भारत में बढ़ेगी गरीबी! करोड़ो लोग हो जाएंगे कंगाल, UN रिपोर्ट में हुआ दावा

कोरोना वायरस के कारण अधिकांश देशों में लॉकडाउन जारी है, ऐसे में वैश्विक अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है। भारत की स्थिति भी कुछ ठीक नहीं है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र की जो रिपोर्ट भारत की अर्थ व्यवस्था को लेकर सामने आयी है, वो बेहद खराब है।

Update: 2020-04-18 18:09 GMT

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के कारण अधिकांश देशों में लॉकडाउन जारी है, ऐसे में वैश्विक अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है। भारत की स्थिति भी कुछ ठीक नहीं है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र की जो रिपोर्ट भारत की अर्थ व्यवस्था को लेकर सामने आयी है, वो बेहद खराब है।

लॉकडाउन से भारत की अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका

दरअसल कोरोना वायरस से जूझ रहे भारत में 25 मार्च से लॉकडाउन घोषित कर दिया गया तो 3 मई तक जारी रहेगा। ऐसे में देश में सभी तरफ का व्यापार, उद्योग लगभग सबकुछ ठप्प हो गया। इससे आर्थिक हालात डगमगा गए।

UN का दावा-भारत हो जायेगा और गरीब

वहीं भारत की अर्थ व्यवस्था को लेकर संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक रिपोर्ट सामने आयी है, जिसमें दावा किया गया कि कोरोना के कारण करीब 10 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे चले जाएंगे।

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UN के शोधकर्ताओं ने कोरोना के मद्देनजर हुए लॉकडाउन पर हाल में ही एक विश्लेषण किया, जिसके आधार पर कहा गया कि भारत पर इसका बहुत असर पड़ेगा, देश 10 साल पिछड़ जाएगा। सरकार के सालों के प्रयास पर कुछ महीनों में ही तगड़ा झटका लगेगा।

10 करोड़ लोग आ जाएंगे गरीबी रेखा के नीचे

10 करोड़ से ज्यादा लोग विश्व बैंक द्वारा निर्धारित गरीबी रेखा से नीचे चल जाएंगे। लोग बेहद गरीबी में जीने को मजबूर हो जाएंगे। वो कामगार जो प्रतिदिन 245 रुपये के हिसाब से कमाते हैं, और अधिक गरीब हो जाएंगे।

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अभी 60 फीसदी लोग गरीबी रेखा के नीचे

बता दें कि भारत में 60 प्रतिशत आबादी यानी 81 करोड़ 12 लाख लोग गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं। ऐसे में अगर UN का दावा सच साबी होता है तो देश में 90 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे आ जाएँगे। यानी जो 60 फीसदी लोग अभी गरीबी रेखा के नीचे हैं, उनका आंकड़ा बढ़कर 68 फीसदी हो जाएगा।

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