Delhi Ordinance Bill: दिल्ली सेवा बिल लोकसभा से पास, CM केजरीवाल ने कहा- 'आगे से PM मोदी की बात पर विश्वास...'
Delhi Ordinance Bill : दिल्ली अध्यादेश बिल लोकसभा में पास हो गया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि, '2014 में पीएम मोदी ने खुद दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की बात कही थी।'
Delhi Ordinance Bill: दिल्ली अध्यादेश बिल गुरुवार (03 अगस्त) को लोकसभा में पास हो गया। संसद के निचले सदन से बिल पास होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) की प्रतिक्रिया सामने आई है। आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। सीएम केजरीवाल ने बीजेपी के साथ-साथ प्रधानमंत्री पर भी निशाना साधा।
सीएम केजरीवाल ने ट्वीट में लिखा, 'हर बार बीजेपी ने वादा किया कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे। 2014 में पीएम मोदी ने खुद कहा कि प्रधानमंत्री बनने पर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे। लेकिन, आज इन लोगों ने दिल्ली वालों की पीठ में छुरा घोंप दिया। आगे से उनकी किसी बात पर विश्वास मत करना।'
हर बार बीजेपी ने वादा किया कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे। 2014 में मोदी जी ने ख़ुद कहा कि प्रधान मंत्री बनने पर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे। लेकिन आज इन लोगों ने दिल्ली वालों की पीठ में छुरा घोंप दिया। आगे से मोदी जी की किसी बात पे विश्वास मत करना https://t.co/y1sCvbtZvU
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 3, 2023
केजरीवाल- सदन में शाह फालतू बातें कर रहे थे
इससे पहले, सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah on Delhi Ordinance Bill) को निशाने पर लिया था। दिल्ली अध्यादेश बिल पर बहस के दौरान आज लोकसभा में अमित शाह के बयानों पर भी केजरीवाल ने टिप्पणी की। बोले, 'आज लोकसभा में अमित शाह को दिल्ली वालों के अधिकार छीनने वाले बिल पर बोलते सुना था। बिल का समर्थन करने के लिए उनके पास एक भी वाजिब तर्क नहीं है। बस, इधर-उधर की फालतू बातें कर रहे थे। हालांकि, वो भी जानते हैं कि वो गलत कर रहे हैं। यह बिल दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने वाला है। उन्हें बेबस और लाचार बनाने वाला है। विपक्षी गठबंधन 'INDIA' का जिक्र करते हुए कहा, ये (इण्डिया) ऐसा कभी नहीं होने देगा।'
'दिल्ली में बीजेपी-कांग्रेस सरकार में कोई लड़ाई नहीं हुई'
दरअसल, गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में बहस के दौरान कहा, 'सेवाएं हमेशा केंद्र सरकार के पास रही हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने एक व्याख्या दी। साल 1993 से 2015 तक किसी भी मुख्यमंत्री ने लड़ाई नहीं लड़ी। बीजेपी हो या कांग्रेस की सरकार कोई लड़ाई नहीं हुई। क्योंकि, जो भी सरकार बनी उसका उद्देश्य लोगों की सेवा करना था। लड़ने की कोई ज़रूरत नहीं है। अगर, जरूरत है तो सेवा करने की, लेकिन अगर उन्हें सत्ता चाहिए तो वे लड़ेंगे।'