कोरोना वैक्सीन: भारत ने पड़ोसी होने का निभाया फर्ज, अब इन देशों को देगा डोज
अभी तक जिन देशों ने भारत से संपर्क किया है उनमें से अधिकांश ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित और एसआइआइ द्वारा तैयार की गई कोविशील्ड में दिलचस्पी ले रहें है।
नई दिल्ली : वसुधैव कुटुंबकम की भावना रखने वाला भारत एक बार भी अपनी उदारता का उदाहरण पेश किया है। पड़ोसी देशों के प्रति हमेशा उदारता दिखाने वाले भारत ने कोरोना संकटकाल में एक बार फिर 'पड़ोसी छह देशों को कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति की है। यह वैक्सीन इन देशों को अनुदान सहायता के रूप में दी जाएगी। सबसे पहले वैक्सीन पाने वाले देशों में भूटान, मालदीव, नेपाल, म्यांमार, बांग्लादेश और सेशेल्स शामिल हैं।
कोरोना वैक्सीन की सप्लाई
विश्व के कई देशों को सप्लाई की जा रही है भारत में निर्मित कोरोना वैक्सीन। नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश को कोरोना वैक्सीन भेजने के बाद भारत अब कई और देशों को वैक्सीन भेजने की तैयारी कर रहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, अगले कुछ दिनों में, हमने ओमान को 1 लाख खुराक की मात्रा, देशों को 5 लाख खुराक, निकारागुआ को 2 लाख और प्रशांत द्वीप राज्यों को 2 लाख खुराक देने की योजना बनाई है।
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20 जनवरी से पड़ोसियों को वैक्सीन
अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 20 जनवरी से हमने अपने पड़ोसियों को वैक्सीन की 55 लाख से अधिक खुराक और भूटान के लिए विस्तारित पड़ोस-डेढ़ लाख, मालदीव, मॉरीशस और बहरीन को 10 लाख, नेपाल को 10 लाख, बांग्लादेश को 20 लाख, म्यांमार को 15 लाख रुपये का उपहार दिया है। सेशेल्स को 50,000, अनुरोध पर श्रीलंका को 5 लाख वैक्सीन की खुराक भेजी है।
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कोविशील्ड में दिलचस्पी
अभी तक जिन देशों ने भारत से संपर्क किया है उनमें से अधिकांश ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित और एसआइआइ द्वारा तैयार की गई कोविशील्ड में दिलचस्पी ले रहें है। भारत में भी शुरू हुए टीकाकरण अभियान में कोविशील्ड के साथ ही स्वदेशी कोवैक्सीन लगाई जा रही है। कोवैक्सीन को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने विकसित किया है। कुछ देशों को भारत बायोटेक की कोवैक्सीन भी देने की तैयारी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने हाल ही में कहा था कि अभी कोरोना वैक्सीन की घरेलू खपत का आकलन किया जा रहा है। उसके बाद दूसरे देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराने का धीरे-धीरे फैसला होगा।