केजरीवाल की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला सुरक्षित, सीएम के वकील बोले- ‘सबको मिल रही बेल’

Delhi Excise Policy Case: सुनवाई के दौरान केजरीवाल कीवकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह गिरफ्तारी एडिशनल 'इंश्योरंस अरेस्ट' है। वहीं, सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि अरविंद केजरीवाल की अधिकारियों के साथ गहरी सांठगांठ है।

Newstrack :  Network
Update: 2024-07-17 10:37 GMT

Delhi Excise Policy Case (सोशल मीडिया) 

Delhi Excise Policy Case: दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी और रिमांड आदेश को चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में बुधवार सुनवाई हुई। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट ने कहा कि मुझे फैसला लिखने के लिए समय चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 29 जुलाई को लगा दी है। मोहर्रम छुट्टी होने की वजह से केजरीवाल की जमानत याचिका की सुनवाई हाई कोर्ट की जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने की। उधर, सीबीआई ने कोर्ट में केजरीवाल की जमानत याचिका का विरोध करते हुए हलफनामा दायर किया।

सिंघवी कोर्ट में बोले- एडिशनल इंश्योरंस अरेस्ट

सुनवाई के दौरान केजरीवाल कीवकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह गिरफ्तारी एडिशनल 'इंश्योरंस अरेस्ट' है। यह तब है जब सीएम तो तीन बार इस मामले में राहत मिल चुकी है। इस मामले में सबको जमानत मिल रही है, मेरी पार्टी का नाम आम आदमी पार्टी है, लेकिन मुझे बेल नहीं मिल रही। तथ्यों को देखते हुए मुझे जमानत दी जाए। उन्होंने आगे कहा कि कोर्ट चाहे तो विस्तार से सुनवाई करके अपना फैसला सुरक्षित भी सकती है, लेकिन पहले केजरीवाल को की अंतरिम जमानत याचिका पर उनको अंतरिम राहत दे दी जाए। हालांकि कोर्ट ने केजरीवाल के वकील की इन बातों को नहीं माना और कह दिया कि पहले हम केजरीवाल की तरफ से दी गई गिरफ्तारी और चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला करेंगे। उसके बाद कोई फैसला करेंगे।

झूठे मामले में उन्हें किया गया गिरफ्तार

सिंघवी ने कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की हालात का भी हलावा दिया। कहा कि, केजरीवाल की ब्लड शुगर पांच बार सोते हुए 50 के नीचे जा चुका है। यह चिंता का कारण है। सोते समय शुगर का स्तर गिरना खतरनाक है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी केजरीवाल को अंतरिम जमान दी थी और और केजरीवाल ने सरेंडर कर दिया था। उसी के बाद ट्रायल कोर्ट ने जमानत दी थी। ट्रायल कोर्ट का फैसला बिल्कुल ठीक था। केजरीवाल कहीं भाग नहीं रहे हैं और उन्हें झूठे मामले में गिरफ्तार किया गया है। केजरीवाल ने हमेशा जांच में सहयोग किया है।

केजरीवाल की अधिकारियों के साथ है गहरी सांठगांठ

सीबीआई अरविंद केजरीवाल की जमानत का विरोध करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में डाले हलफनामे कहा कि अरविंद केजरीवाल की अधिकारियों के साथ गहरी सांठगांठ है। केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के सहयोगी और उनकी पत्नी गवाहों को परोक्ष रूप से प्रभावित करने के लिए झूठी कहानी पेश कर रहे। आज तक ऐसी कोई टिप्पणी नहीं आई है कि सीबीआई अतिउत्साही रही है या उसने ऐसा कुछ किया है, जिससे किसी कानून का उल्लंघन हुआ हो। सीबीआई ने ऐसा कोई कार्य नहीं किया है, जिसे अप्राप्य कहा जा सके। सीबीआई ने सामग्री जुटाने में तीन महीने तक काम किया, ऐसा नहीं है कि एजेंसी ने कुछ नहीं किया। केजरीवाल लोक सेवक हैं और उनसे पूछताछ के लिए पीसी एक्ट में अनुमति की जरूरत होती है। जनवरी में मामले में सरकारी गवाह बने मगुंटा रेड्डी ने बयान दिया और 23 अप्रैल में अनुमति मिली और इससे पहले हम कुछ नहीं कर सकते थे। सीबीआई में काम करने का एक तरीका है।

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