह फैसला किया गया कि स्वास्थ्य मंत्रालय के सभी दिशा निर्देशों का प्रचार प्रसार हो और इस पर सख्ती से अमल हो।
50 रुपए तक किया जाएगा प्लेटफॉर्म टिकट
यह भी तय किया गया कि रेलवे सभी स्टेशनों पर सहायता केंद्र बनाएगा, ताकि जरूरत पड़ने पर लोगों को जरूरी सुविधा मुहैया कराया जा सके। यह भी तय किया गया है कि ट्रेन में टॉयलेट, एसी कोच और पैंट्री कोच को बार बार सैनिटाइज किया जाए। ट्रेन और रेलवे स्टेशन को बार बार सैनिटाइज किया जाए बार-बार पब्लिक एड्रेस सिस्टम से कोरोना के बचाव के लिए प्रचार किया जाए।
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रेलवे पर आवश्यक भीड़ को जमा होने से रोकने के लिये सभी रेलवे जोन को निर्देश दिया गया। यह भी आदेश दिया गया है कि रेलवे प्लेटफॉर्म टिकट अगर जरूरी हो तो 50 रुपये तक बढ़ाया जा सकता है। बैठक में रेल मंत्री ने कहा कि जब तक कोरोना वायरस पर जीत सुनिश्चित नहीं होती, रेलवे का यह अभियान जारी रहना चाहिए।