कोरोना की भारतीय अर्थव्यवस्था पर बड़ी मार, विश्वबैंक ने GDP पर जताया ये अनुमान

कोरोना वायरस पूरी दुनिया में तबाही मचा रहा है। इस जानलेवा वायरस वजह दुनिया की अर्थव्यवस्था पर मंदी का खतरा मंडरा रहा है। इस बीच विश्व बैंक ने कहा है कि कोरोना वायरस ने भारतीय अर्थव्यवस्था को जोरदार झटका दिया है।

Update: 2020-04-12 17:28 GMT

नई दिल्ली: कोरोना वायरस पूरी दुनिया में तबाही मचा रहा है। इस जानलेवा वायरस वजह दुनिया की अर्थव्यवस्था पर मंदी का खतरा मंडरा रहा है। इस बीच विश्व बैंक ने कहा है कि कोरोना वायरस ने भारतीय अर्थव्यवस्था को जोरदार झटका दिया है। इससे देश की आर्थिक विकास दर में भारी गिरावट आएगी।

विश्व बैंक ने रविवार को दक्षिण एशिया की अर्थव्यवस्था पर ताजा अनुमान कोविड-19 का प्रभाव रिपोर्ट में कहा है कि 2019-20 में भारतीय अथव्यवस्था की वृद्धि दर घटकर पांच प्रतिशत रह जाएगी। इसके अलावा 2020-21 तुलनात्मक आधार पर अर्थव्यवस्था की विकास दर में भारी गिरावट आएगी और यह घटकर 2.8 फीसदी होगी।

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रिपोर्ट में बताया गया है कि कोविड-19 का झटका ऐसे समय लगा है जबकि वित्तीय क्षेत्र पर दबाव की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था में पहले से सुस्ती है। इस महामारी पर अंकुश के लिए सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया है जिसकी वजह से लोगों की आवाजाही रुक गई है और वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हुई है।

GDP में हो सकती है बड़ी गिरावट

रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 की वजह से घरेलू आपूर्ति और मांग प्रभावित होने के चलते 2020-21 में आर्थिक विकास दर घटकर 2.8 प्रतिशत रह जाएगी। वैश्विक स्तर पर जोखिम बढ़ने के चलते घरेलू निवेश में सुधार में भी देरी होगी। अगले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में कोविड-19 का प्रभाव समाप्त होने के बाद अर्थव्यवस्था 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज कर सकेगी। हालांकि, इसके लिए अर्थव्यवस्था को वित्तीय और मौद्रिक नीति के समर्थन की जरूरत होगी।

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ये होंगे ज्यादा प्रभावित

विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री हैंस टिमर ने कहा कि भारत का परिदृश्य अच्छा नहीं है। टिमर ने कहा कि अगर भारत में लॉकडाउन अधिक समय तक जारी रहता है तो यहां आर्थिक परिणाम विश्व बैंक के अनुमान से अधिक बुरे हो सकते हैं। एक सवाल के जवाब में टिमर ने कहा कि इसके साथ ही भारत को लघु एवं मझोले उपक्रमों को दिवालिया होने से बचाना होगा।

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विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री का कहना है कि इस चुनौती से निपटने के लिए भारत को सबसे पहले इस महामारी को और फैलने से रोकना होगा, और साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि सभी को भोजन मिल सके। टिमर ने कहा कि इसके अलावा भारत को विशेष रूप से स्थानीय स्तर पर अस्थायी रोजगार कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

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