ईडी ने अरविंद केजरीवाल को जारी किया 8वां समन, अब तक नहीं पेश हुए जांज एजेंसी के सामने मुख्यमंत्री
Delhi Excise policy: मुख्यमंत्री केजरीवाल सोमवार को सातवें समन में शामिल नहीं हुए थे। उन्होंने कहा कि अगर अदालत उन्हें ऐसा करने का आदेश देगी तो वह एजेंसी के सामने पेश होंगे।
Delhi Excise policy: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बार फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 'घोटाले' में पूछताछ के लिए बुलाया। ईडी ने मंगलवार को सीएम केजरीवाल को 8वां समन जारी किया है। 4 मार्च को जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। इससे पहले ईडी में केजरीवाल को 7वां समन जारी किया था और इस समन में भी आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय अरविंद केजरीवाल पेश नहीं हुए थे। ईडी के इस समन को गैरकानूनी करार दिया था।
अदालत के आदेश पर पेश होंगे
मुख्यमंत्री केजरीवाल सोमवार को सातवें समन में शामिल नहीं हुए थे। उन्होंने कहा कि अगर अदालत उन्हें ऐसा करने का आदेश देगी तो वह एजेंसी के सामने पेश होंगे। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि यह समन उन पर इंडिया ब्लॉक छोड़ने के लिए दबाव डालने जारी किए जा रहे हैं।
केजरीवाल के खिलाफ ईडी ने दर्ज कराई शिकायत
ईडी ने हाल ही में इस मामले में उसके समन की अवज्ञा करने के लिए केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में एक नई शिकायत दर्ज की थी। इसके बाद दिल्ली की एक अदालत ने मुख्यमंत्री को 16 मार्च को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया। इन समन पर आप पार्टी ने एक बयान में कहा कि जांच एजेंसी को बार-बार समन भेजने के बजाय उसके आदेश का इंतजार करना चाहिए।
हालांकि, आठवां समन जारी करते समय प्रवर्तन निदेशालय ने इस तर्क को खारिज कर दिया कि केजरीवाल की उपस्थिति के लिए एक नया नोटिस गलत था, क्योंकि मामला विचाराधीन था। 14 फरवरी को ईडी ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 मामले में कथित अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच में दिल्ली के मुख्यमंत्री को छठा समन जारी किया था, जिसमें उन्हें 19 फरवरी को जांच में शामिल होने के लिए कहा गया था। यह समन 2 फरवरी को पांचवें समन में शामिल नहीं होने के बाद जारी किया गया था।
जानिए कब-कब जारी हुए समन
सीएम केजरीवाल ने इससे पहले 2 फरवरी, 18 जनवरी, 3 जनवरी, 2 नवंबर और 22 दिसंबर को ईडी द्वारा जारी किए गए पांच समन को अवैध और राजनीति से प्रेरित बताते हुए नजरअंदाज कर दिया था। उन्होंने ईडी को पत्र लिखकर उन्हें वापस लेने की मांग भी की थी।
क्या हैं आरोप
दरअसल, दिल्ली सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 नई एक्साइज प़ॉलिसी लाई थी। हालांकि आरोपों के बाद इस पॉलिसी को वापस ले लिया था और दिल्ली में पुरानी शराब नीति लागू कर दी थी। दिल्ली सरकार पर आरोप हैं कि नई एक्साइज प़ॉलिसी के तहत जिन शराब व्यापारियों को लाइसेंस जारी किए थे, इसके लिए उन्हें भारी भरकम पैसे लिए थे और मनपसंद शराब व्यापारियों को ही लाइसेंस जारी किए गए। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने गड़बड़ी के चलते शराब नीति को रद्द कर दिया था और सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। ईडी ने भी कथित मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में मामला दर्ज किया था। इस मामले पर दोनों केंद्रीय जांच एजेंसी की जांच जारी है।