कोरोना इम्पैक्ट : RBI ने रेपो रेट 0.75 फीसद घटाया, EMI के बोझ में आएगी भारी कमी
लॉकडाउन के बीच देश की इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए सरकार की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के तहत रिजर्व बैंक ने उम्मीद के मुताबिक रेपो रेट में 75 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है।
नई दिल्ली: लॉकडाउन के बीच देश की इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए सरकार की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के तहत रिजर्व बैंक ने उम्मीद के मुताबिक रेपो रेट में 75 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। इस कटौती के बाद रेपो रेट 5.15 से घटकर 4.45 फीसदी पर आ गई है। रेपो रेट की यह कटौती आरबीआई इतिहास की सबसे बड़ी है।
बता दें कि बीते दो मौद्रिक समीक्षा बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट को लेकर कोई फैसला नहीं लिया था। इसके साथ ही आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में भी 90 बेसिस प्वाइंट कटौती करते हुए 4 फीसदी कर दी है।
रेपो रेट कटौती का फायदा होम, कार या अन्य तरह के लोन सहित कई तरह के ईएमआई भरने वाले करोड़ों लोगों को मिलने की उम्मीद है।
गुरुवार को राहत पैकेज के ऐलान में वित्त मंत्री ने इस पर कुछ नहीं कहा था। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी पीएम मोदी को लेटर लिखकर यह मांग की है कि लोगों के लोन ईएमआई भुगतान को छह महीने के लिए टाल दिया जाए।
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वित्तीय सेवा विभाग के सचिव ने लिखा लेटर
वित्त मंत्रालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए रिजर्व बैंक (आरबीआई) को लेटर लिखकर कहा है कि वह ग्राहकों को राहत देने के लिए आपातकालीन उपाय करे। अब रिजर्व बैंक इसके बारे में कदम उठाएगा और मध्यम वर्ग को राहत देते हुए कर्जों को चुकाने के लिए बैंक ज्यादा समय दे सकते हैं।
इकोनॉमिक टाइम्स में सूत्रों के हवाले से छपी एक खबर में कहा गया है कि वित्तीय सेवा विभाग के सचिव देबाशीष पांडा ने केन्द्रीय बैंक को पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि ईएमआई के भुगतान, ब्याज और कर्ज भुगतान पर कुछ महीनों का समय दिया जाए. साथ ही यह भी कहा है कि फंसे हुए कर्जों (एनपीए) को लेकर नियमों को भी कुछ आसान किया जाए।
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कोरोना को देखते हुए पत्र में आम लोगों और कारोबारियों को राहत उपायों की जरूरत पर बल दिया गया है, क्योंकि लंबे लॉकडाउन के चलते रोजगार संकट भी लोगों के सिर पर मंडरा रहा है।
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सोनिया गांधी ने भी पीएम मोदी को लिखा लेटर
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी गुरुवार को पीएम मोदी को लेटर लिखकर यह मांग की थी कि कोरोना को देखते हुए लोगों की ईएमआई और लोन भुगतान को छह महीने के लिए टाल दिया जाए।
सोनिया गांधी ने कहा था, 'केंद्र सरकार को सभी लोन 6 महीने के लिए टाल देने चाहिए और इस दौरान लगने वाले ब्याज को भी बैंकों को माफ करना चाहिए। इसी तरह सरकारी कर्मचारियों के वेतन से लोन की जो भी ईएमआई कटती है उसे भी छह महीने के लिए टाल देनी चाहिए।
गरीबों के लिए हुआ है पैकेज का ऐलान
गौरतलब है कि 21 दिनों के लॉकडाउन के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गरीबों के लिए गुरुवार को 1.70 लाख करोड़ के स्पेशल पैकेज का ऐलान किया है। इस पैकेज के जरिए देश के किसान, मजदूर और महिला वर्ग के अलावा बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों को राहत देने की कोशिश की गई है. लेकिन मिडिल क्लास के बारे में सरकार ने कुछ नहीं किया।
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मिडिल क्लास को लॉकडाउन की वजह से लोन और हर महीने जाने वाली ईएमआई की चिंता सता रही है। ऐसे में लोगों को ये उम्मीद थी कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस वर्ग को राहत दे सकती हैं।लेकिन ऐसा नहीं हुआ, हालांकि वित्त मंत्री ने ईपीएफ के मोर्चे पर थोड़ी राहत जरूर दी है।
लोन और ईएमआई पर क्या कहा था वित्त मंत्री ने
इस बारे में पत्रकारों के सवाल पर वित्त मंत्री ने लोन और ईएमआई की चिंताओं पर कहा कि फिलहाल हमारा फोकस गरीबों को भरपेट भोजन और उन्हें पैसे पहुंचाने पर है।
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