कोरोना वैक्सीन: गर्भवती महिलाओं और बच्चों पर बड़ी खबर, जानें इन्हें कब लगेगा टीका
डायरेक्टर डॉ. गुलेरिया ने कहा कि अगर वयस्कों पर वैक्सीन का अच्छा रिजल्ट देखा जाता है तो ही बच्चों को वैक्सीन लगेगी। इसके बाद प्रेग्नेंट औरतों को इसे दिया जाएगा।
नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस की दो वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी जा चुकी है। डीसीजीआई द्वारा सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड (Covishield) और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) को हरी झंडी दिखा दी गई है। बता दें कि कोविशील्ड एस्ट्राजेनेका और Oxford यूनिवर्सिटी का भारतीय संस्करण है। जबकि कोवैक्सीन को हैदराबाद की भारत बायोटेक और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) कंपनी ने मिलकर बनाया है, इसे 'स्वदेशी वैक्सीन' भी कहा जा रहा है।
वैक्सीन्स को मंजूरी मिलने पर उठे सवाल
इन दोनों वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दी गई है, दोनों ही टीके के कई ट्रायल अभी बाकी हैं। इसलिए इन्हें मंजूरी मिलने से कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। बता दें कि अब तक भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) का तीसरे फेज के ट्रायल का परिणाम भी सामने नहीं आया है। इसके बाद भी वैक्सीन को सरकार की परमिशन मिलने से विपक्षी पार्टी कांग्रेस समेत कुछ स्वास्थ्यकर्मियों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। इस बीच AIIMS के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने दोनों वैक्सीनों से संबंधित कई सवालों के जवाब दिए हैं।
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दोनों वैक्सीन अच्छी और कारगर
अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (AIIMS) के डायरेक्टर डॉ. गुलेरिया ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए बताया कि सरकार की योजना के तहत सीरम की कोविशिल्ड को महज पहले चरण के टीकाकरण के लिए इस्तेमाल किया जाएगा, जबकि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल मोड के लिए है। कोवैक्सीन को सेकेंडरी वैक्सीन के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाना है, बल्कि इसे कोविशिल्ड की खुराक कम पड़ने की स्थिति में इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दोनों वैक्सीन अच्छी और कारगर हैं।
भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट पर करना चाहिए विश्वास
इसके अलावा जब उनसे पूछा गया कि आप खुद के लिए और फैमिली के लिए कौन सी वैक्सीन चुनेंगे तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि ये वैक्सीन के डेटा पर डिपेंड करता है। दोनों ही सुरक्षित है और हमें भारत बायोटेक के रिसर्च और सीरम इंस्टीट्यूट के डेटा पर यकीन करना चाहिए। आगे जाकर हम इन दोनों वैक्सीन को लेकर सुरक्षित रहेंगे।
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अभी इन्हें नहीं दी जाएगी वैक्सीन की डोज
एक अन्य सवाल (12 से 18 साल के बीच के बच्चों को भी टीका लगाया जाएगा?) के जवाब में डायरेक्टर डॉ. गुलेरिया ने कहा कि अगर वयस्कों पर वैक्सीन का अच्छा रिजल्ट देखा जाता है तो ही बच्चों को वैक्सीन लगेगी। इसके बाद प्रेग्नेंट औरतों को इसे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी रेग्युलेटर्स की तरफ से वैश्विक तौर पर बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए वैक्सीन को मंजूरी नहीं दी गई है। क्योंकि इनमें सेफ्टी डेटा का सवाल है। हमें वैक्सीनेशन प्रोसेस के लिए और सेफ्टी डेटा चाहिए। इसके लिए रिसर्च किया जा रहा है।
वैक्सीनेशन का पहला फेज कब से शुरू होगा?
इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी वैक्सीन का ड्राई रन चल रहा है। एक बार चीजें साफ होने पर टीकाकरण स्टार्ट कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वैक्सीन की पहली खुराक अगले दस से 14 दिनों के भीतर हेल्थ वर्कर्स को दी जाएगी।
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