कालादान ट्रांजिट प्रोजेक्ट पर मंडरा रहा खतरा, निर्णायक कार्रवाई की तैयारी

कालादान ट्रांजिट प्रोजेक्ट पर खतरा मंडरा रहा है। उग्रवादी संगठन अराकान आर्मी और आराकान रोहिंग्‍या सोलवेसन आर्मी म्यांमार सेना पर हावी होती जा रही हैं। सूत्रों के मुताबिक इससे निपटने के लिए म्यांमार रखाईन स्टेट में इमरजेंसी लगाना चाहता है।

Update: 2019-04-03 04:52 GMT

नई दिल्‍ली : कालादान ट्रांजिट प्रोजेक्ट पर खतरा मंडरा रहा है। उग्रवादी संगठन अराकान आर्मी और आराकान रोहिंग्‍या सोलवेसन आर्मी म्यांमार सेना पर हावी होती जा रही हैं। सूत्रों के मुताबिक इससे निपटने के लिए म्यांमार रखाईन स्टेट में इमरजेंसी लगाना चाहता है। इसके बाद अराकान आर्मी के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जाएगी।

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आपको बता दें, अराकान आर्मी को आईएसआई हथियार और ट्रेनिंग मुहैया कराती है।

सूत्रों के मुताबिक म्यांमार सेना चाहती है कि भारतीय सेना उसके साथ मिलकर उग्रवादी संगठन को तबाह कर दे। लेकिन भारतीय सेना सीमा पार नहीं करना चाहती।

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क्या है कालादान प्रोजेक्ट

2008 में कालादान प्रोजेक्ट पर भारत और म्यांमार के बीच सहमती बनी थी। इस प्रोजेक्ट के पूरा हो जाने के बाद मिजोरम म्यांमार के रखाईन के सिटवे पोर्ट से जुड़ जायेगा। जबकि पाक समर्थित उग्रवादी नहीं चाहते कि ये प्रोजेक्ट पूरा हो।

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