भारतीय सेना लद्दाख में डटी: रक्षा मंत्रालय बोला- नहीं छोड़ा किसी भी इलाके पर दावा
भारत की धारणा के मुताबिक LAC फिंगर 8 पर है, ना कि फिंगर चार पर। मंत्रालय ने कहा कि यह कहना सरासर गलत है कि पैंगोंग सो इलाके में भारतीय भूभाग फिंगर 4 तक है।
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर बीते साल से चीन के साथ जारी तनाव को लेकर अब समझौता हो चुका है। भारत सरकार के सख्त रवैया के चलते चीन को आखिरकार पीछे हटने के लिए राजी होना ही पड़ा है। अब दोनों देशों की सेनाएं पूर्वी लद्दाख में विवादित क्षेत्र से पीछे हटेंगी और अप्रैल 2020 से पहले वाली स्थिति को फिर से लागू किया जाएगा।
अपने किसी क्षेत्र पर दावा नहीं छोड़ा गया
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में गुरुवार को बताया कि पैंगोंग के नॉर्थ और साउथ बैंक को लेकर चीन के साथ समझौता हो गया है। इसके बाद अब केंद्रीय रक्षा मंत्रालय (Defense Ministry) ने साफ किया है कि LAC पर चीन के साथ हुए समझौते में अपने किसी क्षेत्र पर दावा नहीं छोड़ा गया है। बता दें कि रक्षा मंत्री ने कल ही साफ कर दिया था कि हम अपनी एक इंच जगह भी किसी को नहीं लेने देंगे।
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LAC फिंगर 8 पर है, ना कि फिंगर चार पर
मंत्रालय ने कहा है कि पैंगोग सो के उत्तरी किनारे पर दोनों ओर की स्थायी चौकियां टिकाऊ और बखूबी स्थापित हैं। चीन के साथ मौजूदा सहमति समेत फिंगर 8 तक गश्त करने के अपने अधिकार का भारत निरंतर इस्तेमाल करता रहा है। वहीं, भारत की धारणा के मुताबिक LAC फिंगर 8 पर है, ना कि फिंगर चार पर। मंत्रालय ने कहा कि यह कहना सरासर गलत है कि पैंगोंग सो इलाके में भारतीय भूभाग फिंगर 4 तक है।
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क्यों दिया मंत्रालय ने ये स्पष्टीकरण
बता दें कि मंत्रालय की ओर से ये स्पष्टीकरण पैंगोंग लेक इलाके में चल रहे डिइंगेजमेंट प्रोसेस (Disengagement process) को लेकर मीडिया और सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों के संदर्भ में दिया है। मंत्रालय ने कहा कि एलएसी की स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा संसद में दे दी गई है।
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