जरा ध्यान दें: रक्षा मंत्री राजनाथ कर रहे हैं अपील, सुन तो लें क्या कह रहे हैं
रक्षा मंत्री ने दिल्ली में एक समारोह को संबोधित करते हुए देशवासियों से स्वेच्छा से सशस्त्र बल ध्वज दिवस कोष (एएफएफडी) में योगदान देने का आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि सशस्त्र बल ध्वज दिवस देश भर में हर साल की तरह इस बार भी 7 दिसंबर 2020 को मनाया जाएगा।
नई दिल्ली: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की ये बात सेना से जुड़ी है। वह कह रहे हैं कि हमारी सेनाएं हमेशा देश की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए बहादुरी से लड़ती रही हैं। इस प्रक्रिया में कई बार उन्होंने अपने जीवन को भी दांव पर लगाया औऱ अपने परिवार को पीछे छोड़ दिया। राजनाथ सिंह कहते हैं "इसलिए हमारे पूर्व सैनिकों के पुनर्वास और कल्याण, हमारे शहीदों और हमारे विकलांग सैनिकों के परिजनों की देखभाल की जिम्मेदारी हम सब की है।"
रक्षा मंत्री ने दिल्ली में एक समारोह को संबोधित करते हुए देशवासियों से स्वेच्छा से सशस्त्र बल ध्वज दिवस कोष (एएफएफडी) में योगदान देने का आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि सशस्त्र बल ध्वज दिवस देश भर में हर साल की तरह इस बार भी 7 दिसंबर 2020 को मनाया जाएगा। 1949 के बाद से, ये दिवस शहीदों के साथ-साथ वर्दी में सेवा देने वाले पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। ये उन लोगों का सम्मान है जो देश की सीमाओं की रक्षा के लिए बहादुरी से लड़ते हैं।
राजनाथ सिंह ने जताई उम्मीद
राजनाथ सिंह ने कहा कि ध्वज दिवस हमें इस फंड में योगदान करके इस जिम्मेदारी को पूरा करने का एक अवसर प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि लोगों के स्वैच्छिक योगदान के माध्यम से 2019-20 के दौरान 47 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। राजनाथ सिंह ने उम्मीद जताई है कि "भारत के लोग इस वर्ष भी स्वैच्छिक योगदान की भावना प्रकट करेंगे।"
ये भी पढ़ें...खुल गया कालिंदी कुंज बॉर्डर: किसानों को मिलेगी दिल्ली में एंट्री, आंदोलन रहेगा जारी
एएफएफडी फंड का उपयोग उन सैनिकों के परिजनों के पुनर्वास और कल्याण के लिए किया जाता है जिन्होंने अपने जीवन को कर्तव्य की पंक्ति में रखा। साथ ही उन सैनिकों जो विकलांगता का शिकार हो गए हों, वृद्ध, गैर-पेंशनभोगी, सैनिकों की विधवाओं और अनाथ बच्चों के पालन-पोषण के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
उन्हें विभिन्न योजनाओं जैसे गरीबी अनुदान, शिक्षा अनुदान, विधवा / बेटी विवाह अनुदान, विकलांग बच्चे अनुदान, चिकित्सा अनुदान, गृह मरम्मत अनुदान, अंतिम संस्कार अनुदान, अनाथ अनुदान और कुछ अन्य अनुदानों के माध्यम से भी वित्तीय सहायता दी जाती है।
भूतपूर्व सैनिकों (ईएसएम) समुदाय के कल्याण और पुनर्वास के लिए भारत सरकार द्वारा सशस्त्र बल ध्वज दिवस कोष (एएफएफडीएफ) का गठन किया गया है। 32 लाख से अधिक भूतपूर्व सैनिक हैं और हर साल 60,000 सैनिक सेवानिवृत होने के चलते इसमें जुड़ जाते हैं।
ये भी पढ़ें...किसानों की बड़ी जीत: 30 साल बाद बिका चावल, भारत चीन पर भारी
इन बैंक खातों के माध्यम से भेज सकते हैं पैसा
सशस्त्र बलों के ध्वज दिवस कोष में योगदान इसके बैंक खातों के माध्यम से भेजा सकता है। इसका विवरण इस प्रकार हैं:
i) पंजाब नेशनल बैंक (खाता नंबर 3083000100179875, IFSC कोड PUNB308300, शाखा सेवा भवन, आरके पुरम); (ii) भारतीय स्टेट बैंक (खाता नंबर 34420400623, IFSC कोड SBIN0001076 शाखा आरके पुरम) और (iii) आईसीआईसीआई बैंक खाता नंबर 182401001380, IFSC बैंक ICIC0001824 शाखा आरके Puram)
इस कोष में योगदान को भारत सरकार के आयकर की अधिसूचना संख्या 78/2007 दिनांक 26 मार्च 07 और आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 जी (5) (vi) के तहत आयकर निदेशक (ई) पत्र NQ से छूट दी गई है। DIT (E) | 2010-11 / DEL-AE22280-04012011 / 2186 दिनांक 04 जनवरी 11.
इस ध्वज कोष में कॉर्पोरेट योगदान कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 135 के तहत कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व को पूरा करने के लिए पात्र हैं, क्योंकि यह "सशस्त्र बलों के वरिष्ठ सैनिकों, युद्ध विधवाओं और उनके आश्रितों के लाभ के लिए उपायों का पालन करता है" (कंपनी अधिनियम की अनुसूची सातवीं के खंड VI , 2013)।
ये भी पढ़ें...बी वी श्रीनिवास बने युवा कांग्रेस के पूर्णकालिक अध्यक्ष, तेजस्वी सूर्या से है मुकाबला
केंद्रीय सैनिक बोर्ड के सचिव एयर कमांडर बी अहलूवालिया ने कहा कि इस वर्ष दिसंबर महीने को सशस्त्र बलों और इसके वरिष्ठ सैनिकों के योगदान को सम्मानित करने के लिए "गौरव माह" के रूप में मनाया जाएगा। यह बोर्ड भारत सरकार की सर्वोच्च संस्था ह, जो पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के पुनर्वास और कल्याण के लिए नीतियां बनाती है। सशस्त्र बल ध्वज दिवस कोष को केंद्रीय सैनिक बोर्ड द्वारा प्रशासनिक रूप से नियंत्रित किया जाता है।
दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।